* बाल शिक्षा केन्द्रों का 28 अगस्त से से होगा शुभारंभ
भोपाल। (www.radarnews.in) प्रदेश में प्रत्येक विकास खण्ड के एक ऑगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 28 अगस्त को चयनित 313 ऑगनवाड़ी केन्द्रों में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किया जा रहा है। इस संदर्भ में महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी की अध्यक्षता में ई.सी.सी.ई. परिषद का गठन किया गया है। विभागीय प्रमुख सचिव को परिषद की कार्यकारी समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
आयुक्त महिला-बाल विकास एम.बी.ओझा ने कहा है कि प्रदेश में बाल शिक्षा केन्द्रों का शुभारंभ 15 अगस्त के स्थान पर 28 अगस्त को किया जाएगा। इस संबंध में रेगुलेटरी दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे है। बाल शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष की उम्र तक के बच्चों के समुचित विकास के लिये प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी एवं मुल्यांकन संभव होगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं।
निगरानी के लिये शिशु विकास कार्ड

ऑगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिये 19 विषयों का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। सत्र में स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंगों और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन और सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिये आयु समूह के अनुसार 3 एक्टीविटी वर्कबुक तैयार की गई है। बच्चों के विकास की निगरानी के लिये शिशु विकास कार्ड बनाये गये हैं।
खेल-खेल में शिक्षा
ऑगनवाड़ी शिक्षा केन्द्रों में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिये दैनिक गतिविधियाँ होगीं। इसमें क्रियात्मक खेल, रचनात्मक नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियाँ करवाई जायेंगी। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे शाला पूर्व शिक्षा के लिये निर्धारित हैं। बच्चों को एक गतिविधि के लिये 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है क्योंकि 3 से 6 तक की उम्र वर्ष के बच्चे एक गतिविधि पर इससे अधिक समय तक ध्यान नहीं दे पाते।
कक्ष की होगी आकर्षक सज्जा
