* रिटर्निंग ऑफिसर ने भाजपा के दबाव में लिया निर्णय : दीपनारायण यादव
* भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा हैं प्रत्याशी
* संवीक्षा में पांच नामांकन पत्र रद्द होने के बाद 14 अभ्यर्थी मैदान में शेष
* सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद गर्माई सियासत, अब आरोप-प्रत्यारोप
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के खाते में आई प्रदेश की एकमात्र खजुराहो लोकसभा सीट से प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन फार्म शुक्रवार 5 अप्रैल को रद्द हो गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर गलत और मनमाने तरीके से नामांकन फार्म निरस्त करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने रिटर्निंग अधिकारी एवं पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार को निलंबित करने की मांग की है। समाजवादी पार्टी ने इसे सुनियोजित साजिश बताते हुए कोर्ट जाने की बात कही। सपा प्रत्याशी का पर्चा निरस्त होने से हाईप्रोफाइल खजुराहो लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को चुनाव से पहले ही वॉकओवर मिलता हुआ नजर आ रहा है।
यहां से बीजेपी प्रत्याशी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (वीडी शर्मा) की राह अब बिल्कुल आसान होती नजर आ रही है। शुक्रवार को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा में सपा समेत पांच अभ्यर्थियों का नामांकन पत्र रद्द हो जाने के बाद खजुराहो संसदीय क्षेत्र से अब भाजपा और बसपा समेत 14 अभ्यर्थी चुनावी मैदान में शेष रह गए हैं। सपा या कांग्रेस की ओर से कोई डमी नामांकन नहीं हुआ। इन परिस्थितियों चुनावी मैदान में शेष बचे निर्दलीय उम्मीदवारों में से मजबूत विकल्प की तलाश की जा रही है। उधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को निर्विरोध निर्वाचित कराने के लिए पार्टी नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है।
कैमरों के सामने जानकारी देने से किया इंकार
शुक्रवार को पन्ना के कलेक्ट्रेट कार्यालय में नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा के दौरान दोपहर में करीब 2 बजे समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन फार्म रद्द करने की खबर बाहर आने पर अचानक काफी गहमागहमी बढ़ गई। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मीरा यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवजीत सिंह और सपा नेता दीपनारायण सिंह दीपक यादव ने रिटर्निंग ऑफिसर सुरेश कुमार से उनके ऑफिस में भेंट की। इस दौरान सपा प्रत्याशी ने समय शेष होने का हवाला देकर नामांकन फार्म की कमी को पूरा कराने का निवेदन किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है, रिटर्निंग ऑफिसर ने हमारी बात नहीं सुनीं। मीडियाकर्मियों ने जब इस संबंध में रिटर्निंग ऑफिसर से संपर्क किया तो उन्होंने कैमरा के सामने अपने निर्णय की जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया। कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा रिटर्निंग अधिकारी के इस रवैए पर हैरानी और आपत्ती जताते हुए निर्वाचन आयोग की मंशानुसार चुनाव में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए जाने का हवाला दिया गया। कुछ मिनिट बाद रिटर्निंग ऑफिसर एवं पन्ना सुरेश कुमार ने मीडियाकर्मियों को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में बुलाया। वहां किसी को भी वीडियो बनाने, बातचीत को रिकार्ड करने या फोटो लेने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर कुछ पत्रकारों ने पुनः कड़ी आपत्ती और निराशा जाहिर की। लेकिन ऑफ कैमरा बात करने पर अड़े रिटर्निंग ऑफिसर ने किसी की एक भी नहीं सुनीं।
फार्म निरस्त करने के यह दो कारण बताए
आरओ सुरेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि सपा प्रत्याशी ने नाम निर्देशन पत्र के साथ मतदाता सूची की पुरानी प्रमाणित प्रति संलग्न की गई थी साथ ही फार्म में एक जगह अभ्यर्थी ने हस्ताक्षर नहीं किए। इस कारण से सपा प्रत्याशी का फार्म अस्वीकार किया गया है। उन्होंने बताया कि सपा प्रत्याशी समेत कुल पांच अभ्यर्थियों के फार्म विभिन्न कारणों से रद्द हुए। सुरेश कुमार का कहना है कि, नाम निर्देशन पत्र की कमियों के संबंध में सपा प्रत्याशी के निर्वाचन अभिकर्ता सरदार यादव को बताया था। जबकि सरदार यादव और सपा प्रत्याशी मीरा यादव का दावा है, नामांकन फार्म जमा करते समय और उसके बाद भी रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें फार्म में कमी होने संबंधी किसी प्रकार कोई जानकारी नहीं दी। सरदार के अनुसार, अगर जानकारी दी जाती तो फार्म में एक स्थान पर हस्ताक्षर न होना या फिर नई वोटर लिस्ट संलग्न न होना, कोई ऐसी कमियां तो नहीं थी जिनकी पूर्ती करना असंभव होता।
क्या कहता है नियम
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश तिवारी की मानें तो भारत निर्वाचन आयोग का नियम है कि, अभ्यर्थी के नामांकन फार्म अगर कोई कमी या त्रुटि पाई जाती है तो उसकी जानकारी देकर पूर्ती करानी चाहिए। अगर नामांकन में गलती पाई जाती है तो उसका सुधार कराना जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारी का यह दायित्व है कि नामांकन फार्म जमा करने के दौरान फार्म की अच्छी तरह से जांच की जाए। संतुष्ट होने के बाद पावती दी जाए। बता दें कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत कांग्रेस ने मध्य प्रदेश एकलौती खजुराहो सीट सपा के लिए छोड़ी थी। समाजवादी पार्टी ने खजुराहो सीट पर पहले डॉ. मनोज यादव को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन 2 अप्रैल को सपा ने मनोज का टिकिट काटकर पूर्व विधायक मीरा यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन यानी 4 अप्रैल को सपा प्रत्याशी ने अपना नामांकन फार्म जमा किया। रिटर्निंग ऑफिसर ने प्रारंभिक जांच में फ़ार्म सही पाकर पावती दे दी। सपा प्रत्याशी मीरा यादव ने कहा, फ़ार्म जांचकर जमा करना रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारी थी। अगर फार्म में कोई कमी थी तो उन्हें बताना चाहिए था। दो अप्रैल को वोटर लिस्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए निवाड़ी में आवेदन किया था नहीं मिलने पर वोटर लिस्ट की उपलब्ध प्रमाणित कॉपी फार्म के साथ संलग्न कर दी।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
सपा प्रत्याशी मीरा यादव के पति दीपनारायण सिंह दीपक यादव ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि हम लोगों को दोपहर में करीब 2 बजे फार्म निरस्त होने की जानकारी रिटर्निग ऑफिसर ने दी है। उनके साथ प्रस्तावक (निर्वाचन अभिकर्ता) सरदार यादव भी मौजूद थे। समय शेष होने हवाला देकर नामांकन फार्म की कमी को पूरा करने का निवेदन किया लेकिन आरओ साहब नहीं माने। रिटर्निंग ऑफिसर सुरेश कुमार जहां समय पर कमियों की जानकारी देने की बात कह रहे है तो वहीं सपा प्रत्याशी पति दीपनारायण यादव उनकी दलील को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। सपा प्रत्याशी पति दीपनारायण ने कहा कि, कलेक्टर अगर यह कह रहे हैं कि उन्होंने नामांकन के दौरान फ़ार्म की कमियों की जानकारी अभ्यर्थी या फिर उनके निर्वाचन अभिकर्ता को दी थी, तो उनके पास तो चुनावी प्रकिया की पल-पल की वीडियो रिकार्डिंग होती है, वह हमें रिकार्डिंग दिखा दें। सच्चाई यही है कि नामांकन के समय हमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। अभी हम लोगों को कमियां बताकर फार्म निरस्त करने के फैसले की मौखिक जानकारी दी। जिसकी हमने लिखित जानकारी मांगी है।
श्री यादव ने बताया कि, मैनें निवाड़ी में अपने वकील से मतदाता सूची की सत्यापित कॉपी निकलवाने के लिए 2 अप्रैल को कहा था। लेकिन एडीएम के अवकाश पर चले जाने से मतदाता सूची की नवीनतम सत्यापित कॉपी नहीं मिल पाई थी। इस स्थिति में हमारे पास पास जो सत्यापित कॉपी उपलब्ध थी फार्म के साथ उसे लगा दिया। उन्होंने बताया कि रिटर्निंग अधिकारी के मनमाने और एकतरफा फैसले के खिलाफ गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं से परमर्श कर भारत निर्वाचन आयोग के पास जाएंगे। यदि वहां से न्याय नहीं मिला तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। सपा नेता ने एक सवाल के जवाब में आरोप लगाते हुए कहा कि खजुराहो सीट से भाजपा प्रत्याशी (विष्णु दत्त शर्मा) के दबाव में आकर रिटर्निंग ऑफिसर ने हमारा नामांकन फार्म निरस्त किया है।