बंदर खदान से निकले हीरों को देखने पन्ना पहुंचे निवेशक, इस खनिज ब्लाॅक में है 34.20 मिलियन कैरेट हीरों का भण्डार

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पन्ना के महेन्द्र भवन में लगी हीरों की दो दिवसीय एग्जिबिशन का नजारा।

* डायमण्ड ब्लाॅक की नीलामी में शामिल निवेशक हीरों का कर रहे अवलोकन-अध्ययन

* कड़ी सुरक्षा के बीच पन्ना के महेन्द्र भवन में लगी हीरों की एग्जिबिशन

* डायमण्ड ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया में शामिल खनिज क्षेत्र की आधा दर्जन दिग्गज कम्पनियां

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बंदर डायमण्ड ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया में शामिल खनिज क्षेत्र की आधा दर्जन दिग्गज कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने पन्ना पहुंचकर इस खदान से निकले कच्चे हीरों का अवलोकन एवं अध्ययन शुरू कर दिया है। इन हीरों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पन्ना के पुराने कलेक्ट्रेट (महेन्द्र भवन पैलेस) में प्रदर्शित किया गया है। बंदर डायमण्ड ब्लाॅक में निवेश से पूर्व इच्छुक कम्पनियां इस सौदे की हर पहलु की बारीकी से पड़ताल कर अपने स्तर पर आंकलन कर रही है।
हीरों का अवलोकन-अध्ययन करने के पूर्व आपस में चर्चा करते निवेशकगण।
इसी क्रम में बंदर डायमण्ड ब्लाॅक में अन्वेषण के दौरान बहुराष्ट्रीय हीरा खनन कम्पनी रियो टिंटो को प्राप्त हुए 2700 कैरेट हीरों को देखने और परखने के लिए देश की जानी-मानी खनन कम्पनियों के प्रतिनिधि विशेषज्ञों के साथ पन्ना आए है। इन्हें बंदर प्रोजेक्ट में मिले हीरों के साथ-साथ पन्ना की उथली खदानों से प्राप्त हीरों को भी दिखाया जा रहा है। महेन्द्र भवन पैलेस के सभागार में लगी हीरों की एग्जिबिशन (प्रर्दशनी) में मंगलवार 20 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे अडानी और फ्यूरा ग्रुप के प्रतिनिधियों द्वारा हीरों का अवलोकन-अध्ययन किया जा रहा था। बंदर डायमण्ड ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया में शामिल अन्य कम्पनियों के प्रतिनिधियों के भी महेन्द्र भवन पहुंचने का सिलसिला जारी है।

तीन प्रकार के हीरे किए प्रदर्शित

बंदर डायमण्ड निवेश हेतु इच्छुक कम्पनियों के लिए दो दिवसीय एग्जिबिशन में प्रदर्शित किए गये हीरे।
मध्य प्रदेश शासन के खनिज साधन विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस एग्जिबिशन में कुल तीन प्रकार के हीरों को रखा गया है। जिनमें जैम क्वालिटी, ऑफ कलर, डार्क ब्राउन हीरे शामिल है। एक सवाल के जवाब ने श्री सिंह ने बताया कि बंदर डायमण्ड ब्लाॅक में 34.20 मिलियन कैरेट हीरों का विशाल भण्डार है। जिसका अनुमानित मूल्य 60 हजार करोड़ रूपये है। आपने बताया कि बंदर डायमण्ड ब्लाॅक में बहुराष्ट्रीय हीरा खनन कम्पनी रियो टिंटो को प्रास्पेक्टिंग के दौरान पूर्व में 2700 कैरेट वजन के कच्चे हीरे मिले थे। जिन्हें इस कम्पनी के द्वारा पन्ना के हीरा कार्यालय के माध्यम से पन्ना के जिला कोषालय में जमा कराया गया था। बंदर डायमण्ड ब्लाॅक की प्री-बिड प्रक्रिया में शामिल खनन कम्पनियों के प्रतिनिधियों अथवा निवेशकों के द्वारा पन्ना में 20 एवं 21 अगस्त को बंदर खदान से प्राप्त हीरों के साथ-साथ पन्ना के उथली खदानों से निकले हीरों का भी अध्ययन एवं अवलोकन किया जा रहा है। इसके पश्चात निवेशकों के द्वारा छतरपुर जिले की बक्सवाहा तहसील अंतर्गत स्थित बंदर डायमण्ड ब्लाॅक का निरीक्षण किया जायेगा। मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह परमार ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हमारा पूरा जोर इस बात पर है कि 60 हजार करोड़ रूपये मूल्य के हीरों के इस भण्डार की नीलामी में शामिल निवेषकों को हम इससे कहीं अधिक ऊंची बोली लगाने के लिए प्रेरित करें ताकि सरकार को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।

डायमण्ड पार्क निर्माण के खुलेगें द्वार

हीरों की एग्जिबिशन की व्यवस्थाओं को देखते खनिज साधन विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह परमार एवं पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा।
पन्ना में हीरों की दो दिवसीय एग्जिबिशन का आयोजन मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है। इस एग्जिबिशन को लेकर पन्ना के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और इस जिले के लोग खासे उत्साहित है। वर्तमान में सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप में हीरों की एकमात्र मेकनाईजड खदान पन्ना जिले के मझगवां में एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा संचालित की जा रही है। बंदर डायमण्ड ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया यदि सफलतापूर्वक सम्पन्न होती है तो पड़ोसी जिला छतरपुर में भी हीरों का बड़े पैमाने पर खनन शुरू हो जायेगा।
हीरों की एग्जिबिशन की सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैदी से तैनात सुरक्षाबल।
इससे बुन्देलखण्ड अंचल में हीरों का उत्पादन बढ़ने के फलस्वरूप पन्ना में कई दशकों से की जा रही डायमण्ड पार्क की स्थापना संबंधी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने की संभावनाओं के द्वार खुल जायेगें। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि फिलहाल पन्ना में डायमण्ड पार्क निर्माण की राह में सबसे बड़ी बाधा यहां हीरों का कम मात्रा में उत्पादन होना है। बंदर डायमण्ड ब्लाॅक में खनन कार्य शुरू होने से निष्चित ही क्षेत्र में हीरों का उत्पादन कई गुना बढ़ जायेगा। जिससे यहां डायमण्ड पार्क की स्थापना के लिए हीरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।