अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर पन्ना में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
* अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर पन्ना में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम
* जीवन को मर्यादा संपन्न बनाने श्री राम के आदर्शों पर चलने का किया आव्हान
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) अयोध्या धाम में सोमवार 22 जनवरी 2023 को प्रभु श्री राम लला की दिव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर पवित्र नगर पन्ना में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें धर्म और अध्यात्म में गहरी रूचि रखने वाले भाई-बहन उपस्थित रहे। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना की प्रमुख बीके सीता बहनजी ने सभी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं। आपने कहा, आज देशभर में दिवाली जैसे उत्सव का माहौल है। कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम-सीता मैया की जीवंत झांकी सजाई गई। अंत में सभी ने श्री राम के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
सदियों के इंतजार के बाद संकल्प हुआ साकार
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर पन्ना में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रमुख बीके सीता बहनजी ने प्रभु श्री राम के जीवन आदर्शों को विस्तार से बताया।
अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला की दिव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पन्ना दीप प्रज्ज्वलन का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बीके सीता बहन ने सभी को इस पावन दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, आज हर मन, हर घर राममय हो गया है। चारों दिशाएं और प्रकृति भी प्रफुल्लित है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह उत्सव, उल्लास और आनंद का दिवस है। इस मंगल बेला के इंतजार में सदियां बीत गईं। ईश्वर की हम पर विशेष अनुकंपा है कि, सदियों पुराने संकल्प को हमसब साकार (सिद्ध) होते हुए देख रहे हैं। इसलिए आज हमें यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर पूरी सृष्टि में श्री राम ही क्यों मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए? क्यों उनके जीवन के प्रत्येक कर्म में आदर्श और धर्म परायणता की छवि दिखती है? उन्होंने कैसे अपने दिव्य गुणों, विशेषताओं और कर्म से त्रेतायुग से लेकर जन-जन में अपनी अलौकिक दिव्य और आदर्श छवि से सदा सभी को मोहित और प्रेरित किया?
दिव्य गुणों के सागर हैं प्रभु श्री राम
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पन्ना में आयोजित हुए विशेष कार्यक्रम में प्रभु श्रीराम-सीता मैया की जीवंत झांकी सजाई गई।
बीके सीता बहन जी बताया कि हमारी सोच और कर्म हमारे व्यक्तित्व का आईना होते है। आज श्री राम के जीवन से यदि हम चंद गुणों और विशेषताओं को भी आत्मसात करते हैं तो हमारा जीवन भी महान बन जाएगा। हम देवत्व की ओर बढ़ जाएंगे। आपने कहा कि, धैर्यता, दयालुता, नेतृत्व कला, आदर्श भाई , मित्र भाव, आज्ञाकारी पुत्र, दातापन आदि, वे गुण हैं जिन्होंने श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम बनाया। धैर्यवान व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता, यश, कीर्ति और सम्मान पाता है। धैर्यता हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। दया धर्म का मूल्य है, दयालु व्यक्ति ईश्वर के सबसे नजदीक होता है लेकिन जिसमें दयालुता नहीं उसे इंसान होने का हक नहीं। दयालु व्यक्ति सभी के मन को मोह लेता है और वह लोकप्रिय बन जाता है। श्री राम के मन में भी सदा ही सभी के प्रति दयालुता का भाव रहा।
आदर्श मित्र और आज्ञाकारी पुत्र का निभाया दायित्व
दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में उपस्थित धर्मप्रेमी भाई-बहनों को संबोधित करतीं बीके सीता बहनजी।
ब्रह्माकुमारी बहनजी ने, प्रभु श्री राम के जीवन आदर्शों को सरल-सहज तरीके से समझाते हुए बताया, लोगों के हृदय में वही राज कर सकता है जिसमें नेतृत्व करने की कला हो। एक अच्छा लीडर वही होता है जो सबको साथ लेकर चले। सभी के सुख-दुख में सहभागी हो। जिस घर में भाइयों में एकता, आपसी विश्वास, प्रेम, सम्मान का भाव होता है वह परिवार दुनिया की हर समस्या का सामना कर सकता है। एकता में ही विजय है, एकता आपस में जोड़ती है। श्री राम का अपने भाइयों से अपार स्नेह और प्रेम था, जो उन्हें आपस में जोड़े रखा। आज हर कोई अच्छा मित्र चाहता है लेकिन खुद किसी का अच्छा हितेषी और विश्वासपात्र मित्र नहीं बनता। श्री राम ने केवट, सुग्रीव, निषादराज और विभीषण से मित्रता निभाई और सदा उन्हें संकटों से उबारा। श्री राम ने एक आज्ञाकारी पुत्र का दायित्व भी निभाया। पिता के वचन की लाज रखने के लिए राजसत्ता छोड़कर पूरे 14 वर्ष वनवास का कठिन और दुर्गम रास्ता खुशी-खुशी चुना लिया। आपने उपस्थित जनों का आव्हान करते हुए कहा इस महान अवसर पर हम सभी श्री राम के आदर्शों पर चलने का संकल्प लेकर अपना जीवन मर्यादा से संपन्न बनाएं। कार्यक्रम के अंत में अयोध्या में रामलाला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के उपलक्ष पर सभी भाई-बहनों ने दीप प्रज्जवलित करके उनके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सद्भावना प्रमुख रामेश्वर प्रसाद एवं अन्य धर्मप्रेमी उपस्थित थे।