* पन्ना जिले के धरमपुर थाना अंतर्गत भदैयां क्षेत्र का मामला
* खोरा-भदैयां के बीच बागै नदी पर पुल निर्माण न होने की सजा भुगत रहे क्षेत्रवासी
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) प्रदेश में पिछले कुछ सालों में ग्रामीण अंचल में सड़क निर्माण सहित दूसरे विकास कार्य तेजी से हुए हैं, लेकिन अभी भी ऐसे हजारों गांव हैं जिनमें बुनियादी सुविधाओं का आभाव बना हुआ है। पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील का सीमावर्ती भदैयां क्षेत्र ऐसा ही एक अति पिछड़ा इलाका है, जहां के दर्जन भर गांवों का सम्पर्क बारिश के मौसम में चार माह के लिए तहसील और जिला मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है। ग्राम खोरा और भदैयां के बीच प्रवाहित बागै नदी पर पुल निर्माण न होने से मानसून के सीजन में हर साल भदैयां और इसके आसपास के गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं। बारिश के मौसम में भदैयां क्षेत्र के लोग आज भी अपनी जान जोखिम में डालकर या फिर नाव से नदी पार करके किसी तरह खोरा पहुँचते जहां उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, बैंक, डाकघर, हायर सेकेण्ड्री स्कूल समेत अन्य सेवाएं-सुविधाएं मिलती हैं।
बारिश के मौसम में अघोषित तौर काले पानी सरीकी सजा भुगतने को मजबूर इस क्षेत्र के लोगों का हालचाल जानने बीते दिवस अजयगढ़ क्षेत्रीय विकास संघ के संयोजक श्रीराम पाठक नाव से भदैयां पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र के लोगों की बदहाली के सम्बंध में बताया कि एक अदद पुल के आभाव में अन्तर्राज्जीय सीमा के नजदीक स्थित दर्जन भर गांवों के लोग इस दौर में भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
बारिश के सीजन में इस इलाके का तहसील मुख्यालय अजयगढ़, थाना मुख्यालय धरमपुर और जिला मुख्यालय पन्ना से सम्पर्क पूरी तरह कट जाता है। इस दौरान भदैयां क्षेत्र के लोगों को खोरा पहुँचने के लिए जान जोखिम में डालकर उफनती हुई नदी पार करनी पड़ती है। क्योंकि नाव हर समय नहीं चलती इसलिए जिन्दा रहने के लिए मौत के दरिया को पार करना इनकी मजबूरी है। मानसून सीजन में जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है या फिर किसी गर्भवती महिला को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाना होता है तब खतरा और चुनौती कई गुना बढ़ जाती है। उल्लेखनीय है कि खोरा एवं भदैयां के बीच में बहने वाली बागै नदी पर पुल न होने से परेशान ग्रामीण अपनी समस्या की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए पूर्व में कई बार धरना-प्रदर्शन-आन्दोलन भी कर चुके हैं।
