खेत में संचालित पट्टे की उथली खदान में मिला बेशकीमती हीरा
हीरा कार्यालय पन्ना में उज्जवल किस्म के 12.58 कैरेट के हीरे को कराया जमा
पन्ना। रडार न्यूज इंसान की किस्मत जब अचानक खुलती है तो एक झटके में ही उसके दुर्दिन दूर हो जाते हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पेशे से श्रमिक प्रकश शर्मा और उनके दो अन्य दोस्तों नंदी व सुरेश के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। खेत में संचालित महज कुछ फिट की उथली खदान में उज्जवल किस्म का हीरा मिलने से ये तीनों रंक से राजा बन चुके हैं। मन मांगी मुराद पूरी होने से प्रकश और उसके दोस्तों तथा परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। प्राप्त हीरे का वजन 12 कैरेट 58 सेंट और अनुमानित मूल्य 50 लाख रूपये बताया जा रहा है। इस हीरे को तीनों दोस्तों ने बिना किसी देरी के पन्ना आकर हीरा कार्यालय में जमा कराया है।
अब आसानी से कट जायेगा बुढ़ापा
जिला मुख्यालय पन्ना के समीपी ग्राम जनकपुर निवासी प्रकाश शर्मा ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर सरकोहा में स्थित केदारनाथ उर्फ कित्तू रैकवार के खेत में करीब छः माह पूर्व पट्टे की उथली हीरा खदान लगाई थी। पेशे से श्रमिक होने के कारण तीनों दोस्त मिलकर खदान खोदते थे। उम्र के इस पड़ाव में खदान में की गई कड़ी मेहनत का प्रतिफल आज इन्हें बेशकीमती हीरे के रूप में मिला है। शुक्रवार 14 सितम्बर 2018 की सुबह हीरे की चाल को गेहूं-चावल की तरह बीनने के दौरान कंकड़ों के बीच जब चमकदार हीरा नजर आया तो प्रकाश का चेहरा खुशी से खिल उठा। इसे ईश्वर की अनुकंपा बताते हुए प्रकाश शर्मा ने एक सवाल के जबाब में कहा कि हीरे की नीलामी से उसके हिस्से में जो भी राशि आयेगी उससे मैं कोई व्यापर-व्यवसाय करूँगा ताकि बुढ़ापा अब आसनी से कट सके। बेशकीमती हीरा मिलने की खबर फैलने के बाद से प्रकाश और उसके दोस्तों के घर पर उत्सव सा माहौल है। सुबह से ही परचितों-रिश्तेदारों का आना जाना लगा है।, सभी उन्हें बधाई दे रहे हैं।
मिलेगी अच्छी कीमत
जिला हीरा कार्यालय पन्ना के हीरा पारखी अनुपम सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रकश द्वारा जमा कराया गया हीरा 12 कैरेट 58 सेंट का है। यह उज्जवल किस्म का साफ पानी का हीरा है, उनके अनुसार नीलामी में इसका अच्छा मूल्य मिलने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि आगामी हीरों की नीलामी में इस हीरे को रखा जायेगा। उल्लेखनीय है कि वन-राजस्व सीमा विवाद के कारण हीरा धारित राजस्व क्षेत्र पन्ना जिले में अब नाम मात्र का बचा है। इसलिये पिछले कुछ समय से पन्ना के आसपास के ग्रामों में स्थित कृषि भूमि में हीरा खदान लगाने का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। कई ग्रामों में किसान खेती ना करके हीरे की खदान लगाने वालों को एकमुश्त राशि में निश्चित अवधि के लिए महज कुछ फिट भूमि किराये पर दे देते हैं या फिर उसमें 25-30 प्रतिशत की हिस्सेदारी ले लेते हैं। फलस्वरूप वर्तमान में कुछ खेतों में एक साथ कई खदानें चल रहीं हैं। दरअसल पन्ना के आसपास पत्थर अधिक होने से कृषि भूमि में हीरों की खदान लगवाकर किसान भाई दोहरा लाभ उठा रहे हैं। खदान की खुदाई होने से जहां खेत के पत्थर निकल जाते हैं वहीं बाद में खदान संचालक उक्त भूमि को समतल भी कराता है।