MP : आग उगलती गर्मी में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन, मासूम बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़

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2013
फाइल फोटो।

*    दोपहर 1 बजे तक बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बनाए रखने के निर्देश

*     महिला एवं बाल विकास विभाग की असंवेदनशीलता को लेकर अभिभावकों में आक्रोश

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) पिछले कुछ दिनों से पूरा देश आग उगलती प्रचंड गर्मी में झुलस रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आग बरसाती गर्मी में तापमान पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 52 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। मध्य प्रदेश भी भट्टी की तरह तप रहा है। सूरज की तपिश अब जान लेने को उतारू लगती है। प्रचंड गर्मी और लू के प्रकोप के बावजूद प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। एमपी के पन्ना जिले में तो आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दर्ज 3-6 वर्ष के मासूम बच्चों की 80 प्रतिशत उपस्थिति सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक अनिवार्य रूप से बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भीषण गर्मी को देखते हुए कई राज्यों ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। कहर बरपाती गर्मी के कारण अधिकांश स्थानों पर लोग सुबह 8 बजे के बाद अपने घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। ऐसे में आंगनवाड़ी केन्द्र पर 80 फीसदी बच्चों की उपस्थिति दोपहर 1 बजे तक अनिवार्य रूप से बनाए रखने संबंधी महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशों को नौनिहालों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ के तौर पर देखा जा रहा है। परिणामस्वरूप, अभिभावकों में महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों की असंवेदनशीलता को लेकर गहरी नाराजगी व्याप्त है।
वर्तमान में पन्ना जिले में जन अभियान परिषद के द्वारा चिन्हित आंगनवाड़ी केंद्रों का सतत भ्रमण किया जा रहा है। बेहाल करने वाली प्रचंड गर्मी को लेकर बेपरवाह महिला एवं बाल विकास विभाग के अदूरदर्शी अफसरों ने भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों के सुचारु संचालन की ऑल इज वेल वाली तस्वीर दिखाने के चक्कर में अव्यवहारिक निर्देश जारी करके आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं की मुश्किलें और अभिभावकों की नाराजगी बढ़ा दी है। बता दें कि, महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सभी परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजरों को निर्देश जारी कर कहा है कि, जन अभियान परिषद के द्वारा जिन आंगनवाड़ी केंद्रों को भ्रमण के लिए चुना गया है उनमें सभी व्यवस्थायें सुचारू रूप से संचालित होनी चाहिए।
मसलन, सुबह 8:50 पर आंगनवाड़ी खुलने के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अनिवार्य रूप से उपस्थित होनी चाहिए। केन्द्र पर दर्ज 3-6 वर्ष के बच्चों में से 80 प्रतिशत बच्चे प्रातः 9 बजे उपस्थित हो। प्रातः 10 बजे बच्चों को नाश्ता प्रदान किया जाए। दोपहर 12 बजे तक अनौपचारिक शिक्षा की गतिविधियां आयोजित की जाएं। तदुपरांत बच्चों को भोजन प्रदान किया जाए। सोशल मीडिया पर जारी निर्देशों में कहा गया है कि आंगनवाड़ी केंद्र दोपहर 1 बजे तक अनिवार्य रूप से बच्चों की उपस्थिति रहनी चाहिए। भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों की बदहाली को छिपाकर वाहवाही बटोरने की मंशा से जारी किए गए उक्त निर्देशों को बच्चों के जीवन को गंभीर संकट में डालने वाले फरमान के तौर पर देखा जा रहा है।

पुराने टाइम टेबल के अनुसार आंगनवाड़ी का संचालन

पन्ना जिले में पिछले कुछ दिनों से तापमान 44-46 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के कारण झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है। सुबह 8 बजे के बाद से ही आसमान से आग बरसने लगती है। भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से लोगों के बीमार पड़ने की ख़बरों के बाद भी जिले में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनके टाइम टेबल में अब तक न तो किसी तरह का कोई बदलाव किया गया और ना ही आंगनवाड़ी के लिए स्कूलों की तर्ज पर ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि, मौसम जानलेवा होने के बाद भी आंगनवाड़ी केंद्रों पर सुबह 9 बजे दोपहर 1 बजे तक 80 फीसदी बच्चों की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। आंगनवाड़ी के मासूम बच्चों की जीवन सुरक्षा को लेकर हद दर्जे की बेपरवाही और बेतुके निर्देशों से जिम्मेदारों की असंवेदनशीलता का पता चलता है।

भीषण गर्मी में आंगनवाड़ी आने-जाने पर पड़ सकते हैं बीमार

फाइल फोटो।
विदित हो कि, जिले के अधिकांश आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्मी से राहत के लिए पंखा-कूलर का भी इंतजाम नहीं है। इस कारण केंद्र पर बच्चों को 4 घंटे तक बेहाल करने वाली गर्मी में रहना पड़ता है। कुछ केंद्रों पर पंखा-कूलर उपलब्ध होने के बाद भी अभिभावक अपने नौनिहालों को आंगनवाड़ी भेजने को तैयार नहीं है। दरअसल, प्रचंड गर्मी में सुबह 9 बजे आंगनवाड़ी जाने तथा दोपहर 1 बजे वापस घर लौटने के दौरान मासूम बच्चों के बीमार पड़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। ऐसे में अगर बच्चों को कुछ होता है तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? शासन-प्रशासन को चाहिए कि प्रतिकूल मौसम को देखते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों के टाइम टेबल में या तो अविलंब बदलाव या फिर आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भी ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया जाए।

इनका कहना है –

‘प्रचंड गर्मी को देखते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए जल्द ही नया टाइम टेबल जारी किया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही प्रचलन में है। आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने का निर्णय शासन स्तर पर लिया जाता है। कोरोनाकाल में अवकाश घोषित कर बच्चों को उनके घरों पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया गया था।’

ऊदल सिंह ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला पन्ना।

‘वर्तमान में पड़ रही अत्याधिक गर्मी से आंगनवाड़ी के बच्चों के बचाव हेतु जिला जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से चर्चा कर उचित निर्णय लिया जाएगा। मासूम बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह संवेदनशील है।’
सुरेश कुमार, कलेक्टर जिला पन्ना, मध्य प्रदेश।