दुखद | पन्ना टाइगर रिजर्व के बाहुबली बाघ टी-7 की मौत

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पन्ना टाइगर रिजर्व का नर बाघ टी-7 .(फाइल फोटो)

*     अकोला बफर क्षेत्र के भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण था बाघ टी-7

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के 15 वर्षीय नर बाघ टी-7 की मौत होने की जानकारी सामने आई है। अपनी कद, काठी, डील-डौल से बाहुबली के रूप में प्रसिद्ध नर बाघ टी-7 का शव टाइगर रिजर्व के पन्ना कोर परिक्षेत्र अकोला के बफर क्षेत्र की बीट बांधी में मृत अवस्था में वन अमले द्वारा गश्ती के दौरान देखा गया, जिसकी जानकारी उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलने पर पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। क्षेत्र संचालक बृजेन्द्र झा ने बताया कि जहाँ पर बाघ की मौत हुई है वहां किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि के निशान नहीं पाए गए। डॉग स्क्वॉड से घटना स्थल की सर्चिंग करवाई गई।
प्रथम दृष्टया बाघ की मौत आपसी द्वंद के कारण होना प्रतीत हो रहा है। क्योंकि मृत बाघ के शरीर में दांत गड़ने के निशान पाए गए हैं। मृत बाघ का पोस्टमार्टम सोमवार 22 मई को वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया तथा मौके पर आर्गन के सैंपल एकत्रित किए गए। इस दौरान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रूप में इंद्रभान सिंह बुंदेला उपस्थित रहे।
मृत बाघ के पोस्टमार्टम उपरांत क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ का दाह संस्कार किया गया। बाघ के सैम्पल को जांच के लिए अलग-अलग प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। सैम्पल की जांच रिपोर्ट आने पर बाघ की मौत को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि बाघ टी-7 अकोला बफर क्षेत्र के भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों का मुख्य आकर्षण था। इसके पूर्व बफर क्षेत्र में ही विचरण करने वाले 2 अन्य बाघों की गत वर्ष मौत हो गई थी। अकोला बफर क्षेत्र के प्रमुख बाघों के काल कवलित होने का दुष्प्रभाव वहां भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की संख्या पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।