* पन्ना के उत्तर वन मण्डल कार्यालय के समीप आवासीय परिसर की घटना
* विभाग प्रमुख अधिकारी के साथ अभद्रता पर मूकदर्शक बना रहा स्टॉफ
* स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय समारोह में शामिल होने जा रहे थे DFO
* डीएफओ ने कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को भेजी घटना की शिकायत
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में उत्तर वन मण्डल के डीएफओ नरेश सिंह यादव के साथ एक फॉरेस्ट गार्ड ने सरेआम गालीं-गलौंज करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। डीएफओ को उनके अधीनस्थ अमले के सामने फॉरेस्ट गार्ड राजेन्द्र यादव बड़े ही दुस्साहसिक तरीके से बेइज्जत करता रहा लेकिन किसी ने भी उसे रोकने का नैतिक साहस नहीं दिखाया। कथित तौर पर शराब के नशे में धुत फॉरेस्ट गार्ड को पकड़कर उसका मेडीकल कराने के लिए डीएफओ बार-बार कहते रहे लेकिन विभागीय अमला उनके निर्देशों को अनसुना कर मूकदर्शक बना रहा। यह अप्रत्याशित घटनाक्रम गुरुवार 15 अगस्त की सुबह करीब 8 बजे का है।

उत्तर वन मण्डल पन्ना के डीएफओ नरेश सिंह यादव अपने कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर ध्वजारोहण करने के बाद शासकीय वाहन से स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में सम्मलित होने के लिए निकले। उनके पीछे वन विभाग के एसडीओ, रेन्जर एवं अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की गाड़ियाँ चल रहीं थी। वन विभाग के आवासीय परिसर के समीप उप वन मण्डल कार्यालय पन्ना-विश्रामगंज के सामने रास्ते में वनरक्षक राजेन्द्र यादव ने जबरदस्ती डीएफओ का शासकीय वाहन रोक लिया। वाहन पर जोर से हाथ मारते और गालीं-गलौंज करते हुए गेट खोलकर वह डीएफओ के बगल की सीट पर बैठ गया। कथित तौर पर अपने निलंबन से नाराज राजेन्द्र यादव ने डीएफओ से कहा कि- “तूँ कौन होता है मुझे निलंबित करने वाला। तुझे मैं देख लूँगा।” डीएफओ नरेश सिंह यादव को गाड़ी से नीचे उतारकर कर आरोपी वनरक्षक उन्हें काफी देर तक सरेआम अश्लील गालियाँ देते हुए बेइज्जत करता रहा।
पुलिस से सुरक्षा की माँग

आमचर्चा है कि मौके पर मौजूद विभागीय अमले ने हस्तक्षेप कर वनरक्षक को ऐसा करने से मना करना अथवा रोकना भी उचित नहीं समझा। डीएफओ के साथ हुई अभद्रता के दौरान अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी आश्चर्यजनक रूप से तमाशबीन बने रहे। डीएफओ नरेश सिंह आरोपी वनरक्षक को पकड़कर उसका मेडीकल कराने तथा पंचनामा बनाने के लिए बार-बार कहते रहे लेकिन इतनी भीड़ में किसी ने भी आगे आने की हिम्मत नहीं दिखाई। चर्चा तो यहाँ तक है कि विवाद के दौरान वनरक्षक राजेन्द्र यादव ने 2 से 3 बार डीएफओ को ललकारते हुए उनके साथ हाथापाई करने की कोशिश की लेकिन विश्रामगंज एसडीओ नरेन्द्र सिंह परिहार ने उसे पकड़कर ऐसा करने से रोक लिया। डीएफओ ने अपने साथ अभद्रता करने वाले वनरक्षक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने हेतु पुलिस अधीक्षक पन्ना एवं कोतवाली थाना प्रभारी पन्ना को लिखित शिकायत भेजी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में जाते समय मुझे वनरक्षक राजेन्द्र यादव के द्वारा रोककर व्यवधान उत्पन्न करते हुए शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का गंभीर कृत्य किया गया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से भयभीत उत्तर वन मण्डल के डीएफओ ने पुलिस से अपनी जानमाल की सुरक्षा हेतु पर्याप्त प्रबंध करने की मांग की है।
हीरा खदानें संचालित कराने का है आरोप

पन्ना जिले के उत्तर वन मण्डल अंतर्गत आने वाले वन क्षेत्र में हीरों की सघन उपलब्धता के फलस्वरूप वर्तमान में यहाँ की कई बीटों में सैंकड़ों की संख्या में अवैध हीरा खदानें जंगल के अंदर संचालित हो रहीं हैं। पिछले माह विश्रामगंज वन परिक्षेत्र के इटवां सर्किल की अवैध हीरा खदानों पर कार्रवाई करने गई वन विभाग की टीम पर हीरा खदान माफिया ने हमला कर दिया था। वनरक्षकों को घायल कर माफिया और उनके गुर्गे अपने साथियों को छुड़ा ले गए थे। इस सनसनीखेज घटना ने वन क्षेत्र में संचालित अवैध हीरा खदानों ने सबका ध्यान अपनीं ओर खींचा। सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर चर्चायें करने लगे। परिणामस्वररूप जिला मुख्यालय पन्ना के समीप विश्रामगंज रेन्ज अंतर्गत टगरा बीट के वन कक्ष क्रमाँक पी-301 स्मृति वन के पीछे (भियारानी) में बड़े पैमाने पर लम्बे समय से चल रहीं अवैध हीरा खदानों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई।
