मध्यप्रदेश | कांग्रेस की चौथी सूची पर घमासान, वारासिवनी में शिवराज के साले संजय मसानी की “पैराशूट एंट्री” ?

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सांकेतिक फोटो।

* दमोह से मंत्री मलैया के सामने कमजोर प्रत्याशी उतारने की चर्चाएं

* सिरोंज और बुरहानपुर विधानसभा सीट पर बदले गए उम्मीदवार

* पन्ना सहित 19 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होना शेष

भोपाल। रडार न्यूज   मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को दीपावली की देर शाम अपने 29 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की है। इसमें 27 नए नाम हैं जबकि पूर्व घोषित दो सीटों सिरोंज और बुरहानपुर के प्रत्याशियों को बदला गया है। उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा के उलट बालाघाट जिले की वारासिवनी सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साले संजय मसानी को टिकिट देकर पैराशूट उम्मीदवार को उतारा गया है, जो कि कुछ दिन पहले ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इस सूची में बुंदेलखंड की दमोह सीट से भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री जयंत मलैया के खिलाफ युवा नेता राहुल लोधी को टिकिट दिया गया है। दमोह क्षेत्र में बुधवार से यह चर्चा लगातार जोर पकड़ रही है कि कांग्रेस ने कमजोर प्रत्याशी उतारकर मलैया को क्या वॉकओवर दिया है। दमोह के सीनियर कांग्रेस नेता भी राहुल को प्रत्याशी बनाये जाने के फैसले से नाराज बताये जा रहे है। खबर है कि प्रदेश के शीर्ष कांग्रेस नेताओं से फोन पर बातकर उन्होंने अपना विरोध भी दर्ज कराया है। इनकी दलील है कि दमोह में भाजपा और जयंत मलैया के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का जो माहौल है उसे युवा नेता राहुल लोधी भुनाने में सक्षम नहीं है।

211 सीटों पर उम्मीदवार घोषित

सांकेतिक फोटो।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा की 230 सीटों में से अब तक 211 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए है। बुंदेलखंड की पन्ना, भोपाल की गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा के साथ इंदौर की पांच सीट सहित कुल 19 सीटों को होल्ड पर रखा गया है। कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 155, दूसरी सूची में 16 और तीसरी सूची में 13 प्रत्याशियों की घोषणा की थी। जबकि चौथी सूची में 29 उम्मीदवारों के नामों का खुलासा किया गया है। कांग्रेस सूत्रों से मिल रहीं खबरों के अनुसार गुरुवार 8 नवंबर को देर शाम तक शेष सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो सकती है। दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मध्यप्रदेश में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख शुक्रवार 9 नवंबर है। नाम निर्देशन पत्र भरकर जमा करने की समयसीमा समाप्ति की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है जिसे देखते हुए कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य दलों की शेष सीटों पर आज प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो होने की संभावना है।

सिरोंज से मसर्रत शाहिद को मिला टिकिट

कांग्रेस ने पूर्व घोषित 2 सीटों पर फेरबदल करते हुए बुरहानपुर से हामिद काजी का टिकट काटकर रवींद्र महाजन को प्रत्याशी घोषित किया गया है। वहीं दूसरा टिकट सिरोंज में बदला गया। यहां से अशोक त्यागी के स्थान पर वरिष्ठ नेत्री मसर्रत शाहिद पर भरोसा जताया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होना है, जबकि 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएंगे।

पैराशूट नेताओं को दिया टिकिट

संजय सिंह।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पिछले दिनों आमसभाओं के दौरान अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा तथा सेवा-समर्पण का सम्मान करते हुए तरजीह देने का ऐलान करते हुए जोर देकर कहा था कि पैराशूट नेताओं को टिकिट नहीं दिया जायेगा। इसे स्पष्ट करते हुए राहुल ने कई अवसरों पर यह कह चुके हैं कि कांग्रेस में अब ऊपर से नेता नहीं टपकेंगे। चुनाव के पूर्व दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को टिकिट नहीं दिया जायेगा। बकौल राहुल, चुनाव में पैराशूट नेताओं का पैराशूट काम नहीं करेगा, मैं इस बार सारे पैराशूट काट डालूंगा। हम अपने कार्यकर्ताओं को हर क्षेत्र में तरजीह देंगे।
लेकिन, मध्यप्रदेश में पिछले 14 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा घोषित नीति को दरकिनार करते हुए करीब 5 टिकिट पैराशूट नेताओं को दिए है। इनमें वारासिवनी सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साले संजय सिंह मसानी, विजराघवगढ़ से पदमा शुक्ला, और रीवा से अभय मिश्रा मुख्य हैं। सत्ता में वापसी के लिए ललायित प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पैराशूट प्रत्याशी उतारकर न सिर्फ राहुल गांधी के बयानों को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच ही अविश्वसनीय बना दिया बल्कि पैराशूट नेताओं को उम्मीदवार बनाकर अपने कार्यकर्ताओं का हक उनसे छीन लिया है। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि चुनाव के समय जब दूसरे दलों से आने वाले पैराशूट नेताओं को ही तस्तरी में सजाकर टिकिट देना है तो फिर कांग्रेस के लिए उसके कार्यकर्ता फील्ड में ईमानदारी से काम क्यों करेंगे। एमपी में कांग्रेस का संगठन सत्ताधारी दल भाजपा के मुकाबले पहले से ही कमजोर है, अगर इसी तरह अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर पैराशूट नेताओं को थोपा गया तो कांग्रेस के खेमे में असंतोष का ज्वालामुखी फूट सकता है।

कांग्रेस प्रत्याशियों की चौथी सूची-