श्रमिक संघों की हड़ताल | एनएमडीसी की हीरा खनन परियोजना में दो दिनों तक ठप्प रहा कामकाज

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* चौदह सूत्रीय मांगों को लेकर श्रमिक संघों ने संयुक्त रूप से दिया धरना

* न्यूनतम मजदूरी हो 18 हजार, सभी कामगारों पेंशन गारंटी देने की मांग

पन्ना। रडार न्यूज  केन्द्र सरकार की कामगार विरोधी नीतियां के विरोध में संघर्ष करने हेतु श्रमिक महासंघों के आव्हान का समर्थन करते हुए पन्ना में एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खनन परियोजना के समस्त कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर रहे। परिणामस्वरूप हीरा खनन परियोजना में दो दिनों तक कामकाज लगभग ठप्प रहा। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हीरा खनन परियोजना के दोनों प्रमुख श्रमिक संगठनों पीएचकेएमएस और एमपीआरएचकेएमएस से संबंद्ध समस्त कर्मचारियों व श्रमिकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए श्रमिकों की आवाज को संयुक्त रूप से बुलंद किया। हीरा खनन परियोजना के टीओ गेट पर 8 एवं 9 जनवरी 2019 को परियोजना के कर्मचारियों द्वारा धरना देते हुए केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों की तीखी अलोचना की गई।

श्रम कानूनों को सख्ती से करें लागू

मध्यप्रदेश राष्ट्रीय हीरा खनन मजदूर संघ पन्ना के महामंत्री समर बहादुर सिंह ने केन्द्र की सरकार पर श्रमिकों से जुड़े मुद्दों की घोर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के सम्मानपूर्वक जीवन यापन के लिए जरूरी है कि न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रूपये की जाये। सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए पेंशन की गारण्टी दी जाये। एक ही तरह का कार्य करने वाले नियमित व ठेका कामगारों को एक समान मजदूरी देकर भेदभाव को खत्म किया जाये। श्रमिकों के हितों के लिए श्रम कानूनों को कड़ाई से लागू किया जाये। पन्ना हीरा खदान मजदूर संघ के महामंत्री शहजाद खान ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए रोजगार के सृजन हेतु तत्परता से उचित कदम उठाये जायें। मंहगाई को काबू करके लोगों को राहत देने के लिए भी सख्त मापदण्ड लागू किये जायें। श्रमिक हितों की रक्षा के लिए श्रम कानूनों के संशोधन पर तुरंत रोक लगाई जाये। हीरा खनन परियोजना का संचालन तीन पालियों में सुनिश्चित किया जाये।