वारदात | पन्ना-सतना जिले की बार्डर पर डकैतों ने किया वन विभाग के चौकीदार का अपहरण, बाइक सवार युवकों को लूटा

0
1221
जंगल सर्चिंग पर रवाना होने के पूर्व पुलिस टीम को आवश्यक निर्देश देते अधिकारी।

* घर पहुंचे नाबालिग बेटे ने परिजनों को दी पिता के अपहरण की जानकारी

* पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सीमावर्ती चहला नाला जंगल की घटना

* अपहरण के पूर्व सशस्त्र बदमाशों ने बाइक सवार तीन युवकों से की लूटपाट

* आचार संहिता लागू होने के समय दस्यु गिरोह की धमक से क्षेत्र में फैली दहशत

शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज   मध्यप्रदेश के पन्ना-सतना जिले के सीमावर्ती इलाके के जंगल से आधा दर्जन हथियारबंद नकाबपोश डकैतों ने वन विभाग के चौकीदार रामनरेश वल्द गेंदालाल खैरवार 37 वर्ष का अपहरण कर लिया। अपहरण की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के पूर्व दुस्साहसी डकैतों द्वारा बाइक सवार तीन युवकों के साथ मारपीट कर उनके साथ लूटपाट की गई। लूट और अपहरण की वारदात शनिवार 3 नवंबर की शाम 4-5 बजे के बीच पन्ना जिले के बृजपुर थाना की पुलिस चौकी पहाड़ीखेरा के क्षेत्र अंतर्गत चहला नाला के समीप की बताई जा रही है। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद सीमावर्ती इलाकों में पुलिस की कड़ी निगरानी और नाकेबंदी के बीच हथियारबंद नकाबपोश डकैतों ने जिस तरह दुस्साहसिक अंदाज में दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है उससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। उधर, डकैतों के आतंक की खबरें आने के बाद से पन्ना-सतना जिले के सीमावर्ती इलाके समेत तराई अंचल के लोग दहशत में है। डकैतों के चंगुल से वन विभाग के चौकीदार रामनरेश वल्द गेंदालाल खैरवार 37 वर्ष निवासी ग्राम ककरहा थाना बरौंधा जिला सतना को मुक्त करने के लिए पन्ना और पड़ोसी सतना जिले की पुलिस द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में सघन जंगल सर्चिंग की जा रही है। पन्ना के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह रविवार को सुबह से ही पहाड़ीखेरा पहुंच गए। उनके निर्देशन में पन्ना पुलिस की कई टीमें जंगल में सर्चिंग अभियान चलाकार चप्पा-चप्पा छान रहीं हैं। क्षेत्र में ऐसी चर्चा है कि अपहरण की वारदात में दस्यु सुंदरी साधना सिंह पटेल के गिरोह का हाथ है, लेकिन अभी तक इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।

परिजनों के उड़े होश

डकैतों के द्वारा की गई लूटपाट का शिकार बना नीलेश और उसके दोस्त।
अपहरण की वारदात शनिवार 3 नवंबर 2018 की शाम करीब 4-5 बजे के बीच उस समय हुई जब रामनरेश खैरवार पन्ना जिले के पहाड़ीखेरा ग्राम से साप्ताहिक बाजार करके अपने बेटे पुष्पेंद्र खैरवार 12 वर्ष के साथ बाइक से वापिस गांव ककरहा जा रहा था। रास्ते में चहला नाला के समीप छः अज्ञात हथियारबंद नकाबपोश डकैतों ने इन्हें रोक लिया। रामनरेश खैरवार के साथ मारपीट कर फिरौती वसूलने के उद्देश्य से दस्यु गिरोह उसे जबरन अपने साथ ले गया। जबकि उसके बेटे पुष्पेंद्र को किसी ने छुआ भी नहीं। किसी तरह बाइक से घर पहुंचे पुष्पेंद्र ने परिजनों को जब पिता के साथ हुए घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। रामनरेश खैरवार को लेकर अत्यंत ही चिंतित और परेशान परिजनों छोटे भाई छोटेलाल खैरवार व साले नत्थू खैरवार ने आनन-फानन में पहाड़ीखेरा पहुंचकर रात्रि में करीब 8 बजे स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी रामगोपाल द्विवेदी को अपहरण की घटना की दी गई।
अपहृत चौकीदार का पुत्र पुष्पेंद्र खैरवार।
लेकिन तब तक रात और अंधेरा अधिक हो जाने के कारण शनिवार को पुलिस का जंगल सर्चिंग अभियान शुरू नहीं हो सका। मालूम हो कि रामनरेश खैरवार का अपहरण करने के पूर्व डकैत गिरोह ने चहला नाला के ही समीप बाइक सवार नीलेश सिंह गौंड़ 32 वर्ष व उसके दोस्तों दीपक सिंह गौंड, गुड्डा सिंह गौंड़ सभी निवासी ग्राम बरहा भटिया थाना बरौंधा जिला सतना को रोककर मारपीट करते हुए इनसे करीब 600 रुपये और एक मोबाईल फोन छीन लिया था। नीलेश लूट की वारदात की पुलिस को तुरंत सूचना न दे पाए इसलिए डकैतों ने उसकी बाइक की हवा निकाल दी थी। इसके कुछ देर बाद दस्यु गिरोह जब रामनरेश खैरवार का अपहरण कर उसे अपने साथ ले गए तो नीलेश और उसके दोस्त ही रामनरेश के बेटे पुष्पेंद्र को उसी की बाइक से ग्राम ककरहा स्थित उसके घर लेकर गए थे।

रेत की वसूली में व्यस्त पुलिस

फाइल फोटो।
वर्तमान में विधानसभा चुनाव की जारी आदर्श आचार संहिता के दौरान जब पुलिस के हाई अलर्ट पर होने का दावा किया जा रहा है उस समय दस्यु गिरोह द्वारा बेखौफ अंदाज में शाम 4-5 बजे के बीच लूटपाट और अपहरण जैसी बेहद संगीन वारदातों को अंजाम देकर बड़ी आसानी से भाग निकलना पन्ना जिले के बृजपुर थाना की पहाड़ीखेरा चौकी पुलिस की घोर निष्क्रियता और असफलता को उजागर करता है । पहाड़ीखेरा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां पुलिस का हर समय मुस्तैद रहना अपराधों की रोकथाम के लिए बेहद जरुरी है। मालूम होकि पुलिस चौकी पहाड़ीखेरा की सीमा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बांदा और एमपी के सतना जिले से जुड़ी हैं। सीमावर्ती बियावान जंगल का वृहद इलाका और यहां का तराई अंचल कई दशकों से एमपी-यूपी के खूंखार दस्यु गिरोहों की शरणस्थली बना है। यहां पर आज भी कई ईनामी डकैत गिरोह सक्रिय हैं, इनकी चहलकदमी पन्ना जिले के वन क्षेत्र में भी बनी रहती है।

चहला नाला के समीप घटनास्थल का मुआयना करते पुलिस अधिकारी।
एक और पन्ना जिले में शांतिपूर्ण तरीके से निष्पक्ष निर्वाचन संपन्न कराने के लिए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह अपराधों की प्रभावी रोकथाम हेतु जरुरी उपाय सहित अभियान चलाकर लगातार आपराधिक तत्वों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर रहे हैं वहीं जिले के अजयगढ़ अनुभाग अंतर्गत आने वाले समस्त थानों और चौकियों में तैनात प्रभारी व अधीनस्थ अमला रात-दिन सिर्फ रेत खदान संचालकों, अवैध रेत खदानें चलने वाले माफियाओं और रेत परिवहन करने वाले वाहनों से इंट्री वसूली में व्यस्त है। पुलिस अधीक्षक को जमीनी हकीकत न बताकर अपने कारनामों को छिपाने के लिए गुमराह करते हुए इनके द्वारा लगातार गलत जानकारी दी जा रही है। अजयगढ़ अनुभाग अंतर्गत बढ़ते अपराधों का मुख्य कारण रेत की लूट से नोट छापने के लिए पुलिस द्वारा माफियाओं व अपराधी तत्वों को खुला संरक्षण देना है। पहाड़ीखेरा पुलिस चौकी अमले का हाल यह है कि उत्तर प्रदेश के कालिंजर और बृजपुर की ओर से नागौद-सतना जाने वाले रेत के वाहनों से इंट्री वसूली यहां पुलिस का मुख्य कार्य बन चुका है।इन हालत के ही कारण अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने की पुलिस कप्तान के विशेष प्रयासों को आपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है।

इनका कहना है-

“पुलिस की टीमें जंगल में सघन सर्चिंग ऑपरेशन चला रहीं हैं, पड़ोसी जिलों की पुलिस की भी इसमें मदद ली जा रही है। अपहृत व्यक्ति को सकुशल मुक्त कराने के लिए हम पूरा प्रयास कर रहे है उम्मीद है जल्द ही इसमें सफलता मिलेगी।”

विवेक सिंह, पुलिस अधीक्षक पन्ना