* पन्ना के पॉश इलाके में सामने आई बेहद शर्मनाक अप्रत्याशित घटना
* लॉकडाउन के दौरान देर रात घर न आने की हिदायत देने पर भड़के थे आरोपी
* पेशे से ठेकेदार जीजा-साले ने मिलकर घिनौनी वारदात को दिया अंजाम
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के दमोह जिले में मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी को लोग अभी भूल भी नहीं थे कि इस बीच पन्ना में एक बेहद शर्मनाक और अप्रत्याशित घटना के सामने से हर कोई हैरान है। दमोह और पन्ना की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं कथित सभ्य समाज में तेजी से बढ़ती विकृत मानसिकता के बेहद घिनौने व डरावने चेहरे को उजागर करती हैं। जिला मुख्यालय पन्ना के बाहरी इलाके में एनएच-39 किनारे स्थित एक पॉश कॉलोनी में में रहने वाले 43 वर्षीय दलित युवक को अपने किरायेदारों को लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन देर रात्रि में घर आने पर टोकते हुए समय से आने की हिदायत देना बहुत महंगा पड़ा। इससे बौखलाए दो युवकों ने मिलकर अपने मकान मालिक को पहले तो उसके ही कमरे में बंधक बनाया और फिर दोनों ने मिलकर उसके साथ कई घण्टे तक कथित तौर पर दरिंदगी करते रहे।
पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि आरोपी किरायेदार अमित मिश्रा एवं उसका साला गोलू तिवारी शुक्रवार की देर रात लगभग 1 बजे उसके कमरे में खाना खाने के बहाने आये और फिर वहीं पर उसे बंधक बनाकर जबरन शराब पिलाई गई। युवक का आरोप है कि विरोध करने पर उसे नग्न कर मोबाइल से उसका वीडियो बनाया। इतना ही नहीं कथित तौर पर उसके साथ जोर-जबरदस्ती करते हुए अप्राकृतिक दुष्कर्म करने की कोशिश भी की गई। इस दौरान करीब चार घण्टे तक दलित युवक रोता-गिड़गिड़ाता और रहम की भीख मांगता रहा लेकिन नशेड़ी कामान्ध जीजा-साले ने उसकी एक न सुनीं। शुक्रवार 24 अप्रैल को तकरीबन 5 बजे दोनों आरोपी मकान मालिक को घटना के सम्बंध जुबान खोलने पर जान से मारने की धमकी देकर अपने कमरे में चले गए।

इस घटना को लेकर चर्चा है कि रात्रि में दलित युवक की चींख-पुकार आसपास रहने वाले लोगों ने सुनीं लेकिन मदद के लिए आगे आना तो दूर किसी ने पुलिस को फोन करना तक उचित नहीं समझा। पन्ना कोतवाली थाना टीआई हरी सिंह ठाकुर ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्परता से घटनास्थल पर पहुंचकर प्रारम्भिक जांच की गई और फिर दोनों आरोपियों अमित मिश्रा निवासी नौगाँव जिला छतरपुर एवं उसके साले गोलू तिवारी निवासी राजनगर जिला छतरपुर हिरासत ले लिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक आरोपियों की धरपकड़ से जुड़ी खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। कोतवाली थाना पुलिस ने पीड़ित दलित युवक की लिखित शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 377, 511, 34 एवं अनुसूचित जाति जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम 1989 संशोधन 2005 की धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्ना के बाहरी इलाके में स्थित एक पॉश कालोनी में अकेले रहने वाले 43 वर्षीय दलित युवक ने अपने मकान के कुछ कमरे किराए पर दे रखे हैं। उसके मकान में छतरपुर जिले का नौगांव निवासी सिविल वर्क ठेकेदार अमित मिश्रा करीब 3 साल से कराये पर रह रहा है। अमित के साथ उसका साला गोलू तिवारी भी पन्ना में रहता है। वर्तमान कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले एक माह जारी लॉकडाउन के दौरान अमित मिश्रा और गोलू तिवारी कुछ दिनों से रोजाना देर रात्रि में घर आ रहे थे। दरअसल, रात्रि में मकान मालिक या दूसरे किरायेदारों को उठकर उनके लिए गेट खोलने पड़ते थे इसलिए वे काफी परेशान थे। मकान मालिक का कहना है कि उसने पहले भी कई मर्तबा दोनों से समय पर घर आने की बात कही लेकिन उसे अनसुना कर दिया। लॉकडाउन के दौरान भी दोनों का देर से घर आना जारी रहा। इसके चलते गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात जब अमित और गोलू दोनों देर से घर पहुंचे तो माकन मालिक ने कड़ा एतराज जताते हुए सख्त लहजे में समय पर घर आने की हिदायत दे डाली। कथित तौर पर शराब के नशे में धुत जीजा-साले ने इसे अपना अपमान समझा लेकिन दोनों चुपचाप अपने कमरे में चले गए।
कुछ देर बाद खाना लेकर दोनों मकान मालिक के कमरे में पहुंचे और उससे माफ़ी मांगते हुए वहीं पर बैठकर खाना खाने का बहाना बनाया। अकेला रहने वाला मकान मालिक और उसके किरायेदार अक्सर एक-दूसरे के रूम में मिल बैठकर खाते-पीते थे इसलिए उसे दोनों किरायेदारों की घिनौने इरादों का जरा भी एहसास नहीं हुआ। रात्रि में करीब एक बजे अचानक अमित मिश्रा और उसके साले ने कथित तौर पर अपने मकान मालिक को उसके ही कमरे में बंधक बना लिया। मकान मालिक के द्वारा हिदायत देने से बौखलाए इन आरोपियों उसे अपमानित करने लिए कपड़े उतरवाकर उसे नग्न कर दिया। और फिर मोबाइल फोन से कथित तौर अश्लील वीडियो बनाते हुए मकान मालिक के साथ जबरन अप्राकृतिक दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया। बंधक बनाये रखने के दौरान उसे गंदे कृत्य करने के लिए भी मजबूर किया। किरायेदारों के बुरे बर्ताव और यातनाओं से पीड़ित दलित युवक रात्रि में मदद के लिए जोर-जोर से चींखता-चिल्लाता रहा लेकिन कॉलोनी के रहवासी इसे शराबखोरी की हुड़दंग समझकर अपने घरों में ही दुबके रहे और इस चक्कर में किसी ने पुलिस को फोन लगाना भी उचित नहीं समझा।
