लिपिकों की हड़ताल : रैली निकालकर भरी हुंकार | कार्यालयों में प्रभावित कामकाज

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छठवें दिन भी जारी रही लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

मांगें पूरी होने तक हड़ताल को जारी रखने का किया ऐलान

पन्ना। रडार न्यूज   वेतन विसंगति सहित अपनी 23 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के सभी विभागों के लिपिक इन दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। लगातार छटवें दिन लिपिकों की हड़ताल जारी रहने से सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित है। जिसका व्यापक असर अब साफ दिखने लगा है। प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ की हड़ताल के जल्दी समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। संघ के प्रांताध्यक्ष मनोज बाजपेई पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि अब कोरे आश्वासनों और झूठे वादों से काम नहीं चलेगा, जब तक निश्चित समय सीमा में मांगे पूर्ण होने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता तब तक हम न्याय के लिए अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। इस गतिरोध को समाप्त कराने के लिए सरकार की और से कोई सार्थक पहल ना होने से लिपिकों की हड़ताल दिन प्रतिदिन तेज हो रही है। चरणबद्ध आंदोलन के तहत शुरू हुई हड़ताल के छटवें दिन जिला मुख्यालय पन्ना में धरना स्थल कलेक्ट्रेट चौराहे से नगर में पैदल मार्च निकाला गया। जिसमें जिला मुख्यालय सहित विकासखंड स्तरीय कार्यालयों के लिपिक बड़ी संख्या में शामिल रहे। अपनी उपेक्षा और वेतन विसंगति मामले पर हो रहे अन्याय से आक्रोशित लिपिकों ने रैली के दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए लिपिकों की रैली वापिस धरना स्थल पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई।

लागू हों समिति की अनुशंसायें

इस अवसर पर मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा पन्ना के जिला अध्यक्ष आर.डी. चौरसिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि लंबित मांगों के निराकरण के लिए हमने कई बार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन कोरे आश्वासन देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए हमें विवश होना पड़ा है। लेकिन अब हम तब तक शांत होने वाले नहीं हैं जब तक हमें अपना हक़ नहीं मिल जाता। श्री चौरसिया ने बताया कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति सहित लंबित मांगों के निराकरण हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा रमेशचंद्र शर्मा, अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति भोपाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। माह जुलाई 2017 में उक्त समिति द्वारा शासन को 23 बिंदुओं का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। लेकिन इसकी लिपिक हितैषी अनुशंसाओं को लागू करने के लिए सरकार की और से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हमारी मांग है उक्त अनुशंसाओं को अक्षरशः लागू करने के आदेश जारी किये जायें। संयुक्त मोर्चा जिला पन्ना के अध्यक्ष आलोक खरे ने लिपिकों की मांगों को न्यायोचित बताते हुए कहा कि अन्य कर्मचारी संगठन भी इस संघर्ष में हमारे साथ हैं। उनके द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल का समर्थन किया गया है।

 रैली में ये रहे शामिल


लिपिक वर्गीय कर्मचारी कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते पन्ना में खाली पड़े कार्यालय।

पैदल मार्च में मुख्य रूप से बी.पी.परौहा अध्यक्ष तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ पन्ना, रामलखन शर्मा, रज्जब मोहम्मद, नारायण प्रसाद कोरी, रामबाबू अहिरवार, रामप्रताप रैकवार, आशीष रैकवा, जय सिंह, श्यामू सिंह, श्रीमती जयश्री वर्मा, सुरेखा रड़के, नीलम भारती, वंदना प्रजापति, सरोज प्रजापति, प्रशान्त सहस्त्रबुद्धे, मयंक मिश्रा, तरूण गोस्वामी, जे.पी.लखेरा, कुलदीप खरे, महेन्द्र खरे, लक्ष्मीकान्त यादव, बी.पी.पाठक, आर.के. नागर, पंकज श्रीवास्तव, मोहनीश घोटे, आर. के.रवि, गोविन्द प्रसाद वर्मन, मोतीलाल चौधरी, नन्दीलाल वर्मन, अरविन्द सिंह गौड़, आर.पी.तिवारी, शिवम पाण्डेय, अरविन्द कुमार रैकवार, बेनी प्रसाद आदिवासी, हाकिम सिंह, अरविन्द्र कुमार मिश्रा, सुभाष चन्द्र दास, गुलाब दहायत, प्रमोद आरख, विश्राम कोरी, प्रदीप सोनी, धर्मेन्द्र शर्मा, अनिल जैन शारदा प्रसाद कुशवाहा, राम कुमार कोरी, इमरान खान, राकेश शुक्ला, विजय कृष्ण दुबे, अखिलेश रैकवार, संजय बागरी, अभिषक जैन, सोम प्रकाश चौबे, प्रेम नारायण रैकवार, प्रकाश रैकवार, मुस्तफा खान, राजा सिंह महदेले, एन.पी.पाण्डेय, पी.के.गुप्ता, रामकिशोर पाल, महेश प्रसाद गंगेले, शिवशंकर डे, संतोष रजक , शुभम अरजरिया सहित बड़ी संख्या में लिपिक शामिल रहे।

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