* मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के क्रियान्वयन का मामला
* पन्ना नगर पालिका परिषद पर अव्यवहारिक शर्तें थोपने का आरोप
* सीएमओ ने दी सफाई, सिर्फ टैक्स सर्वे और बिल वितरण का सौंपा काम
* युवा बोले, नपा प्रबंधन कहता कुछ है, दबाब बनाकर काम कुछ और ही कराता
* कार्यक्षेत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के बाद भी बरकरार है नाराजगी
शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रो में रहने वाले 21-30 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने एवं जीवन यापन की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्ष में एक निर्धारित अवधि तक युवाओं को सार्थक रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना शुरू की गई है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार की युवा हितैषी इस अनूठी योजना के क्रियान्वयन को लेकर पन्ना में पिछले कुछ दिनों से विवाद की स्थिति बनी है। इस योजना के तहत पंजीकृत युवा प्रशिक्षणार्थी नगर पालिका परिषद पन्ना पर सम्पत्ति कर और जलकर की वसूली करने पर ही मानदेय का भुगतान करने का आरोप लगा रहे हैं। दो दिन पूर्व मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में लाने के बाद नगर पालिका परिषद की और स्थिति स्पष्ट की गई लेकिन फिर भी विवाद का हल नहीं हो सका। इससे निराश और नाराज युवाओं ने शनिवार को दोपहर में नगर पालिका के कार्यालय में जमकर नारेबाजी की। फिलहाल युवा और नपा अपनी-अपनी बातों पर अड़े हैं, जिससे गतिरोध बरकरार है।
योजना को बदनाम करने की साजिश
पंजीकृत प्रशिक्षणार्थी युवाओं और उनके नेता सत्यजीत सिंह का आरोप है कि नगर पालिका परिषद पन्ना की कथनी-करनी के अंतर के कारण युवाओं में नाराजगी है। युवाओं से कहा जाता है कि नगर पालिका के बकाया करों की शहरवासियों से वसूली करके लाओ। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को न्यूनतम 13,300 रुपए की पहले वसूली करना अनिवार्य है तब उन्हें मानदेय के 4,000 रूपए का भुगतान किया जायेगा। ये सभी करों की वसूली करने के लिए भी तैयार हैं लेकिन नगर पालिका के लोग निर्देश देने के बाद इस काम में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों का निराकरण करने के प्रति घोर उदासीनता बरत रहे हैं। जिससे युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है। सत्यजीत सिंह का कहना है कि घर-घर जाकर बकाया टैक्स भुगतान माँगने पर इन्हें बिना नगर पालिका के अधिकृत परिचय पत्र और रशीद बुक के बगैर इन्हें कौन पैसा देगा ? यदि रशीद बुक और परिचय पत्र जारी करने में कोई गुरेज है तो नगर पालिका के किसी नियमित कर्मचारी को इनके साथ भेजा जाए। ताकि, लोग निश्चिन्त होकर बकाया करों का भुगतान कर सकें। नगरीय निकाय में बायोामैट्रिक डिवाईस से लगने वाली उनकी उपस्थिति को नियमित रूप से दर्ज कराया जाए। उपस्थिति दर्ज न कर युवाओं पर अनावश्यक मानसिक दबाव न बनाया जा रहा है जोकि आपत्तिजनक है। । इनका आरोप है कि पन्ना नगर पालिका में बीजेपी का अध्यक्ष होने के कारण चुनाव के समय कांग्रेस सरकार की महत्वकांक्षी योजना को लेकर बेबजह विवाद पैदा किया जा रहा है। इसके पीछे मंशा युवाओं में नकारात्मक धारणा बनाकर योजना का दुष्प्रचार करना है। लेकिन हम इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे।
नपा के लोग करते है दोहरी बातें
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के सहायक नोडल अधिकारी अरुण चन्द्रपुरिया की मानें तो इस घटनाक्रम के दो दिन पूर्व ही सभी को यह सपष्ट किया जा चुका है कि उन्हें किसी भी तरह की टैक्स वसूली नहीं करनी है, उनका काम सिर्फ नगर पालिका के राजस्व में वृद्धि हेतु ऐसी सम्पत्तियों का सर्वे करना है जिनसे निकाय को कम टैक्स मिल रहा है। इसके अलावा बकाया जलकर, सम्पत्ति कर के बिलों का वितरण करना है। टैक्स वसूली के लिए हम पहले ही मना कर चुके हैं लेकिन न जाने क्यों इस बात को अनावश्यक तूल देकर हंगामा खड़ा किया जा रहा है। उधर, नपा की इस सफाई पर प्रशिक्षणार्थियों और उनका समर्थन कर रहे कांग्रेस के युवा नेता सत्यजीत सिंह एवं अनीस पिंकू सिद्दीकी का नपा पर आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों व मीडिया के सामने वे कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। इनकी दोहरी बातों के कारण ही आज युवा परेशान हैं इसलिए उनमें नाराजगी हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के तहत पंजीकृत युवाओं से नगरीय निकायों में जो कार्य कराए जाने हैं उनमें बकाया सम्पत्ति कर, जलकर एवं निकाय की सम्पत्तियों की किराया वसूली तथा दुकानों-व्यवसायिक संस्थानों के लायसेन्सियों से फीस वसूल करना भी शामिल है। इन युवाओं को मानदेय के रूप में जो राशि दी जानी है उसमें राज्य सरकार का अंश 90 प्रतिशत और सम्बंधित नगरीय निकाय को 10 प्रतिशत राशि अपने बजट से देनी है। पन्ना में वर्तमान में इस योजना के मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत करीब 300 युवा पंजीकृत बताए जा रहे हैं।
इनका कहना है –
“पंजीकृत युवाओं को यह पुनः स्पष्ट किया गया है कि उन्हें किसी तरह की टैक्स वसूली नहीं करना है, उनको तो सिर्फ उन सम्पत्तियों को चिन्हित करना है जहाँ से नियमानुसार टैक्स प्राप्त नहीं हो रहा है और सम्पत्ति कर एवं जलकर के बिल-नोटिस वितरित करना है। हाजिरी लगाने में भी कोई समस्या नहीं है, जितने भी लोग समय पर नगर पालिका में उपस्थित होकर सौंपे गए कार्य को करेंगे उनकी हाजिरी अवश्य लगाई जाएगी।”