ब्रह्माकुमारीज़ ने निकाली तिरंगा जागरूकता यात्रा

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पन्ना नगर में "हर घर तिरंगा" अभियान का जन-जन को सन्देश देने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई।

*    ‘देश की आन-बान और शान की रक्षा करने की ली प्रतिज्ञा‘

*    आध्यात्मिकता की सोच से हांसिल कर सकते है आंतरिक स्वतंत्रता : सीता बहनजी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) हमारा प्यारा भारत देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, क्योंकि देश की आज़ादी को 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस अमृत महोत्सव के तत्वाधान में भारत सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय, पन्ना के द्वारा इसी अभियान के तहत जन जागृति के लिए आज सुबह नगर में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। साथ ही देश की शान तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) के सम्मान में एक गरिमामयी कार्यक्रम आयोजित किया गया। ब्रह्माकुमारीज़ की तिरंगा रैली के दौरान समूचा पन्ना नगर “हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा” के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की “हर घर तिरंगा” अभियान की जन जागृति यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते हुए पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना।
आजादी के अमृत महोत्सव पर हर-घर तिरंगा मुहिम से जन-जन को जोड़ने के उद्देश्य से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय के राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पन्ना से शुक्रवार 12 अगस्त को सुबह के समय नगर में भव्य तिरंगा रैली निकाली गई। इस विशाल तिरंगा यात्रा को पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। धवल सफेद वस्त्र पहने ब्रह्माकुमारी संस्था के भाई-बहिन, युवा शक्ति हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर अनुशासित तरीके से कतारबद्ध होकर जब मुख्य मार्गों से गुजरे तो समूचा पन्ना नगर “हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा” और भारत माता की जय के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। लोगों को हर-घर तिरंगा अभियान का सन्देश देते, सभी में देश प्रेम, देश भक्ति, आज़ादी के महत्व, देश की आज़ादी के संघर्ष की पावन स्मृतियों को जगाते और राष्ट्रध्वज से जुड़ाव की भावना को मजबूत करते हुए यह यात्रा वापस ब्रह्माकुमारीज़ संस्था पहुंची, जहां इसका समापन हुआ। आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर क़दम बढ़ाने का सन्देश देती तिरंगा यात्रा में आगे चल रहे रथ में सवार भारत माता की जीवंत झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। एक हाथ में तिरंगा लिए और दूसरे हाथ से आशीर्वाद देती भारत माता की नयनाभिराम जीवंत झांकी को सुबह-सुबह जिसने भी देखा वह राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत हो उठा।

देश के प्रति अपने कर्तव्यों का करें पालन : एसपी

पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना को ईश्वरीय भेंट प्रदान करती हुई प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय, पन्ना की प्रमुख बी.के सीता बहनजी।
तिरंगा यात्रा के शुभारंभ से पूर्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था में आयोजित हुए गरिमामयी कार्यक्रम को पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना ने संबोधित किया। उन्होंने उपस्थितजनों को हर घर तिरंगा अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने घरों, प्रतिष्ठानों में तिरंगा फहराने, वाहनों में तिरंगा लगाने या प्रदर्शित करने का सन्देश दिया। इस अवसर पर श्री मीना के द्वारा अपने देश की आन-बान-शान की रक्षा एवं देश के प्रति अपने समस्त कर्त्तव्य का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना को राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र की प्रमुख बी.के. सीता बहनजी ने संस्था से जुड़ी गतिविधियों के बारे में अवगत कराया साथ ही उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

आध्यात्मिकता से बदलेगी विश्व की तस्वीर : बहनजी

कार्यक्रम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय, पन्ना की प्रमुख बी.के सीता बहनजी ने सभी को आजादी एवं राष्ट्रधव्ज के महत्व को समझाते हुए कहा कि, तिरंगा देश की आन-बान-शान है। तिरंगा भारत का गौरव है और प्रत्येक भारतवासी के हृदय में यह महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए हर-घर तिरंगा अभियान में हम सबको अपनी सक्रिय सहभागिता निभानी है। बहनजी ने आगे कहा कि, हम बाहरी रूप से तो स्वतंत्र हो गए हैं, पर हम स्वयं से पूंछें कि, क्या हम आंतरिक रूप से स्वतंत्र हैं? हर मनुष्य आज के दिन यह संकल्प करे कि, हमें स्वयं को अन्दर से भी स्वतंत्र करना है। आंतरिक स्वतंत्रता से अभिप्राय आध्यात्मिक चेतना को जागृत करके नई दृष्टि प्राप्त करने से है। हमारा मन जो अधीन हो गया है मनोविकारों के, जो बुद्धि को सभी ने डस्टबिन बना दिया है, भेदभाव पैदा कर दिए हैं, तेरे-मेरे के जंजाल में लोग उलझ गए हैं। आज संकल्प करें कि, हम इनसे भी स्वतंत्र होंगे तब हमें सच्चा सुख मिलेगा। राजयोग के अभ्यास से आत्मबल को मजबूत कर हम अपने मनोविकारों से मुक्त होकर आनंद को प्राप्त कर सकते हैं। इससे आध्यत्मिकता की नई सोच विकसित होगी जो विश्व की तस्वीर को बदलने का काम करेगी।