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महाराजा छत्रसाल की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

*        श्री जुगल किशोर लोक बनने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

*        पन्ना में किया निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण

*        बृजपुर में कॉलेज खोलने और अजयगढ़ हॉस्पिटल उन्नयन की घोषणा

पन्ना। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बुंदेलखंड में बड़ा बदलाव आने वाला है, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से पन्ना दमोह छतरपुर सहित समूचा बुंदेलखंड समृद्ध होगा। किसानों की जिंदगी बदलेगी, पूरे क्षेत्र में खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार 29 मई को पन्ना में महाराजा छत्रसाल जयंती और पन्ना नगर के गौरव दिवस पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार के माध्यम से सुशासन की मिसाल बनेगी। प्रदेश में पन्ना सहित 19 धार्मिक नगरों में शराब दुकान बंद की गई है। सरकार शराब दुकान बंद कर दूध की दुकानें खोलेगी, गोपालन पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां श्री जुगल किशोर लोक के साथ ही 90 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा शीघ्र ही पन्ना को मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सौगातें भी मिलेगी।

राह वीर को मानवता के लिए मिलेंगे 25 हजार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना की धरती शूरवीरों की धरती हैं यहाँ पर हीरे के अपार भंडार हैं। महाराज छत्रसाल ने भी सोच समझकर पन्ना को राजधानी बनाया। उन्होंने कहा कि पन्ना में सबसे अच्छे हीरे पाए जाते हैं। जुगलकिशोर लोक बनने से श्रद्धालुजन दूर-दूर से आकर यहां दर्शन करेंगे जिससे पन्ना में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नगर समृद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना के गौरव दिवस के अवसर पर मैं मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शुभकामनाएँ देता हूँ। उन्होंने महाराजा छत्रसाल एवं लोकमाता अहिल्याबाई के चित्र पर मल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सड़क हदासों में अस्पताल पहुंचाने पर राह वीर योजना में मानवता के आधार पर 25 हजार का पुरस्कार सरकार देगी।

जुगुलकिशोर लोक में अन्य मंदिर होंगे शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पन्ना में जनसभा को संबोधित करने के पूर्व तिरंगा यात्रा में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा जगन्नाथ यात्रा को धर्मस्व और धार्मिक न्यास में शामिल किया जाएगा। राज्य सरकार महाराजा छत्रसाल की जयंती मनायेगी। पाठ्यक्रमों में महाराजा छत्रसाल की जीवनी को शामिल कर उनकी वीरता और जीवन के पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने अजयगढ़ के अस्पताल का उन्नयन करने तथा जुगल किशोर महालोक में गोविंद मन्दिर, बलदाऊ मन्दिर, प्राणनाथ और राम जानकी मंदिर के विकास कार्यों में शामिल करने की घोषणा की। तालाबों के जीर्णोद्धार और स्टेडियम को पूर्ण करने सहित बृजपुर में नवीन कॉलेज खोलने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने तय किया है की प्रदेश के नगरों में सभी जगह गीता भवन बनाए जाएंगे। गीता भवन में सभागार, लायब्रेरी आदि बनाई जाएगी। उन्होंने 131 नव विवाहित दंपत्तियों को भावी जीवन के लिए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम को खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने भी संबोधित किया।

महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पन्ना नगर पालिका परिषद् के राजेन्द्र उद्यान में महाराज छत्रसाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छत्रसाल जयंती पर पन्ना प्रवास के दौरान नगर के राजेन्द्र उद्यान पर बुंदेलखण्ड केशरी महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प वर्षा कर नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री प्राणनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य एवं पदाधिकारियों से ट्रस्ट के कार्यों और गतिविधियों की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छत्रसाल की गादी पर भी माल्यार्पण किया। इस अवसर पर महाराजा छत्रसाल के वंशज पूर्व पन्ना राजघराने के महाराजा छत्रसाल दिव्तीय विशेष रूप से उपस्थित रहे।

पन्ना में अब बाघिन का मिला शव, महीने भर के अंदर 4 वन्यजीवों की संदिग्ध मौत

*     उत्तर वन मण्डल अंतर्गत देवेन्द्रनगर रेन्ज की घटना

*     डीएफओ का दावा, आपसी संघर्ष में हुई बाघिन की मौत

शादिक खान, पन्ना/ रुपेश जैन, बृजपुर । (www.radarnews.in) टाइगर एवं लैपर्ड स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में फिलहाल पन्ना जिले के हालात सबसे अधिक चिंताजनक बने हुए हैं। यहां पन्ना टाइगर रिजर्व में 2 तेंदुओं, 1 मादा भालू की रहस्यमयी मौत और सेही (साही) के शिकार की घटना के बाद अब उत्तर वन मण्डल अंतर्गत बाघिन (Tigress) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। बेजुबान वन्यजीवों की मौत से जुड़ी सभी घटनाएं महीने भर के अंदर की हैं, जिन्हें लेकर वन्यजीव प्रेमी दुखी और हैरान हैं। उत्तर वन मण्डल पन्ना के डीएफओ गर्वित गंगवार ने बाघिन की मौत आपसी संघर्ष में होने का दावा किया है। लेकिन 24 घण्टे बाद भी उस बाघिन-बाघ अथवा अन्य किसी वन्यजीव की पहचान नहीं हो सकी जिसके साथ कथित संघर्ष में 10 वर्षीय बाघिन को अपनी जान गंवानी पड़ी। बाघिन की मौत शव मिलने के 2-3 पूर्व होने का अनुमान है।
पन्ना के उत्तर वन मण्डल की देवेन्द्रनगर रेंज अंतर्गत मिला बाघिन का शव।
उत्तर वन मण्डल पन्ना के डीएफओ गर्वित गंगवार ने जानकारी देते हुए बताया कि परिक्षेत्र देवेन्द्रनगर की उमरझला बीट अंतर्गत बुधवार 28 मई 2025 की शाम 5 बजे एक बाघिन (लगभग 10 वर्ष) का शव मिला था। बाघिन के सिर व शरीर पर कई जगह गहरे घाव पाए गए हालांकि उसके सभी अंग सुरक्षित थे। स्टॉफ द्वारा आसपास सर्चिंग करने पर किसी तरह की अवैध गतिविधि का कोई संकेत नहीं मिला। वहीं आज (गुरुवार 29 मई) सुबह डॉग स्क्वॉड से भी घटनास्थल की सर्चिंग कराई गई। प्रारंभिक जांच में बाघिन की मृत्यु आपसी द्वंद (संघर्ष) में होना प्रतीत होता है। डीएफओ गंगवार का कहना है, बाघिन की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है यह बात अब तक की जांच से स्पष्ट है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया, मृत बाघिन का आपसी संघर्ष किस बाघिन या बाघ के साथ हुआ था फिलहाल इसका पता नहीं चल सका। आपसी संघर्ष की पुष्टि के लिए घटनास्थल के आसपास कैमरा ट्रैप लगाकर इसमें शामिल रहे दूसरे बाघ-बाघिन की पहचान करने की बात कही जा रही है। साथ ही घटना के सभी पहलुओं की गहन पड़ताल करते हुए आसपास के गांवों में संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का आज आएंगे पन्ना , निर्माण कार्यों का करेंगे भूमिपूजन एवं लोकार्पण

*     महाराजा छत्रसाल जंयती कार्यक्रम में होंगे शामिल

पन्ना।(www.radarnews.in) मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज (गुरुवार 29 मई 2025) को पन्ना प्रवास पर आएंगे। इस अवसर पर महाराजा छत्रसाल जयंती, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राही सम्मेलन, विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण तथा सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को दोपहर 2.20 बजे छतरपुर जिले के गौरिहार से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2.40 बजे पुलिस लाइन पन्ना स्थित हेलीपैड पहुंचेंगे। इसके उपरांत विभिन्न स्थानीय कार्यक्रमों में सहभागिता कर अपरान्ह 4.45 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा छतरपुर जिले के मउसहानिया रवाना होंगे।

सीएम इन विकास कार्यों की देंगे सौगात

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज पन्ना प्रवास के दौरान नगर के शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 90 करोड़ 60 लाख रूपए लागत राशि के 40 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा 75 करोड़ 72 लाख रूपए लागत राशि के 32 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं 14 करोड़ 88 लाख रूपए लागत राशि के 8 निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव लोक निर्माण विभाग (भवन) के 3, लोक निर्माण विभाग के 10, जिला शहरी विकास अभिकरण के 2, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के 5 तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 12 विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा लोकार्पित होने वाले विकास कार्यों में लोक निर्माण विभाग (भवन) अंतर्गत गुनौर आईटीआई में 3 ट्रेड भवन, कल्दा में आदिवासी सीनियर कन्या छात्रावास, छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना के कॉमर्स ब्लॉक में मल्टीपरपज हॉल का रेनोवेशन कार्य, साइंस ब्लॉक में 2 हाल, वाराण्डा व टॉयलेट भवन का निर्माण तथा कन्या छात्रावास के पीछे 30 मीटर लम्बाई की बॉउण्ड्रीवॉल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहनगर में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, शाहनगर विकासखण्ड के ग्राम बोरी में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन तथा आवास गृह इत्यादि का निर्माण तथा शाहनगर में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय का निर्माण सहित अन्य कार्य शामिल हैं।

 

टाइगर-तेंदुआ जिससे ख़ौफ़ खाते हैं, उस वन्यजीव के शिकार को लेकर तस्करी की आशंका!

  पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की रहस्यमयी मौतों के बीच सेही के शिकार ने बढ़ाई चिंता

 सेही के पेट में पाए जाने वाले आंशिक पचे खाद्य पदार्थ के गोले बेज़ोअर से बनाई जाती हैं औषधियां

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत वन्यजीवों की रहस्यमयी मौतों के बीच सेही (साही) के अवैध शिकार (Poaching) का मामला सामने आने से हड़कंप मचा है। स्वाभाव से शर्मीले और मासूम से दिखने वाले इस खतरनाक वन्यजीव का शिकार पन्ना पार्क के गंगऊ अभ्यारण में हुआ है। वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर सवालों से घिरे पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अपनी नाकामी और बदनामी के डर से सेही शिकार (Porcupine Hunting) प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। घटना पर गंगऊ परिक्षेत्र कार्यालय में अज्ञात शिकारी के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध हुआ है। वन अमले ने घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस डॉग और मुखबिर तंत्र के सहयोग से शातिर शिकारी का सुराग भी लगा लिया है लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी होना शेष है। पन्ना पार्क के मौजूद हालात के मद्देनजर सेही के शिकार की घटना ने वन्यजीव प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है। कुछ लोग इस घटना को वन्यजीव तस्करी की आशंका से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल सेही का अवैध शिकार मांस के अलावा उसके पेट में पाए जाने वाले गोले (पथरी) लिए भी किया जाता है। जिसे बेज़ोअर कहा जाता है। कथित तौर पर औषधीय गुणों से भरपूर बेज़ोअर सोने से अधिक कीमती होता है। फ़िलहाल आधिकारिक तौर पर इस बात का पता नहीं चल सका कि सेही का शिकार मांस के लिए हुआ या फिर बेज़ोअर के लालच में किया गया।
पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत गंगऊ अभ्यारण की बगौंहा बीट सेही के शिकार की घटना का पता जंगल में मिले उसके कांटों और आंतों से चला।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले गंगऊ अभ्यारण की बीट बगौंहा कक्ष क्रमांक- 247 में मंगलवार 20 जनवरी को दोपहर के समय मैदानी वन अमले को पैदल गश्त के दौरन वनमार्ग किनारे बड़ी तादाद में सेही के कांटे, उसकी आंतें और खून लगी हुई लकड़ी मिली थी। सूचना मिलने पर परिक्षेत्राधिकारी (रेन्जर) अमर सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया मामला शिकार का प्रतीत होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। घटना को गंभीरता से लेते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक मोहित सूद एवं सहायक संचालक देवेन्द्र अहिरवार भी मौके पर पहुंचें। पन्ना से आये पुलिस डॉग स्कवॉड से आसपास के इलाके की सर्चिंग कराई गई। इस दौरान अज्ञात शिकारी के संबंध में कुछ अहम सुराग मिले। लेकिन संदेही व्यक्ति घटना के बाद से ही फरार है। इसलिए अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि सेही का शिकार मांस के लिए किया गया था या फिर बेज़ोअर हांसिल करने के मकसद से उसे बेरहमी से मारा गया। वन विभाग की टीम और मुखबिर तंत्र सरगर्मी से फरार आरोपी की तलाश में जुटा है। शिकार की घटना के संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एवं उप संचालक से संपर्क किया गया लेकिन उनके मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुए।

सेही का शिकार करने से कतराते हैं टाइगर-तेंदुआ

सेही (साही) ।
बड़ी बिल्लियों यानी शेर और बाघ को जंगल का राजा कहा जाता है। बेहद ही खूंखार, आक्रमक स्वाभाव वाले इन मांसाहारी जीवों से अधिकांश जंगली जानवर ख़ौफ़ खाते हैं। जंगल में शेर, बाघ या तेंदुआ की आसपास मौजूदगी की भनक लगने मात्र से ही अधिकांश वन्यजीव मत्यु के भय से कंपित होने लगते हैं। लेकिन कुछ वन्यजीव ऐसे भी हैं जिनपर हमला करने से पहले टाइगर (बाघ) और तेंदुआ सौ बार सोचते हैं। अथवा दर्दनाक मौत के डर से उनका शिकार करने की जल्दी हिम्मत नहीं जुटा पाते। ऐसे ही एक जीव का नाम है सेही जिसे साही भी कहा जाता है। दरअसल मासूम से दिखने वाले इस रहस्यमयी और अद्भुत जीव के शरीर पर पाए जाने वाले बेहद नुकीले कांटे इसे खतरनाक बना देते हैं। जब भी कोई जानवर सेही पर हमलावर होता है तो यह अपने बचाव में काटों को खड़ा करके फैला लेता है। बाघ-तेंदुए या अन्य कोई जीव जब सेही का शिकार करते हैं तो इसके काटों से गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, क्योंकि हल्का सा दाब पड़ने पर ये शरीर से अलग होकर दूसरे वन्यजीव के शरीर में धंस जाते हैं। पंजों में कांटा लगने पर बड़ी बिल्लियां के शिकार करने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। जाहिर है कि बिना शिकार के मांसाहारी जीव ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकते।

बेज़ोअर के लिए होता है सेही का शिकार

सेही का शिकार उसके शरीर में मौजूद आंशिक रूप से पचे खाद्य पदार्थों के गेंदनुमा आकृति वाले गोले के लिए किया जाता है। जिसे बेज़ोअर के नाम से जाना जाता है। कुछ लोग सेही का मांस भी खाते हैं। बेज़ोअर को लेकर फैली भ्रांतियों और अंधविश्वास के चलते इसे लोग इसे शक्तिशाली औषधीय गुणों से भरपूर मानते हैं। बेज़ोअर का उपयोग पारंपरिक औषधियां बनाने में किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में बेज़ोअर की काफी डिमांड है। कथित तौर चीन में बेज़ोअर का उपयोग पारंपरिक औषधियां बनाने में किया जाता है। कुछ लोगों का मानना है इसके औषधीय गुणों में कैंसर, डायबिटीज, बुखार आदि बीमारियों का प्रभावी उपचार मौजूद है। हालांकि इसके वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। बेज़ोअर की तस्करी के लिए सेही का शिकार तेजी से बढ़ रहा है। वन्यजीवों के व्यापार पर नजर रखने वाली संस्थाओं के अनुसार इंटरनेशनल मार्केट में बेज़ोअर के कुछ ग्राम के पाउडर का मूल्य सैंकड़ों-हजारों डॉलर तक हो सकता है।

कमजोर सुरक्षा से संकट में बाघों का संसार

फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में सेही के अवैध शिकार की घटना तब सामने आई है जब वहां पखवाड़े भर के अंदर 2 तेंदुओं और 1 भालू की रहस्यमयी मौत का मुद्दा पहले से ही काफी गर्माया हुआ है। बेजुबान वन्यजीवों की मौतों को लेकर वन्यजीव प्रेमियों तथा खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के प्रति खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। साथ ही तीनों घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई है। इधर, अपने खिलाफ बन रहे माहौल को देखते हुए पार्क के जिम्मेदार अधिकारियों ने सेही के शिकार मामले की मीडिया को भनक तक नहीं लगने दी। अपनी नाकामी और लापरवाही छिपाने के लिए पूर्व में भी मादा तेंदुआ शावक का शव मिलने की जानकारी को कई दिनों तक मीडिया से साझा नहीं किया था। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के रवैये की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना होने पर पारदर्शिता का भरम बनाए रखने के लिए मृत मादा तेंदुआ का शव मिलने के 5वें दिन प्रेस नोट जारी किया गया था। बहरहाल हालिया घटनाओं को देखते हुए कई लोगों का मानना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व का मौजूदा प्रबंधन वन और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं है। वर्तमान में पन्ना पार्क में जब तकरीबन एक सैंकड़ा बाघ आबाद हैं साथ ही तेंदुए भी अच्छी खासी तादाद में हैं तब सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था चाक-चौबंद होने के बजाए बेहद ही लचर स्थिति में नजर आ रही है। इस कारण न सिर्फ वन अपराध बढ़ रहे बल्कि बाघ समेत दूसरे वन्यजीवों पर संकट भी लगातार गहरा रहा है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में नहीं थम रहा वन्यजीवों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला

   अब व्यस्क नर तेंदुए की मौत, आबादी क्षेत्र से सटे जंगल में मिला शव

   पखवाड़े भर के अंदर 2 तेंदुओं और 1 भालू की मौत से वन्यजीव प्रेमी चिंतित

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) अंतर्गत बेजुबान वन्य प्राणियों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मादा तेंदुआ शावक (Female Leopard Cub) एवं मादा भालू (Female Bear) के बाद अब एक पूर्ण व्यस्क नर तेंदुए (Male Leopard) की संदिग्ध मौत का मामला प्रकाश में आया है। घटना पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र हिनौता की बीट दक्षिण हिनौता की है। जंगल का यह इलाका आबादी क्षेत्र के काफी नजदीक स्थित होने से प्रतिबंध के बावजूद यहां अवैध मानवीय दखल हमेशा ही बना रहता है। हाल ही में इसका भयंकर दुष्परिणाम इंसान और बेजुबान वन्यजीवों के बीच बढ़ते द्वन्द की ख़ौफ़नाक घटना के रूप में सामने आया था। बहरहाल, पार्क में पखवाड़े भर के अंदर 2 तेंदुओं और 1 भालू की संदिग्ध मौत को लेकर वन और वन्यजीव प्रेमी चिंतित और हैरान हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि परिक्षेत्र हिनौता की बीट दक्षिण हिनौता के कक्ष क्रमांक 537 में शुक्रवार दिनांक 23 मई 2025 को गश्ती के दौरान एक नर तेंदुआ (लगभग 9 वर्ष) मृत पाया गया। जिसका वन अपराध प्रकरण क्रमांक 585/23 कायम कर मामले को जांच में लिया। घटनास्थल के आस-पास सतना से डॉग स्क्वॉड बुलाकर सर्चिंग कराई गई लेकिन मौके पर किसी भी अवैधानिक गतिविधि के संकेत नहीं मिले। मृत तेंदुआ का पोस्टमार्टम पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने किया। इस दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक मोहित सूद, संबंधित परिक्षेत्राधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए के शव का सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार किया गया।
उप संचालक श्री सूद ने एक सवाल के जवाब में बताया, तेंदुए की मृत्यु शव मिलने के लगभग 24 से 36 घंटे पूर्व होने का अनुमान है। तेंदुए के सभी अंग पूर्णतः सुरक्षित पाए गए और आसपास किसी भी तरह की अवैध गतिविधि के संकेत नहीं मिले इसलिए शिकार की घटना तो किसी भी पहलू से प्रतीत नहीं होती। मृत तेंदुए के शरीर पर अथवा आसपास दूसरे तेंदुए या बाघ से आपसी संघर्ष होने के निशान भी नहीं थे। वहीं पोस्टमार्टम (शव परीक्षण) में तेंदुए की मौत जहर के कारण होने के संकेत भी नहीं पाए गए। जिससे व्यस्क तेंदुए की मौत फिलहाल अबूझ पहेली बनी हुई है। श्री सूद ने बताया, घटना की प्रारंभिक जांच एवं पोस्टमार्टम से मौत के कारणों का पता नहीं चल सका। तेंदुए के शरीर के विभिन्न अवयव जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर तेंदुए की मौत की असल वजह पता चल सकेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिनौता दक्षिण बीट में मानवीय दखल के मद्देनजर पार्क प्रबंधन आसपास रहने वाले लोगों से भी घटना के संबंध में पूछतांछ कर सकता है।
पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले गंगऊ अभ्यारण के परिक्षेत्र गंगऊ में मृत मादा भालू का शव।
बता दें कि इसके पूर्व पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत परिक्षेत्र पन्ना बफर की झिन्ना बीट के जंगल में 12 मई को एक मादा तेंदुआ शावक (लगभग 4 माह) वनमार्ग किनारे मृत पड़ा मिला था। तेंदुए शावक का सड़-गल चुका था। वहीं गंगऊ अभ्यारण के परिक्षेत्र गंगऊ की बांधी बीट में 16 मई 2025 की सुबह मादा भालू (लगभग 8 वर्ष) की मौत हो गई थी। पार्क प्रबंधन ने उक्त दोनों वन्य जीवों की मृत्यु प्रथम दृष्टया किसी बीमारी की वजह से होना बताया था।

टाइगर के हमले में वृद्धा की हो गई थी मौत

फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के हिनौता परिक्षेत्र की दक्षिण हिनौता बीट कोर क्षेत्र अंतर्गत आती है। पन्ना टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर आने वाले पर्यटक बाघ और दूसरे वन्य जीवों को स्वछंद विचरण करते हुए देखने के लिए दक्षिण हिनौता बीट जंगल का भ्रमण करते हैं। पन्ना पार्क का यह जंगल हिनौता ग्राम से काफी नजदीक स्थित है इसलिए हिनौत के ग्रामीण जलाऊ लकड़ी, मवेशियों के चारे समेत अन्य जरूरतों के लिए नजदीकी जंगल पर निर्भर हैं। जंगल के इस इलाके में प्रवेश पर प्रतिबंध लागू होने बावजूद वहां मानवीय गतिविधियों पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। जिसका दुष्परिणाम मानव और वन्यजीव संघर्ष की खौफनाक घटना के रूप में लगभग 5 माह पूर्व सामने आया था। दिसंबर 2024 में हिनौता गांव की आधा दर्जन महिलाएं रोज की तरह जंगल से अपने मवेशियों के लिए चारा लेने गई थीं। जहां टाइगर फैमिली के हमले में 65 वर्षीय फुलिया साहू की दर्दनाक मौत हो गई थी। दिल दहला देने वाली इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी रहीं अन्य महिलाएं अपनी जान बचाकर भाग निकली थीं। स्तब्ध करने वाली इस घटना ने दक्षिण हिनौता बीट जंगल में मानवीय दखल की चिंताजनक स्थिति और पन्ना पार्क की लचर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर कर दिया था। अब इसी बीट में तेंदुए की रहस्यमयी मौत की घटना सामने आने पर कई तरह आशंकाएं जताई जा रही हैं।

PTR ने 147 ईको विकास समितियों को वितरित किए 2 करोड़ 41 लाख रुपए

  ग्राम विकास में समितियों द्वारा खर्च की जाएगी राशि

  समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों को बताया जैव विविधता का महत्व

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Biodiversity Day) के उपलक्ष्य पर पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) द्वारा मंगलवार दिनांक 20 से शुक्रवार 23 मई तक 2025 तक लगातार कार्यक्रम आयोजित किये गए जिनका समापन आज ईको विकास समितियों (Eco Development Committees) के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ परिचर्चा से हुआ।
पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने प्रेस में जारी विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया कि पीटीआर की 147 इको विकास समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ परिचर्चा कार्यक्रम मड़ला के कर्णावती सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों व ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण किया साथ ही जैव विविधता (Biodiversity) के महत्व के बारे में जागरूक किया।
पन्ना टाइगर रिजर्व को वित्तीय वर्ष 2024-25 में पर्यटन (Tourism) से प्राप्त आय की लाभांश राशि का 33 प्रतिशत ईको विकास समितियों के विकास हेतु वितरित किया गया। कार्यक्रम में पार्क की 147 समितियों को 1,64,604/- प्रति समिति दर से कुल रुपये 2,41,96,788 /- के चेक वितरित किये। इस राशि का भविष्य में समितियों के द्वारा ग्राम के विकास में उपयोग में किया जाएगा। कार्यक्रम में पन्ना टाइगर रिजर्व के पन्ना बफर परिक्षेत्र के रेन्जर अमर सिंह एवं रेन्जर राहुल पुरोहित सहित पार्क के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

भावी सिविल इंजीनियरों ने फील्ड विजिट कर निर्माण कार्य की बारीकियां जानीं

विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने पॉलीटेक्निक कॉलेज ने कराया फील्ड विजिट

पन्ना। (www.radarnews.in) विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना भी बहुत जरुरी है। तकनीकी शिक्षा में तो व्यावहारिक ज्ञान अनिवार्य अंग है। विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और धरातल की चुनौतियों से निपटने का उनमें कौशल विकसित करने के लिए गत दिवस शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना द्वारा सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ‘फील्ड विजिट’ कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने रेलवे के निर्माणाधीन ब्रिज (पुल) का भ्रमण कर साइट इंजीनियर से कार्य की बारीकियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
पॉलिटेक्निक कॉलेज पन्ना के प्राचार्य अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संस्था में संचालित सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों को शनिवार 17 मई को उनके “फील्ड विजिट” विषय अंतर्गत विषय के व्यावहारिक ज्ञान हेतु पन्ना जिले के जनकपुर रोड पर निर्माणाधीन रेलवे ब्रिज का विजिट कराया गय । इस विजिट के दौरान विद्यार्थियों को साइट इंजीनियर अभिषेक द्वारा ब्रिज निर्माण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्रदान की गई तथा रेल परियोजना के विषय में विस्तार से बताया गया।
साइट इंजीनियर अभिषेक मिश्रा द्वारा विद्यार्थियों को रेल लाइन निर्माण में उपयोग होने वाली निर्माण सामग्री यथा गिट्टी, सीमेंट, रेत, के निर्धारित मानकों के अनुरूप होने कि आवश्यकता एवं महत्व पर जानकारी प्रदान की। साइट पर उपस्थित ठेकेदार रंजन सिंह ने रेलवे विभाग अंतर्गत निर्मित विभिन्न स्ट्रक्चर का अवलोकन करवाते हुये विद्यार्थियों को साइट पर उपयोग हो रही विभिन्न मशीन एवं उपकरणों के परिचालन की विधि से परिचित करवाया। फील्ड विजिट के दौरान सिविल ब्रांच के अतिथि व्याख्याता सुभाष पांडे उपस्थित रहे जिनके द्वारा विद्यार्थियों को फील्ड विजिट का महत्व बताते हुये विषय के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक दोनों ज्ञान पर प्रकाश डालते हुये व्यावहारिक ज्ञान पर अधिक ध्यान देने हेतु प्रेरित किया गया।

झोलाछाप डॉक्टर ने नाबालिग युवती के साथ क्लीनिक में किया बलात्कार

*      नर्स का काम सिखाकर नौकरी लगवाने का दिया था झांसा

पन्ना/बृजपुर। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना में एक झोलाछाप डॉक्टर पर क्लीनिक में काम करने वाली 17 वर्षीय नाबालिग युवती के साथ जबरन बलात्कार करने का आरोप लगा है। पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने बलात्कार समेत अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को तत्परता से गिरफ्तार कर लिया। घटना पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र के पहाड़ीखेरा ग्राम की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ीखेरा के बस स्टैंड के समीप झोलाछाप डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा पिता पराग वर्मा निवासी हरसौली थाना कर्वी जिला चित्रकूट उत्तर प्रदेश बिना किसी वैध पंजीयन के लगभग 4-5 माह से अपने क्लीनिक में मरीजों का इलाज कर रहा था। कुछ समय पूर्व नाबालिग युवती अपने पिता के साथ दवा करवाने शिवप्रसाद के क्लीनिक पर आई थी। इस दौरान फर्जी डॉक्टर ने युवती के पिता से बेटी की तारीफ की और नर्स का काम सिखाकर नौकरी लगवाने का झांसा दिया गया। पढ़ी-लिखी बेटी के बेहतर भविष्य की उम्मीद में पिता उसे डॉक्टर के क्लीनिक पर भेजने लगा।
पन्ना जिले का बृजपुर पुलिस थाना। (फाइल फोटो)
गत दिवस झोलाछाप डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा 55 वर्ष ने बेटी की उम्र की नाबालिग कर्मचारी को क्लीनिक में ही जबरन अपनी हवश का शिकार बना डाला। पहाड़ीखेरा से वापस घर पहुंचकर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को दी। जिसके बाद नाबालिग ने पिता के साथ पहाड़ीखेरा पुलिस चौकी पहुंचकर घटना की रिपोर्ट लिखाई। बृजपुर थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह भदौरिया एवं चौकी प्रभारी पहाड़ीखेरा कमल सिंह ने घटना की गंभीरता के मद्देनज़र तत्परता से कार्रवाई कर बलात्कार के आरोपी फर्जी डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा को दबिश देकर चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया आरोपी अपने क्लीनिक में ही निवास करता था। अजयगढ़ एसडीओपी राजीव सिंह भदौरिया ने बताया आरोपी डॉक्टर के खिलाफ बृजपुर थाना में दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल पन्ना भेजा गया।

गांव-गांव संचालित हैं अवैध क्लीनिक

उल्लेखनीय है कि पन्ना में सैंकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर जिला और तहसील मुख्यालय समेत गांव-गांव धड़ल्ले से अवैध क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। चिकित्सक की डिग्री और पंजीयन के बगैर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करने वाले फर्जी डॉक्टरों को जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का अघोषित संरक्षण प्राप्त है। इसके एवज में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पन्ना के कर्मचारी तथा संबंधित बीएमओ झोलाछाप डॉक्टरों से वसूली करते हैं। अवैध क्लीनिक का निरीक्षण उपरांत और नोटिस भेजकर कार्यवाही का दवाब बनाते हुए मोटी रकम ऐंठी जाती है। हाल ही में जिले के अजयगढ़ में दो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। लेकिन सालभर में गिनती के फर्जी डॉक्टरों पर कार्यवाही के पीछे का मकसद सिर्फ और सिर्फ कार्रवाई के नाम पर दिखावा करना और दवाब बनाने से ज्यादा कुछ नहीं है। जिले में फर्जी डॉक्टरों की संख्या सैंकड़ों में होने के बावजूद एक साल में बमुश्किल दर्जनभर पर कार्रवाई होना अगर दिखावा नहीं तो और क्या है। जबकि इनके गलत इलाज के कारण हर साल कई लोग बेमौत मर जाते हैं। विडंबना यह कि गलत इलाज के कारण होने वाली मौतों केअधिकांश मामले जागरूकता के आभाव, आपसी समझौता एवं भ्रष्टाचार के कारण दब जाते हैं। वहीं अवैध क्लीनिकों में गर्भपात करवाए जाने की भी चर्चाएं हैं।

PTR में मादा तेंदुआ शावक की मौत, 3 दिन बाद सड़ा-गला शव मिला

*    आलोचना होने पर पार्क प्रबंधन ने पांचवें दिन मीडिया से साझा की जानकारी

*    गंगऊ रेंज में मादा भालू की रहस्यमयी मौत से मचा हड़कंप

*    जंगल की नियमित गश्त के दावों और निगरानी तंत्र की लगातार खुल रही पोल

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) की पन्ना बफर रेंज के जंगल में मादा तेंदुआ शावक (लगभग 4 माह) का शव मिला है। तेंदुए की मौत 3-4 दिन पूर्व होने का अनुमान है, क्योंकि उसके शरीर के अधिकांश अंदरूनी अंग सड़कर ख़राब हो चुके थे। विशेषज्ञ चिकित्सकों से मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को जला दिया गया। प्रथम दृष्टया चिकित्सकों का मांनना है कि शावक की मृत्यु किसी बीमारी के कारण होना प्रतीत होता है। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर इस मामले में अपनी लापरवाही को उजागर होने से रोकने के लिए तेंदुआ शावक (Leopard cub) की मौत की खबर को छिपाने-दबाने के आरोप लगे हैं। कड़ी आलोचना से घिरे पार्क प्रबंधन द्वारा शावक की मौत की आधिकारिक जानकारी घटना के पांचवें दिन यानी शुक्रवार 16 मई 2025 को मीडिया को दी गई। वहीं इसी दिन गंगऊ अभ्यारण (Gangau Sanctuary) पन्ना के परिक्षेत्र गंगऊ की बांधी बीट में मादा भालू (Female Bear) की रहस्यमयी मौत होने होने की जानकारी मिली है।
पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा प्रेस में जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि, सोमवार 12 मई 2025 परिक्षेत्र पन्ना बफर की झिन्ना बीट के कक्ष क्रमांक पी-282-283 की सीमा पर वनमार्ग में एक मादा तेंदुआ शावक (आयु लगभग 4 माह) के मृत होने की सूचना वन अमले को स्थानीय ग्रामीणों से प्राप्त हुई। परिक्षेत्र अधिकारी अमर सिंह ने मौके पर पहुंचकर आसपास के इलाके की सघन सर्चिंग कराई। क्षेत्रीय वनमंडल सतना के डॉग स्क्वॉड (Dog Squad) से भी घटनास्थल की सर्चिंग कराई गई। मौके पर किसी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि के साक्ष्य नहीं मिले। वहीं मादा तेंदुए शावक के नाख़ून, दांत, मूंछ के बाल और खाल आदि सुरक्षित थे। अगले दिन मंगलवार 13 मई को बड़ौर में पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक (Field Director) अंजना सुचिता तिर्की समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी में वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता एवं अजयगढ़ के पशु चिकित्सक डॉ. मोतीलाल प्रजापति द्वारा तेंदुआ शावक के शव का परीक्षण किया गया। पोस्टमार्टम होने के बाद शव को जला दिया। क्षेत्र संचालक ने बताया, प्रथम दृष्टया चिकित्सकों का मानना है कि मादा तेंदुआ शावक की मृत्यु किसी बीमारी से होना प्रतीत होता है। शावक के अंगों के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे जा चुके हैं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही तेंदुआ शावक की मौत की असल वजह का पता चल सकेगा।

3 दिन तक वनमार्ग पर सड़ता रहा शव

मादा तेंदुआ शावक की संदिग्ध मौत के घटनाक्रम से पन्ना टाइगर रिजर्व के नियमित गश्त के दावों की पोल खुल गई है। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया, शव से भीषण दुर्गन्ध उठ रही थी और उसमें कीड़े पड़ चुके थे। ग्रामीणों का अनुमान है कि शावक की मृत्यु 3-4 दिन पूर्व हुई थी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि, वनमार्ग पर मृत तेंदुए का शव 3-4 दिन तक सड़ता रहा लेकिन कथित नियमित गश्ती करने वाले मैदानी वन अमले को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। जब वनमार्ग पर पड़े को तेंदुए शावक को लेकर वन अमला कई दिन तक पूरी तरह से बेखबर रहता है तो जरा सोचिए घने जंगल या झाड़ियों के अंदर वन्यजीवों की मृत्यु होने का पता कितने दिन बाद चलता होगा और तब तक शव की क्या हालत होती होगी? जानकारों की मानें तो वन्य जीवों की मृत्यु होने पर उनके शव सही स्थिति में न मिलने के कारण पोस्टमार्टम में मृत्यु की असली वजह पता नहीं चल पाती है।

वनकर्मियों के सामने भालू ने दम तोड़ा

पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले गंगऊ अभ्यारण के परिक्षेत्र गंगऊ में मृत मादा भालू का शव।
मादा तेंदुआ शावक की संदिग्ध मौत की खबर को छिपाने के आरोपों के बीच शुक्रवार की सुबह गंगऊ परिक्षेत्र से मादा भालू की रहस्यमयी मौत की खबर आने पर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में जबरदस्त हड़कंप मच गया। मादा भालू (लगभग 8 वर्ष) की मौत बांधी बीट के जंगल में हुई। पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक (Deputy Director) मोहित सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि, शुक्रवार 16 मई 2025 की सुबह मैदानी वन अमले को मादा भालू जीवित अवस्था में दिखा था। वह काफी असहज और बैचेन था। वन अमले की निगरानी के बीच चंद घंटे बाद लगभग पौने 11 बजे मादा भालू की अचानक मौत हो गई। घटनास्थल की पुलिस डॉग स्क्वॉड से सर्चिंग कराने पर किसी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं पाई गई। वन्यप्राणी चिकित्सक से शव का परीक्षण करवाने के बाद उसे जला दिया गया। पीटीआर प्रबंधन को प्रथम दृष्टया लगता है कि, भालू की मौत बीमार और वृद्ध होने की वजह से हुई। हालांकि पोस्टमार्टम में मादा भालू की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। भालू के अंगों के सैंपल जांच हेतु प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने पर ही भालू की मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।

… तो पुनः बाघ विहीन हो सकता है पन्ना

फाइल फोटो।
पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन वन और वन्यजीवों की सतत रूप से सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता तो जाहिर करता है लेकिन धरातल पर इसका असर दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आता। पन्ना पार्क की सुरक्षा एवं निगरानी व्यवस्था वर्तमान में सबसे लचर स्थिति में है। हालिया घटनाएं इसकी तस्दीक करती हैं। बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व के पर्यटक जोन में हिनौता ग्राम की आधा दर्जन महिलाएं बिना किसी रोकटोक के नियमित रुप से घास काटने जाती थीं। इसका खुलासा तब हुआ जब हाल ही में एक वृद्ध महिला की टाइगर फैमिली के हमले में दर्दनाक हो गई। दिल दहला देने वाली इस खौफनाक घटना ने पार्क की कथित चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को उजागर कर दिया था। चंद रोज पहले कोर एरिया भैरव टेक घाटी जंगल में लगी आग को पार्क के अफसरों ने समय रहते गंभीरता से नहीं लिया। अफसरों की हद दर्जे की लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि प्रचण्ड गर्मीं में हवा के साथ तेजी से फैली आग ने जंगल के बड़े इलाके को जलाकर ख़ाक कर दिया। आग लगने की घटना से प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर पर बेजुबान वन्यजीव भी प्रभावित हुए।
हद तो तब हो गई जब कुछ दिन पूर्व पार्क के पर्यटक जोन में स्वछंद विचरण कर रहे आवारा कुत्ते का वीडियो वायरल हुआ। पालतू और आवारा कुत्ते-बिल्ली पन्ना पार्क में रहने वाले वन्यजीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। क्योंकि इनके सम्पर्क में आने पर टाइगर फैमिली समेत दूसरे वन्य प्राणियों में घातक बीमारी रैबीज, कैनाइन डिस्टेंपर, अन्य संक्रामक और गंभीर बीमारियां के फैलने जोखिम बढ़ जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन इसकी रोकथाम के लिए पार्क की सीमा से सटे ग्रामों के कुत्ते-बिल्लियों एवं पालतू मवेशियों के टीकाकरण (Vaccination) पर प्रतिवर्ष लाखों रूपए खर्च करता है। लेकिन विडंबना यह है कि वर्तमान में पन्ना पार्क क्षेत्र में वन और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर जिस तरह घोर लापरवाही बरतने की घटनाएं लगातार सामने आ रही उसे देखते हुए यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण न होगा अगर यही हाल रहा तो पन्ना टाइगर रिजर्व पुनः बाघ विहीन हो सकता है।

लापरवाही बरतने पर दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवा से पृथक

पन्ना। महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत पन्ना ग्रामीण बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने पर दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की गई है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश कुमार सिंह द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र से लगातार अनुपस्थित रहने, केन्द्र संचालन में लापरवाही तथा विभागीय निर्देशों के अनुसार आंगनबाडी केन्द्रों का संचालन न करने वाली कार्यकर्ता-सहायिकाओं के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए थे। इसके तहत नगर परिषद देवेन्द्रनगर के वार्ड क्रमांक 12 स्थित केन्द्र की कार्यकर्ता आरती नामदेव एवं आंगनवाडी केन्द्र ललार की कार्यकर्ता पूनम त्रिपाठी को आंगनवाडी केन्द्र से निरंतर अनुपस्थित रहने, केन्द्र संचालन में लापरवाही बरतने और केन्द्र का विधिवत संचालन न करने पर सेवा से पृथक किया गया है।