कुआंताल मेला : पन्ना की गौरवशाली विरासत को समृद्ध स्वरूप में आगे बढ़ाने मेला की व्यवस्थाओं पर जोर

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पन्ना के बनौली ग्राम में कुआंताल मेला के आयोजन हेतु कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने विभागीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली।

*    कलेक्टर ने बनौली में बैठक लेकर अधिकारियों को सौंपी सफल बनाने की जिम्मेदारी

*    ड्रोन और सीसीटीव्ही कैमरा से होगी मेला की निगरानी, शराब एवं नशा पर रहेगा प्रतिबंध

पन्ना। (www.radarnews.in) चैत्र नवरात्र पर्व के अवसर पर पन्ना जिले के पवई विकासखण्ड अंतर्गत बनौली ग्राम में लगने वाला कुआंताल मेला बुंदेलखण्ड अंचल के बड़े और प्रमुख मेलों में शामिल है। कोरोना वायरस संक्रमण की लहर समाप्त होने के बाद इस वर्ष वृहद स्वरूप में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध कुआंताल मेला के सफल आयोजन के लिए पन्ना जिला प्रशासन ने अभी से आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में बुधवार 23 मार्च को सुबह पन्ना से 100 किलोमीटर दूर ग्राम बनौली (मेला क्षेत्र) में कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों एवं मेला समिति की बैठक ली।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मेला आयोजन की रूपरेखा निर्धारित की गई। आगामी 8 अप्रैल से 20 अप्रैल तक चलने वाले कुआंताल मेला की आवश्यक व्यवस्थाएं करने विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपकर मेला को सफल बनाने की अपील भी की गई। बैठक में पर क्षेत्रीय (पवई) विधायक प्रह्लाद लोधी, पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर संबंधित विभाग के जिला और विकासखण्ड अधिकारियों और ग्राम पंचायत सरपंच की उपस्थिति में मेला आयोजन के लिए सौंपे गए दायित्वों के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने कहा कि कुआंताल मेला पन्ना की विरासत है। यह इसके गौरव को बनाए रखने और इसे समृद्ध स्वरूप में आगे बढ़ाने का अवसर है। इसमें सभी सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। मेला स्थल पर शासकीय विभागों के लिए निर्धारित स्थान पर विभागीय स्टॉल लगाने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान सहायक संचालक उद्यान को वन विभाग के समन्वय से पौधों की व्यवस्था करने, जनअभियान परिषद को वालंटियर की तैनाती, ऊर्जा विभाग को सोलर लाइट लगाने एवं बिजली के खम्भों को व्यवस्थित तरीके से शिफ्ट करने, वन विभाग को वन उत्पाद के विक्रय, लोक निर्माण एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को सड़क और पहुंच मार्ग दुरूस्त कराने, पीएचई को कुओं की सफाई और वॉटर टेस्टिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में भी चर्चा हुई।

खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता  की होगी जांच 

कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि मेला में दो प्रवेश द्वार की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रवेश स्थल पर आकर्षक फोटोग्राफ एवं कटआउट के साथ हेल्पलाइन नम्बर डिस्प्ले करें। मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय स्थापित कर पृथक से अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के संबंध में भी चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त दुकानदार के पंजीयन, वाहन स्टैण्ड, पार्किंग, फायर बिग्रेड, चलित शौचालय, सीसीटीव्ही कैमरा की व्यवस्था, शराब एवं अन्य नशा पर प्रतिबंध लगाने तथा खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता चेक करने के लिए निर्देशित किया गया।उन्होंने कहा कि कुआंताल मेला में सेक्टरवार समन्वय के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाएं। इसी तरह मेला स्थल पर लगने वाले झूलों का प्रतिदिन रूटीन मेंटेनेंस की व्यवस्था की जाए। मेला की निगरानी ड्रोन कैमरा के माध्यम से करने का निर्णय भी लिया गया। कलेक्टर ने कहा कि विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव तैयार करें।

स्वास्थ्य सेवाएं और सफाई व्यवस्था हो बेहतर

पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने कहा कि इस बार कोविड की लहर समाप्त होने के कारण मेला में श्रद्धालुओं के अधिक संख्या में पहुंचने की संभावना है। इसके अतिरिक्त जिले के बाहर और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु और विशिष्ट अतिथि मेला में शामिल होंगे। इसलिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय सीमा में सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र में दवाईओं सहित स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती, एम्बुलेंस, ओआरएस और ग्रीष्मकाल में लू से बचाव की दवाई उपलब्ध रहे। मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग बूथ की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि मेला परिसर में कचरा की सफाई और डस्टबिन की उचित व्यवस्था होना चाहिए। पुलिस विभाग द्वारा हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जाएगा।

विधायक ने सहयोग के लिए जताया आभार

पवई विधायक प्रह्लाद लोधी ने मेला आयोजन के लिए जिला और पुलिस प्रशासन के सहयोग की प्रशंसा कर आभार जताया और सभी से मेले के सफल आयोजन के लिए सहभागी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेला स्थल में साफ-सफाई और कचरा एवं ठोस अपशिष्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था जरूरी है। जिला कलेक्टर द्वारा विधायक को मेला आयोजन के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया गया।