जनता कर्फ्यू : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने घरों में लोग, सड़कों पर पसरा सन्नाटा, अघोषित लॉकडाउन जैसा नजारा

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जनता कर्फ्यू के चलते लोगों के सुबह से घरों में रहने से सूनी पड़ीं पन्ना की सड़कें।

* पन्ना एवं गुनौर में नहीं लगा साप्ताहिक रविवारीय बाजार

* संकट के समय घरों में रहकर आमजन ने निभाई अपनी जिम्मेदारी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) पूरी दुनिया में मानव जाति के लिए बेहद गम्भीर खतरा बन चुके नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए पन्ना में रविवार 22 मार्च की सुबह जनता कर्फ्यू के साथ हुई। इस दौरान जिला मुख्यालय पन्ना समेत आंचलिक कस्बों एवं ग्रामों में एक जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। लोग अपने घरों में हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। जनता कर्फ्यू की अपील वैसे तो सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक के लिए की गई थी लेकिन लोग आज अलसुबह मॉर्निंग वॉक पर भी नहीं गए। मस्जिदों में भी सुबह बहुत कम नमाज़ी पहुंचे। बसों की आवाजाही बंद होने से पन्ना के बस स्टैण्ड में पूरी तरह सुनसान नजर आया।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लागू जनता कर्फ्यू के असर को दिखता सुनसान पड़े पन्ना बस स्टैण्ड का नजारा।
जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए पन्ना में पिछले कई दिनों से लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट (ऐलान) कर लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की जा रही थी, जिसका असर आज सुबह से देखने को मिला। रविवार को भी अनाउंसमेंट कराकर लोगों से रात्रि 9 बजे तक घरों में रहने एवं व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की गई। उधर, प्रशासन की रोक के चलते जिला मुख्यालय पन्ना एवं तहसील मुख्यालय गुनौर में आज साप्ताहिक रविवारीय बाजार नहीं लगा। कोरोना वायरस संक्रमण लोगों के सम्पर्क में आने से तेजी से फैलता इसलिए रोकथाम के उद्देश्य से भीड़-भाड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए हाट-बाजार पर रोक लगाई गई है।
जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देवेन्द्रनगर क़स्बा में भी देखा गया वहां बाजार पूरी तरह बंद रहा और सड़कों पर सन्नाटा दिखा।
देश- दुनिया में तेजी से फ़ैल रही कोरोना वायरस नामक महामारी के लगातार बढ़ते संक्रमण, इससे होने वाली मौतों और प्रदेश के जबलपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने के मद्देनजर लोग पहले से ही काफी डरे हुए हैं। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सतर्कता बरतने के साथ-साथ जनता कर्फ्यू को पूर्ण समर्थन देते हुए लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। जनहित में जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में प्रशासन के फैसलों का भी असर देखने को मिला। बसों की आवाजाही ठप्प होने से, सार्वजानिक स्थानों को बंद किए जाने, धारा-144 लागू करने, जिले की सीमायें सील होने एवं रविवारीय अवकाश के चलते पन्ना जिले में अघोषित तौर लॉक डाउन जैसी स्थिति आज सुबह से नजर आई।
उल्लेखनीय है कि जनता कर्फ्यू- “जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए” है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ समय के लिए लोगों के घरों पर रहने से बेहद खतरनाक और तेजी से फैलने वाले नोवल कोरोना वायरस का प्रसार कम होगा। लोग के बीच सम्पर्क न होने से इस वायरस का सर्किल टूटेगा परिणामस्वरूप कोरोना संक्रमण में कमी आएगी। हालाँकि वैश्विक स्तर पर जिस तरह के भीषण हालात बने हैं उसके मद्देनजर महज कुछ घण्टों के जनता कर्फ्यू से कोरोना वायरस की रोकथाम में कोई विशेष फर्क पड़ने को लेकर विशेषज्ञों की राय काफी बंटी हुई। बहरहाल यह जनता के लिए जनता द्वारा स्वयं पर लगाया गया कर्फ्यू है। जिसे लोगों ने पूर्ण समर्थन देकर न सिर्फ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाया बल्कि प्रशासन को सहयोग भी प्रदान किया गया।

घरों में क्या कर रहे लोग

गंभीर संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री की अपील पर लोग जनता कर्फ्यू को स्वप्रेरणा से अपना समर्थन देते हुए शनिवार देर रात्रि के बाद से ही अपने घरों से बाहर नहीं निकले। देशव्यापी जनता कर्फ्यू का पन्ना जिले में में दोपहर 1 बजे तक मुकम्मल असर देखा गया। सुबह से ही सड़कें-गली-चौराहे सूने नजर आए। अपवाद स्वरूप गिनती के लोग ही आवश्यक काम के चलते घरों से बाहर निकले। जबकि अधिकाँश लोगों ने आज घर पर ही अपना ज्यादातर समय परिवार के सदस्यों के साथ बिताया।
कोरोना वायरस संक्रमण की ताजा स्थिति, जनता कर्फ्यू और देश-दुनिया की ख़बरें जानने के लिए लोगों ने टेलीविज़न और मोबाइल फोन पर भी काफी समय बिताया। माता-पिता और परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति जागरूक कर इससे बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतने के बारे में विस्तार से बताते हुए उनके भय और जिज्ञासाओं को शांत किया। कामकाजी महिलाओं ने रविवार के अवकाश और जनता कर्फ्यू का पूरा लाभ उठाते हुए घरों की साफ़-सफाई की, पेंडिंग पड़े घरेलू काम निपटाए जिसमें परिवार के दूसरे सदस्यों ने भी उनका सहयोग किया। कुछ घरों में लजीज जायकेदार पकवान बनाकर लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ होम पार्टी का लुत्फ़ उठाया। वहीं जनता कर्फ्यू के दौरान पुलिस एवं प्रशासन की मुस्तैदी के मद्देनजर अशिक्षित तथा जागरूकता के आभाव में कई लोग इसे प्रशासन द्वारा लगाया गया कर्फ्यू समझते रहे।