MP में भ्रष्टाचार हावी | छात्रावास निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग

0
604
कल्दा ग्राम में पीआईयू द्वारा निर्माणाधीन आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास भवन का भाजपा नेता संजय नगायच ने किया निरीक्षण।

*       आदिवासी बाहुल्य कल्दा पठार में 3 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन छात्रावास भवन का मामला

*       क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने घटिया निर्माण पर जताई नाराज़गी, बालिकाओं के जीवन के लिए बताया खतरा

*       भाजपा नेता संजय नगायच की शिकायत पर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने जांच के दिए निर्देश

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के अति पिछड़े पन्ना जिले में सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है, इसका ताज़ा उदाहरण श्री जुगुल किशोर मंदिर का फर्शीकरण (सीसी) कार्य है। बीते दिवस पन्ना के प्रवास पर आए सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष जब इसके वीडियो और शिकायत पहुंची तो वे भी हैरान रह गए। जन-जन की आस्था के केन्द्र भगवान श्री जुगुल किशोर जी के मंदिर में घटिया कार्य कराए जाने के मामले को मुख्यमंत्री ने अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुए पन्ना कलेक्टर को निर्माण कार्य की जांच करवाकर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। श्री जुगुल किशोर मंदिर मंदिर प्रांगण में मिट्टी के ऊपर कंक्रीट बिछाने की तर्ज पर जिले के निर्माण विभागों के बीच एक से बढ़कर एक घटिया कार्य कराने की स्पर्धा चल रही है। इसी क्रम में जिले के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य कल्दा पठार में 3 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्माणाधीन सीनियर आदिवासी कन्या छात्रावास भवन से जुड़े कुछ वीडियो वायरल हैं।
छात्रावास बिल्डिंग में लगाई जा रही निर्माण सामग्री जैसे- ईंट, रेत, डस्ट और सरिया की गुणवत्ता की जांच-परख करते वीडियो में नज़र आ रहे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने गुणवत्ता विहीन कार्य की पोल खोलकर रख दी है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा के फायर ब्रांड नेता संजय नगायच ने घटिया कार्य को लेकर निर्माण एजेंसी पीआईयू व सम्बंधित ठेकेदार की शिकायत प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव से की है। जिससे घटिया कार्य कराने वालों में जबरदस्त हड़कंप मचा है।

पापड़ की तरह टूट रही ईंट

छात्रावास भवन के निर्माण में लगाई जा रही डस्ट-सीमेंट निर्मित ईंट की गुणवत्ता जांचते भाजपा नेता संजय नगायच एवं कल्दा के ग्रामीण।
जिले के पवई विकासखंड अंतर्गत आने वाले कल्दा ग्राम में पीआईयू के द्वारा 3 करोड़ 33 लाख से अधिक की लागत से आदिम जाति कल्याण विभाग के लिए 50 सीटर सीनियर आदिवासी कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य ठेका पर कराया जा रहा है। पन्ना निवासी ठेकेदार योगराज शर्मा पर पीआईयू के तकनीकी अधिकारियों से सांठगांठ करके अत्यंत ही गुणवत्ता विहीन कार्य कराने के आरोप लग रहे है। कल्दा क्षेत्र के लोगों एवं जनप्रतिनिधियों में घटिया निर्माण कार्य को लेकर असंतोष व्याप्त है। बीते दिवस जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा के फायर ब्रांड नेता संजय नगायच जब कल्दा के दौरे पर पहुंचे तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा उन्हें छात्रावास भवन के घटिया कार्य की जानकारी दी गई। भविष्य में छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के जीवन सुरक्षा से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भाजपा नेता नगायच ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यस्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान भवन में लगाई जा रही डस्ट-सीमेंट निर्मित ईंट की गुणवत्ता जांचने के लिए जब उनमें हल्की ठोकर (चोट) मारी गई तो ईंट के कई टुकड़े टूटकर जमीन पर बिखर गए। मिट्टी की लोकल ईंट से भी बदतर डस्ट-सीमेंट की ईंट हाथ से तोड़ने पर पापड़ की तरह टूटती दिख रही है। इन ईंटों का निर्माण ठेकेदार के द्वारा लाइम स्टोन की डस्ट और राखड़ वाले घटिया सीमेंट से मौके पर ही कराया जा रहा है।

डस्ट के मसाले से जुड़ाई, पतले सरिया का उपयोग

कल्दा ग्राम में निर्माणाधीन छात्रावास भवन में स्थानीय नालों की मिट्टीनुमा रेत और डस्ट का उपयोग जारी।
कल्दा पठार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व जागरूक लोगों ने भाजपा नेता संजय नगायच को बताया कि कथित तौर पर ठेकेदार के द्वारा छात्रावास भवन की नींव की खुदाई किए बगैर ही बीम डालकर पिलर खड़े कर दिए। निरीक्षण के दौरान मौके पर लाइम स्टोन की घटिया डस्ट में स्थानीय नालों की मिट्टीनुमा रेत मिलाकर ईंटों की जुड़ाई श्रमिकों के द्वारा की जा रही थी। ईंटों की जुड़ाई के लिए लगाए जाने वाले मसाले में राखड़ युक्त डेड सीमेंट की मात्रा अधिक है। इतना ही नहीं बिल्डिंग की बीम और पिलर में लो क्वॉलिटी (कम शुद्धता) तथा कम एमएम (मोटाई) वाले सरिया लगाए गए हैं। कार्य के स्टीमेट अनुसार पिलर में मजबूती के लिए निर्धारित मात्रा एवं मोटाई का सरिया नहीं डाला गया। कार्यस्थल के निरीक्षण का जनप्रतिनिधियों द्वारा बकायदा वीडियो बनाया गया जिसमें निर्माण कार्य में लगाई जाने वाली प्रत्येक सामग्री को दिखाया गया है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है निर्माण कार्य में लीपापोती करके तकनीकी अधिकारियों और ठेकेदार के द्वारा शासन से प्राप्त बजट का बंदरबांट किया जा रहा है।

छात्रावास में रहने वालीं बेटियों का क्या होगा ?

छात्रावास भवन के निरीक्षण उपरांत मौके पर मिली अनियमितताओं की जानकारी देते हुए भाजपा नेता संजय नगायच।
अत्यंत ही गुणवत्ताविहीन निर्माण सामग्री का उपयोग करते हुए भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े किए जा रहे छात्रावास को लेकर एक वीडियो में भाजपा नेता संजय नगायच गहरी नारजगी व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। ठेकेदार के मेट को गुस्से से फटकारते हुए वे पूंछते हैं, क्या तुम लोगों के बाल-बच्चे नहीं है! उन बच्चियों के बारे में थोड़ा तो सोचो जिन्हें इस छात्रावास में रहना है, घटिया निर्माण के कारण उनके साथ अगर कोई हादसा होता है तो कौन जिम्मेदार होगा? निरीक्षण में शामिल क्षेत्रीय लोगों ने भी कुछ इसी तरह की आशंका जताई है। उनका कहना है, छात्रावास का घटिया निर्माण कार्य करवाकर निर्माण एजेंसी और ठेकेदार के द्वारा उनकी बेटियों के जीवन के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है। हल्का सा आंधी-तूफान चलने या फिर मामूली सी भूगर्भीय हलचल होने की स्थिति में भौगोलिक दृष्टि से संवेनदशील पठारी क्षेत्र के छात्रावास में रहने वाली बच्चियों का क्या होगा ? इस बारे में सोचकर उनका कलेजा काँप उठता है। कल्दा पठार के लोगों की जायज़ चिंताओं एवं मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा नेता संजय नगायच ने मौके से ही मोबाइल पर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव को घटिया निर्माण कार्य की जानकारी दी। साथ ही छात्रावास में लगाई जा रही गुणवत्ता विहीन निर्माण सामग्री के वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से बतौर साक्ष्य उन्हें भेजे गए। मंत्री श्री भार्गव ने इसे गंभीरता से लेते हुए घटिया कार्य की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ तत्परता से कठोर कार्यवाही करने की बात कही है।

ईंट के 4 में से 3 सैम्पल जांच में फेल

जिला मुख्यालय पन्ना के डायमंड चौक के नजदीक स्थित संभागीय परियोजना यंत्री लोनिवि पीआईयू का कार्यालय। (फाइल फोटो)
पीआईयू पन्ना के संभागीय परियोजना जेपी यंत्री सोनकर ने रडार न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि 4 दिन पूर्व ही मैं कल्दा में निर्माणाधीन कन्या छात्रावास भवन के निरीक्षण पर गया था। मौके पर निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही ईंट की गुणवत्ता कमतर प्रतीत होने पर 4 ईंट सहित अलग-अलग साइज के सरिया 8,12, 16 और 20 एमएम के सैम्पल लिए थे। वापस पन्ना आकर कार्यालय की लेब में ईंट के सैम्पल की टेस्टिंग की गई जिसमें 4 में से 3 सैम्पल फेल हो गए। जबकि टेस्टिंग में सरिया की मोटाई एवं वजन पूर्णतः सही पाया गया। छात्रावास के कॉलम तथा बीम की गुणवत्ता जांचने मौके पर ही डेढ़ किलो वजनी हथोड़े से प्रहार कर साउंड चेक किया गया। और हथोड़े के प्रहार से कॉलम बनने वाले क्रेक का आंकलन किया जोकि गुणवत्ता जांच की कसौटी पर खरे साबित हुए। संभागीय परियोजना यंत्री जेपी सोनकर ने बताया कि मोबाइल पर ठेकेदार को पहले ही सूचित किया जा चुका है कि सम्पूर्ण ईंट निकालकर नए सिरे से गुणवत्तापूर्ण ईंट लगाएं। इस संबंध में ठेकेदार को कार्यालयीन पत्र भी जारी किया जा रहा है। परियोजना यंत्री का दावा है, छात्रावास भवन मजबूत है सिर्फ ईंटों को छोड़कर अन्य निर्माण सामग्री भी गुणवत्तापूर्ण है।