बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर चल रहा है ठगी का धंधा
सीएससी सेन्टरों में 200-500 रुपये खर्च कर फार्म भरने पहुंच रहे अभिभावक
पन्ना। रडार न्यूज़ प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर कतिपय शातिर तत्वों द्वारा बड़े पैमाने पर ठगी किये जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बुन्देलखण्ड अंचल के पन्ना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक सैंकड़ों अभिभावक इस योजना के तहत अपनी बेटी को लखपति बनाने के चक्कर में ठगी का शिकार बन चुके है। महत्वपूर्ण बात यह है कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम अन्तर्गत स्थापित कॉमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) के कतिपय संचालक ठगी के इस गोरखधंधे में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है। 8 से 32 वर्ष की आयु की बेटियों को दो लाख रूपये दिलाने के लिए अभिभावक अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेन्टरों में पहुंच कर करीब 200 से 500 रूपये खर्च कर योजना का लाभ लेने के लिए बकायदा फर्जी फार्म भर रहे है। फार्म में उल्लेख है कि प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत देश के 120 शहरों में 2 सौ करोड़ रूपये के बजट से की गई है। इस फर्जी योजना का पहले चरण में ही अपने बेटी को लाभ दिलाने के लिए अभिभावकों के बीच होड़ सी मची है। बड़ी ही उम्मीद और अरमानों के साथ अनपढ़ माता-पिता से लेकर पढ़े लिखे लोग तक ठगों के झांसे में आ कर अभिदाता पंजीकरण फार्म को भरकर उसमें दिये गये पता -भारत सरकार रक्षा मंत्रालय एवं बाल विकास मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली-110001 पर भेजने में जुटे है। कई महीनों से चल रही इस ठगी का पता पिछले दिनों उस समय चला जब पन्ना के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता रामऔतार तिवारी के पास राधेश्याम अहिरवार निवासी ग्राम गहरा अपनी बेटी सोनिया अहिरवार 9 वर्ष का फार्म भरवाने पहुंचे। फार्म के कॉलम और उसमें उल्लेखित जानकारी देख कर संदेह होने पर श्री तिवारी ने भारत सरकार के महिला बाल मंत्रालय नई दिल्ली की बेवसाईट पर दिये गये फोन नम्बर पर जब संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि महिला बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस तरह की कोई भी योजना संचालित नहीं की जा रही है। जिस विज्ञापन को आधार बना कर ठगी की जा रही है उसे भी महिला बाल विकास विभाग ने जारी नहीं किया है।
ठगों तक पहुंच रही निजी जानकारियां-
