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रेत माफिया को संरक्षण देने के दाग़ धोने की कवायद ! कलेक्टर ने रेत खदानों पर छापामार कार्रवाई कर 3 एलएनटी मशीनें 15 ट्रक पकड़े

* पन्ना जिले के ग्राम मोहाना, जिगनी और रामनई की खदानों में की गई कार्रवाई

* रेत माफिया को खुला संरक्षण देने प्रशासन और पुलिस पर लग रहे थे आरोप

* रेत की लूट के बीच प्रशासन की साख बचाने कलेक्टर ने संभाली कार्रवाई की कमान

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) कुछ तस्वीरें शब्दों की मोहताज नहीं होतीं। वे खुद बोलतीं हैं, अपनी कहानी बयाँ करती है, वह भी उस जुबान में जो सबको समझ आती है। शायद इसीलिए किसी ने कहा है, एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बुधवार 22 जनवरी की देर शाम कुछ ऐसी ही तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं जोकि यहाँ पर मची रेत की बेतहाशा लूट की सच्चाई को उजागर करने के साथ-साथ रेत के खेल में प्रशासन एवं पुलिस की भूमिका को बेनकाब करतीं हैं। मजेदार बात यह कि ये सभी फोटो उस कार्रवाई से जुड़ीं है जिसे रेत के अवैध उत्खनन-परिवहन को रोकने के लिए पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वयं अंजाम दिया है। बुंदेलखंड का बेल्लारी कहलाने वाले पन्ना जिले में लम्बे समय से जारी रेत की खुलेआम मची लूट के बीच जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने दलबल के साथ अजयगढ़ क्षेत्र की तीन रेत खदानों पर छापामार कार्रवाई को अंजाम देते हुए 3 एलएनटी मशीनें 15 ट्रक-डम्फर पकड़े हैं।
जिगनी में अवैध रूप से रेत खनन कार्य में लगी रहीं दो एलएनटी मशीनें जब्त की गईं।
रेत के अवैध कारोबार के खिलाफ बुधवार शाम से शुरू हुई कार्रवाई देर रात्रि तक जारी रही जिससे रेत माफियाओं में हड़कंप मचा है। पन्ना कलेक्टर द्वारा स्वयं खदानों में दबिश देकर रेत से लोड वाहनों तथा रेत का खनन करने वाली दैत्याकार मशीनों को पकड़ने की कार्रवाई ऐसे समय पर की गई, जब जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों पर निहित स्वार्थपूर्ति के लिए रेत के अंधाधुंध तरीके से जारी अवैध कारोबार की जानबूझकर घोर अनदेखी करने पर मीडिया में लगातार सवाल उठ रहे हैं। साथ ही रेत माफिया को अघोषित तौर पर संरक्षण देने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय एवं सपा के पूर्व प्रत्याशी दशरथ पहलवान सहित अन्य की चर्चा के वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट।
उल्लेखनीय है कि, कांग्रेस नेता एवं अजयगढ़ के जनपद अध्यक्ष भरत मिलन पाण्डेय एवं पन्ना विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे दशरथ पहलवान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें कथिततौर पर रेत के कारोबार में प्रशासन को बतौर कमीशन एडवांस में दी जाने वाली राशि का जिक्र हो रहा है। इस वीडियो में होने वाली चर्चा के आधार पर पन्ना जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को रेत से होने वाली काली कमाई का स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

रामनई में पकड़े 14 ट्रक

कलेक्टर के नेतृत्व में पकड़े गए रेत से लोड वाहन।
अजयगढ़ एसडीएम सुरेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार 22 जनवरी को क्षेत्र की रेत खदानों पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देशन एवं उनकी उपस्थिति में शाम 4 बजे से लेकर आज तड़के 3 बजे तक चली कार्रवाई में कुल 3 एलएनटी मशीनें 15 ट्रक-डम्फर पकड़े गए हैं। आपने बताया कि कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए तीन टीमें गठित की थीं। उनके द्वारा सबसे पहले मोहाना खदान में दबिश देकर वहाँ से एक एलएनटी मशीन, रेत से लोड एक ट्रक को पकड़ा गया। इसके पश्चात कलेक्टर ने बीरा खदान का निरीक्षण किया और अंत में वे रामनई गए जहाँ से 14 ट्रक-डम्फर जब्त किए गए। एसडीएम सुरेश गुप्ता और प्रभारी तहसीलदार अजयगढ़ धीरज गौतम के द्वारा जिगनी से दो एलएनटी मशीनों को पकड़ा गया। इस कार्रवाई की भनक लगने पर रेत माफिया ने जिगनी में नदी से एलएनटी मशीनों को निकालकर समीप ही छिपा दिया था। हालाँकि रेत माफिया की यह चालाकी उसके काम नहीं आई।

कई ट्रकों और मशीनों को नहीं पकड़ा

रामनई में बुधवार की शाम रेत का खनन करती मशीनें जिन्हें पकड़ा नहीं गया।
चारों तरफ से उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले की सीमा से घिरे पन्ना जिले के अंतिम गाँव रामनई में रेत से लोड वाहनों को पकड़ने की कार्रवाई प्रभारी तहसीलदार उमेश तिवारी के नेतृत्व में की गई थी। रामनई में वाहन बेशक सबसे ज्यादा पकड़े गए लेकिन कार्रवाई में सबसे अधिक लीपापोती भी यहीं पर होने की चर्चाएं आम हैं। बुधवार 22 जनवरी की शाम करीब 4 बजे रामनई में 10 जेसीबी और एलएनटी मशीनें आधा दर्जन से अधिक खेतों से रेत निकाल रहीं थी। इसके अलावा 50 से अधिक ट्रक-डम्फर रेत की लोडिंग के लिए खड़े थे लेकिन वहाँ सिर्फ 14 ट्रक पकड़े गए। शेष ट्रकों और मशीनों को पकड़ा क्यों नहीं गया यह तो संबंधित प्रशासनिक अधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं लेकिन ऐसा होने से उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
पन्ना जिले के आखरी छोर पर बसे रामनई ग्राम में अभी भी आधा दर्जन से ज्यादा खेतों में संचालित हैं रेत खदानें, जिनमें धड्ड़ले से मशीनों से जारी है खनन।
उधर, अजयगढ़ एसडीएम सुरेश गुप्ता गुरुवार को रामनई गए और वहाँ एक दिन पहले पकड़े गए सभी 14 ट्रकों को चंदौरा चौकी लाकर पुलिस की सुपुर्दगी में दने की कार्रवाई कराते रहे। रामनई में आज जब अधिकारी मौजूद थे तब भी वहां दो दर्जन से अधिक रेत से लोड ट्रक खड़े रहे, इनकी जानकारी भी एसडीएम को दी गई लेकिन समाचार लिखे जाने तक उन्हें पकड़ा नहीं गया। अजयगढ़ एसडीएम से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने ट्रकों के खड़े होने की सूचना मिलने की बात स्वीकार करते हुये कहा कि पूर्व में पकड़े गए ट्रकों के चूँकि ड्रायवर भाग गए हैं इसलिए दूसरे ड्रायवरों की मदद से उन्हें सुरक्षित चंदौरा पुलिस चौकी में खड़ा कराना हमारी प्राथमिकता है, इसके पश्चात अन्य वाहनों की मौके पर जाकर जाँच की जायेगी।

बंदूकों की नोंक पर हो रहा खनन

रेत खदानों पर कार्रवाई के संबंध में सहयोगियों से चर्चा करते पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा।
भारतीय किसान संघ के तेज-तर्राट नेता रविन्द्र अवस्थी का मानना है कि बुधवार को रेत खदानों से एलएनटी मशीनों और ट्रक-डम्फरों की धरपकड़ की कार्रवाई महज खानापूर्ति है। श्री अवस्थी का कहना है, रेत माफियाओं को संरक्षण देने के जो अमिट दाग जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के दामन पर लगे हैं, इस तरह की कार्रवाई के जरिए उन्हें धोने और खुद को पाक-साफ़ दिखाने की कवायद बीच-बीच में होती रहती है। यह आँखों रेत झोंकने जैसा है। पूरे अजयगढ़ क्षेत्र में सक्रिय यूपी-एमपी के रेत माफिया केन नदी से खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन कर किसानों के खेतों से बंदूकों की नोंक पर जबरन वाहन निकाल रहे हैं। अजयगढ़ क्षेत्र के किसान नेता रविन्द्र अवस्थी का आरोप है रेत माफिया के आतंक से परेशान क्षेत्र के किसान जब प्रशासन और पुलिस के पास मदद मांगने जाते हैं तो उन्हें संरक्षण नहीं मिलता बल्कि उल्टा धमकी देकर भगा दिया जाता है। कुछ मामलों में तो पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने रेत के वाहनों की खेतों से निकासी रोकने पर संबंधित किसान को मौके पर जाकर धमकाया तक है जिसके प्रमाण उनके पास मौजूद हैं।
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