पवई जेल ब्रेक कांडः जांच करने भोपाल से आये एडीजी  

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फाईल फोटो

बोले, जेल प्रबंधन की लापरवाही से फरार हुए कैदी

प्रथम दृष्टया दोषियों के खिलाफ मंगलवार को होगी कार्रवाई

फरार कैदियों का 36 घण्टे बाद भी नहीं लगा सुराग

पन्ना- रडार न्यूज  मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की पवई उप जेल से रविवार 17 जून की सुबह हत्या के आरोपी दो खूूंखार कैदियों के फरार होने की सनसनीखेज घटना के 36 घंटे बाद भी दोनों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इस घटना से उप जेल पवई की की लचर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलने के साथ ड्यूटी पर तैनात रहे प्रहरियों की संदिग्ध भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे है। इस बीच सोमवार 18 जून को भोपाल से आये अतिरिक्त महानिर्देशक गाजीराम मीणा ने पवई उप जेल का निरीक्षण कर घटना की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान पन्ना पुलिस रियाज इकबाल भी उनके साथ रहे। करीब पौन घंटे तक जेल के अन्दर रहे श्री मीणा ने सहायक जेलर पवई कुलदीप सिंह तथा घटना के समय ड्यूटी पर तैनात रहे प्रहरियों से वन- टू-वन चर्चा कर विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की । साथ ही उस स्थान को भी देखा जहां से दोनों हवालाती जेल की दो-दो दीवारों को फांद कर आसानी से फरार हो गये। श्री मीणा जेल की उन बैरकों में भी गये जिनमें दोनों कैदी बंद थे। इसके अलावा अन्य कैदियों से भी घटना के संबंध में पूंछतांछ की गई। मालूम हो कि रविवार की 17 जून की सुबह करीब 8ः30 बजे जब कैदी नारायण पटेल पुत्र कल्लू पटेल निवासी ग्राम खम्हरिया व शिव सिंह राठौर पुत्र राजेन्द्र सिंह राठौर निवासी ग्राम धरमपुरा थाना शाहनगर जेल से फरार हुए उस समय सहायक जेलर कुलदीप सिंह बाजार गये थे। नाश्ता के समय जब कैदियों की गिनती की गई तो जेल में बंद 48 में से  2 कैदी गायब थे। इसका पता चलते ही उप जेल पवई की चार दीवारी के अन्दर हड़कम्प मच गया। दिनदहाड़े हुई इस घटना की भनक दूसरे कैदियों को ना लगना संदेह पैदा करता है   ।
नई कहानी आई सामने – 
एडीजी जेल गाजीराम मीणा द्वारा पवई उप जेल का निरीक्षण करने के पश्चात् बाहर खड़े मीडियाकर्मियों से  चर्चा करते हुए कैदियों फरार होने की घटना के संबंध में नया खुलासा किया गया। उन्होंने बताया कि जेल के अंदर दीवार के समीप लगे एक पेड़ की शाखा कुछ दिन पूर्व गिर गई थी। जिसकी लकड़ी को जेल प्रबंधन द्वारा मौके से नहीं हटाया गया और चादरों की गिनती भी नहीं की गई। इस घोर लापरवाही का फायदा उठाते हुए कैदियों ने चार चादर छुपा दिये। मौका पाकर लकड़ी में चादर बांधकर दोनों कैदी जेल की एक 10 फिट ऊंची और दूसरी 20 फिट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गये।
लापरवाहों पर होगी सख्त कार्यवाही-
एडीजी श्री मीणा ने बड़ी ही स्पष्ट शब्दों में यह स्वीकार किया कि जेल प्रबंधन यदि लापरवाही नहीं करता और आवश्यक सावधानी बरती जाती तो जेल ब्रेक की शर्मनाक घटना घटित नहीं होती। उल्लेखनीय है कि रविवार को कैदियों के जेल से फरार होने के बाद मीडियाकर्मियों को सहायक जेलर कुलदीप सिंह ने जो जानकारी दी थी उसमें उन्होंने सिर्फ चादर की रस्सी के सहारे भागना बताया था। पेड़ की टूटी हुई शाखा का इसमें उपयोग किये जाने का उन्होंने कोई उल्लेख नहीं किया था। एडीजी श्री मीणा ने स्थानीय पत्रकार राकेश पाठक को बताया कि जेल से हत्या के दो हवालातियों का एक साथ फरार होना बेहद गंभीर मामला है। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगी है। इस मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उनका निलंबन करने से लेकर विभागीय जांच कराई जायेगी और दोष सिद्धि के आधार पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। श्री मीणा ने कहा कि मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया जायेगा।
योगा करने के बाद हुए थे फरार –
 हवालाती नारायण पटेल पुत्र कल्लू पटेल निवासी खम्हरिया व शिव सिंह राठौर पुत्र राजेन्द्र सिंह राठौर निवासी धरमपुरा थाना शाहनगर जिला पन्ना की उप जेल पवई की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए रविवार की सुबह वहां से आसानी से भाग निकले। जेलर कुलदीप सिंह के अनुसार सुबह कैदियों को योगा के लिए बैरकों से बाहर निकाला गया था। नाश्ता के समय करीब 8 से 8ः30 बजे के बीच जब कैदियों की गिनती की गई तो 48 में से सिर्फ 46 कैदी ही मौजूद रहे। कैदियों के गायब होने की जब छानबीन की गई तो जेल की दीवार के पास से वे चादरें बरामद हुई जिनके सहारे वे दो-दो दीवारें फांदकर फरार हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार फरार हवालाती नारायण पटेल 29 मार्च 2018 और शिव राठौर 18 मई 2018 को ही उप जेल पवई में दाखिल हुआ था।

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