जंगली खरगोश की पार्टी ने पहुँचाया हवालात, वन विभाग के जाल में रंगे हाथ फँसे शिकारी

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धरमपुर रेन्जर बी.के. विश्वकर्मा एवं मैदानी वन अमले द्वारा पकड़े गए शिकारी तथा उनसे जब्त जंगली खरगोश का माँस।

* उत्तर वन मण्डल पन्ना की धरमपुर रेन्ज का मामला

* धरमपुर रेन्ज अंतर्गत शिकारियों के लगाए फंदे में दो दिनों तक फँसा रहा तेंदुआ !

मुस्तक़ीम खान, अजयगढ़/पन्ना।(www.radarnews.in) पन्ना जिले में शिकार की चिंताजनक तेजी से बढ़ती घटनाओं के बीच कुछेक मामलों में शिकारी भी पकड़े जा रहे हैं। यहाँ के उत्तर वन मण्डल की धरमपुर रेन्ज अंतर्गत गत दिनों पंचमपुर एवं धरमपुर बीट के सीमावर्ती जंगल में कथित तौर पर क्लिच वायर के फंदे में एक तेंदुआ के दो दिनों तक फँसे रहने का मामला उजागर होने से मचे हड़कंप के चलते विभागीय अमला हरकत में आ गया है। परिणामस्वरूप वनकर्मियों ने शुक्रवार 17 जनवरी को मुखबिर से मिली सटीक सूचना पर कार्रवाई करते हुए दो शिकारियों को जंगली खरगोश के माँस के साथ दबोंचा है। वन विभाग के जाल में फंसे शिकारियों ने सुबह फंदा लगाकर जंगली खरगोश का शिकार किया था। खरगोश के माँस को पकाकर शिकारी जब पार्टी करने वाले थे तभी धरमपुर रेन्ज के वनकर्मियों ने दबिश देकर उन्हें हिरासत में ले लिया। पकड़े गए शिकारियों में बाबू सिंह पिता हीरालाल लोध निवासी चम्पतपुर और बड़े भईया पिता मुन्नीलाल लोध निवासी पंचमपुर शामिल है।
धरमपुर रेन्जर बी.के. विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपी धरमपुर रेन्ज की बीट पंचमपुर के वन कक्ष क्रमांक- 38 में निर्माणधीन पानी की टंकी के पास जंगली खरगोश का शिकार करने के पश्चात उसके माँस को पकाकर पार्टी करने की तैयारी में थे। तभी मुखबिर से मिली सूचना पर आनन-फानन कार्रवाई करते हुए बाबू सिंह पिता हीरालाल लोध निवासी चम्पतपुर और बड़े भईया पिता मुन्नीलाल लोध निवासी पंचमपुर को दबिश देकर जंगली खरगोश के ताजे माँस के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। दोनों के विरुद्ध वन अपराध कायम कर सुरक्षा की दृष्टि उन्हें पुलिस की अभिरक्षा में भेजा गया है। शनिवार को इनको न्यायालय में पेश करने की बात कही जा रही है। जंगली खरगोश के शिकार के आरोप में पकड़े गए दोनों युवा खुद को निर्दोष बता रहे है। इनका कहना है, जंगली खरगोश का शिकार कर कुत्ते उसे घसीट रहे थे, हमनें तो सिर्फ कुत्तों से उसे छुड़ाया है, हमने उसका शिकार नहीं किया।

शिकार को लेकर जारी है अलर्ट

फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति त्यौहार के उपलक्ष्य पर शिकार की आशंका को देखते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व एवं जिले के उत्तर एवं दक्षिण वन मण्डल में अलर्ट घोषित है। शिकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु मैदानी अमले को अपने-अपने क्षेत्र में सघन जंगल गश्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। बाबजूद इसके गत दिनों उत्तर वन मण्डल की धरमपुर रेन्ज अंतर्गत बीट धरमपुर एवं पंचमपुर के सीमावर्ती जंगल में कथित तौर पर एक तेंदुए के दो दिनों तक क्लिच वायर के फंदे में फंसा रहा। वन विभाग के चौकीदार रामाधार लोध के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों इसकी सूचना दी गई। लेकिन वन विभाग की टीम 14 जनवरी की रात्रि में जब मौके पर पहुँची तब तक उक्त तेंदुआ खुद को फंदे से आजाद कर जंगल की ओर भाग चुका था। वनकर्मियों को मौके पर क्लिच वायर का एक फंदा और कुछ पगमार्क मिले हैं। लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उक्त पगमार्क तेंदुए के हैं अथवा किसी अन्य वन्यप्राणी के हैं।

जाँच में है तेंदुआ का मामला

सांकेतिक फोटो।
पन्ना जिले के संरक्षित एवं सामान्य वन क्षेत्रों में बेजुबान वन्यजीवों की शिकार की हैरान करने वाली घटनाओं के बीच सामने आए इस मामले के मीडिया की सुर्खियां बनने से हुई बदनामी के मद्देनजर कतिपय वनकर्मी अब सफाई दे रहे हैं कि, फंदे तेंदुआ नहीं लकड़बग्घा फँसा था। हालाँकि जिम्मेदार इस मामले में दावे के साथ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उत्तर वन मण्डल की प्रभारी डीएफओ मीना मिश्रा ने यह तो स्वीकार किया है कि फंदे में कोई वन्यजीव फँसा था, वह तेंदुआ था या लकड़बग्घा यह अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जाँच जारी है, जिसके पूर्ण होने पर ही तस्वीर साफ़ हो पाएगी। इस प्रकरण से चौतरफा हो रही किरकिरी के बीच वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग रहे थे। हालाँकि इस बीच मैदानी वन अमले ने पंचमपुर बीट अंतर्गत ही जंगली खरगोश के शिकारियों को रंगे हाथ पकड़कर अपनी मुस्तैदी साबित करने के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों को थोड़ी राहत अवश्य दी है।