मध्यप्रदेश | इस आईएएस अफसर को महँगी पड़ी विधायक की उपेक्षा, राज्य सरकार ने फील्ड से हटाकर मंत्रालय में की पोस्टिंग

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* पन्ना जिला पंचायत सीईओ डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा का हुआ तबादला

पन्ना। रडार न्यूज   मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों की पूंछपरख बढ़ गई है, ख़ासकर विधायकों को काफी महत्व दिया जा रहा है। जनहित से जुड़ीं इनकी सिफारिशों पर प्राथमिकता से अमल करने के निर्देश राज्य सरकार ने दिए हैं। फलस्वरूप, विधायक की अनुशंसा को नजरअंदाज कर इनकी उपेक्षा करना अफसरों को महँगा पड़ रहा है। इसका ताज़ा मामला पन्ना जिले में सामने आया है। यहाँ की आरक्षित गुनौर सीट से विधायक शिवदयाल बागरी की जिला पंचायत पन्ना के सीईओ डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा (आईएएस) से नाराजगी की ख़बरों के बीच राज्य सरकार ने उनका तबादला कर दिया है। वर्ष 2013 बैच के आईएएस अधिकारी श्री मिश्रा को पन्ना से हटाकर मंत्रालय भोपाल में उप सचिव के रूप पदस्थ किया गया है। जिला पंचायत सीईओ का स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद से यह आम चर्चा है कि इसके माध्यम से राज्य सरकार और विधायक शिवदयाल बागरी ने अपने-अपने तरीके से जिले में व्याप्त अफसरशाही को कड़ा संदेश दिया है। प्रदेश में सरकार के बदलाव के साथ अधिकारियों को भी अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाना होगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है।

क्या है मामला

मालूम हो कि तीन विधानसभा सीट वाले पन्ना जिले में शिवदयाल बागरी कांग्रेस के इकलौते विधायक है। इनके और पन्ना के जिला पंचायत सीईओ डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा (आईएएस) के बीच पिछले कुछ समय से किस बात को लेकर अनबन चल रही थी इसका स्पष्ट तौर पता तो नहीं चल सका। लेकिन, प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो विधायक श्री बागरी ने कुछ दिन पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्र गुनौर के दो पंचायत सचिवों के स्थानांतरण सहित अन्य कार्यों के संबंध पन्ना आकर जिला पंचायत सीईओ से उनके कार्यालय में भेंट की थी। मुलाकात के दौरान विधायक की सिफारिशों पर सीईओ ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्र कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। कथित तौर पर बाद में उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को बुलाकर विधायक से सिफारिश कराने के लिए उन्हें कड़ी फटकार लगा दी।
इस घटनाक्रम का पता चलने पर गुनौर विधायक द्वारा गहरी अप्रसन्नता व्यक्त की गई। 26 जनवरी को श्री बागरी ने छिंदवाड़ा जाकर इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी। फलस्वरूप, पन्ना के जिला पंचायत सीईओ डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा (आईएएस) का 30 जनवरी को स्थानांतरण आदेश जारी हो गया। फ़िलहाल जिला पंचायत सीईओ के रूप में किसी की पदस्थापना नहीं की गई है। इस घटनाक्रम के बाद जिले के प्रशासनिक हलकों में हलचल बड़ गई है। क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पन्ना जिले में जिला पंचायत सीईओ के स्थानांतरण के रूप में यह पहली प्रशासनिक सर्जरी है। अगला नंबर किसका होगा इसे लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों खलबली मची है। खासकर उन अधिकारियों में जिनकी भूमिका विधानसभा चुनाव में संदिग्ध होने की जन चर्चायें हैं।

शिक्षा में सुधार पर अपने विभाग में असफल

आईएएस अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा पन्ना जिले में स्कूलों की शैक्षणिक व्यस्था को बेहतर बनाने के लिए पिछले कुछ माह से लगातार स्वयं स्कूलों का निरीक्षण कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने टीमें भी बनाई थीं। जिसके चलते कई शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की गई। सीईओ की इस मुहिम से जिले के शिक्षा महकमे में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। कतिपय लापरवाह और कामचोर शिक्षकों समेत कुछ शिक्षक संगठन इसे लेकर सीईओ से अंदर ही अंदर नाराज चल रहे थे। विनम्र स्वाभाव के ईमानदार अफसर की छवि वाले जिला पंचायत सीईओ गिरीश कुमार मिश्रा कम समय में अपने प्रयासों से शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं में तो कुछ हद तक सुधार करने में सफल रहे हैं, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता पर प्रभावी अंकुश लगाने वे कामयाब नहीं हो सके। आधे-अधूरे तथा अत्यंत ही गुणवत्ता विहीन प्रधानमंत्री आवासों व शौंचालयों की लक्ष्यपूर्ति के लिए कागजों पर उन्हें पूर्ण बता दिया गया। कई पंचायतों में तो व्यक्तिगत शौंचालयों का निर्माण भी नहीं हुआ और राशि निकाल कर गबन कर लिया गया। पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत पंचायतों में अधिकांशतः घटिया कार्य कराये गए।
फर्जी उपलब्धियाँ अर्जित करने के लिए पंचायतों को खुले में शौंच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया। इसी तर्ज पर फर्जी आवास लक्ष्यपूर्ति दिखाकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने शासन से लाखों रुपये की सम्मान राशि प्राप्त कर ली। उधर, सरकारी स्कूलों में बच्चों को मीनू आधारित गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन भी नसीब नहीं हुआ। मासूमों का निवाला व्यवस्था में व्याप्त कमीशनखोरी की भेंट चढ़ता रहा और जिम्मेदार तमाशबीन बने रहे।

इनका कहना है-

“पन्ना जिले में मुझे एक वर्ष नौ माह का समय हो चुका है, मेरा स्थानांतरण पूर्णतः सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। इसमें किसी जनप्रतिनिधि या राजनैतिक दल के नेता की शिकवा-शिकायत अथवा विरोध जैसा कुछ भी नहीं है। पता नहीं क्यों मेरे स्थानांतरण को लेकर झूठी अफवाह फैलाई जा रही है, लोग कुछ भी छाप रहे हैं।”

डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत पन्ना।