57 साल बाद मिला दूसरा सबसे बड़ा बेशकीमती हीरा | रंक से राजा बना मजदूर मोतीलाल

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बहुमूल्य हीरा को दिखाता मजदूर मोतीलाल प्रजापति और समीप खड़े उसके भाई।

42 कैरेट 59 सेंट है उथली खदान में मिले हीरे का वजन

 उज्जवल किस्म के इस नायाब हीरे की कीमत करोड़ों में होने की है चर्चाएं 

वर्ष 1961 में पन्ना के रसूल मोहम्मद को मिला था 44 कैरेट का सबसे बड़ा हीरा

शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज  रत्नगर्भा वसुंधरा पन्ना में लोगों की किस्मत चमकते देर नहीं लगती। यहां किस्मत जब किसी पर मेहरबान होती है तो वह एक झटके में ही रंक से राजा बन जाता है। पेशे से मजदूर मोतीलाल प्रजापति इसका जीता-जागता उदाहरण बन गए हैं। उसे मंगलवार 9 अक्टूबर 2018 की सुबह 42 कैरेट 59 सेंट का बेशकीमती नायाब हीरा मिला है। उज्जवल किस्म के इस हीरे की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। जिला मुख्यालय पन्ना के समीप ग्राम कृष्णा कल्याणपुर में पट्टा लेकर हीरे की उथली खदान खोद रहे मोतीलाल ने आज सुबह जब खदान से निकली कंकड़ युक्त चाल (ग्रेवल) को टोकरी में धोकर सुखाने के लिए जमीन पर पलटा तो अचानक तेज चमकदार पत्थर की रोशनी से उनकी आंखें चौंधिया गई।

मजदूर मोतीलाल प्रजापति को मिले नायाब हीरे को देखते डीके साहू ।

मोतीलाल और उसके भाई रघुवीर प्रजापति ने जब उस पत्थर को हांथ में लेकर गौर से देखा तो उनकी आंखों से ख़ुशी से आंसू छलक ऊठे। वह कोई साधारण पत्थर नहीं बल्कि बेशकीमती नायाब हीरा था। हाथ में हीरे को पकड़े दोनों भाईयों को कुछ देर तक तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी किस्मत चमक उठी है। बहुमूल्य हीरा लेकर दोपहर में दोनों भाई जब पन्ना स्थित देश के एकमात्र हीरा कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि 57 साल बाद दूसरा सबसे बड़ा जैम क्वॉलिटी का नायाब हीरा उन्हें मिला है। यह जानकर उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। हीरा कार्यालय पन्ना के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व 15 अक्टूबर 1961 में पन्ना के ही रसूल मोहम्मद को महुआटोला की उथली खदान में 44 कैरेट 55 सेंट का सबसे बड़ा हीरा मिला था।

नीलामी का बनेगा रिकॉर्ड

हथेली में रखकर नायाब हीरे को दिखाते हीरा पारखी अनुपम सिंह।

हीरा पारखी अनुपम सिंह के अनुसार मोतीलाल प्रजापति को मिला हीरा वजन और क्वालिटी के लिहाज से दूसरा बहुमूल्य हीरा है। उन्होंने श्रमिक मोतीलाल से हीरा प्राप्त कर उसे सरकारी खजाने में जमा कर लिया है। पत्रकारों से चर्चा में हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात आगामी माह में आयोजित होने वाली हीरों की शासकीय नीलामी इस हीरे को भी बिक्री के लिए रखा जायेगा। आपने हीरे की अनुमानित कीमत तो नहीं बताई सिर्फ इतना ही कहा कि इसकी नीलामी का रिकार्ड बनेगा। उधर बहुमूल्य हीरा मिलने की खबर फैलने के बाद से मोतीलाल और उसके भाईयों के घर पर उत्सव जैसा माहौल है। छप्पर फाड़कर मिलने की ख़ुशी प्रजापति परिवार के प्रत्येक सदस्य के चेहरे पर साफ़ झलक रही है। पन्ना के बेनीसागर मोहल्ला स्थित इनके घर पर सुबह से ही परचितों और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा है। गरीब श्रमिक मोतीलाल ने रडार न्यूज को बताया कि ईश्वर की असीम अनुकंपा उसे महज डेढ़ माह की मेहनत ही हीरा मिल गया। जबकि अधिकांश लोग पूरी जिंदगी खदान खोदते रहते हैं और उन्हें एक अदद हीरा नहीं मिलता। इस हीरे की बिक्री से जो राशि मिलेगी उसे वह और उसके चारों भाई आपस में बांट लेंगे। अपने बच्चों का विवाह करने के बाद शेष राशि से कोई व्यवसाय करेंगे ताकि मजदूरी छोड़कर सम्मानपूर्वक जीवनयापन संभव हो सके।