नगर पालिका के बाहर झाड़ू-टोकरी रखकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारी, “डस्टबिन रहित” घोषित शहर में दिखने लगे कचरे के ढ़ेर

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पन्ना नगर पालिका परिषद के कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हड़ताली सफाई कर्मचारी।

* बारिश के सीजन में सफाई व्यवस्था ठप्प होने तेजी से फैलने लगी गंदगी

* डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन न होने से पहले दिन से ही परेशान हुए शहरवासी

* नियमितीकरण सहित 14 सूत्रीय माँगों को लेकर हड़ताल पर हैं सफाई कर्मचारी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के डस्टबिन रहित पवित्र नगर घोषित पन्ना में सफाई कर्मचारियों के अपनी माँगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से जगह-जगह कचरे के ढ़ेर लग गए हैं। मंगलवार को हड़ताल के पहले ही दिन साफ़-सफाई के आभाव में शहर के सूरत-ए-हाल बेहाल नजर आ रहे है। बारिश के मौसम में सफाई व्यवस्था ठप्प होने शहर में तेजी से गंदगी फैल रही है और उससे दुर्गंध उठ रही है। बारिश के पानी का रास्तों में कई जगह भराव होने से राहगीरों को आवागमन में असुविधा हो रही है। सबसे बद्तर हालत पन्ना के बस स्टैण्ड परिसर की है। यहाँ हर तरफ कचरा फैला है।शहर में आज डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन न होने से लोगों के घरों में भी कचरा जमा हो गया है। उधर, सुबह से नगर पालिका परिषद कार्यालय के बाहर झाड़ू-टोकरी रखकर बेमियादी हड़ताल पर बैठे सफाई कामगारों ने यह ऐलान किया है कि नियमितीकरण, सातवें वेतनमान के एरियर्स के भुगतान सहित कर्मचारी हितों से जुड़ीं वर्षों से लंबित अन्य माँगे जब तक पूर्ण नहीं होती तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। नगर पालिका परिषद पन्ना की उपेक्षा और कोरे आश्वासनों से तंग आकर सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

ये हैं मुख्य माँगें

नगर पालिका कार्यालय परिसर में हड़ताल पर बैठे पुरुष सफाई कामगार।
सफाई कामगार संघ के जिला अध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार बाल्मीक ने जानकारी देते हुए बताया कि संघ की ओर से 14 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना को सौंपा गया है। जिसमें मुख्य रूप से नियमित कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का एरियर्स भुगतान करने, सफाई कामगारों के रिक्त पड़े पदों पर रोस्टर के अनुसार वरिष्ठता के आधार पर नियमित करने, ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों का निधन हुआ उसके किसी एक आश्रित को नौकरी देने, 62 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों के घर के किसी एक सदस्य को उनके स्थान पर नौकरी पर रखने, शिक्षित सफाई कामगारों को नपा की दूसरी शाखाओं में पदस्थ किया जाए, मासिक मस्टर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रोस्टर के आधार पर नियमित करते हुए इनका पी.एफ. काटने के शासन के आदेश पर अमल किया जाए। संविदा वाहन चालक, हेल्पर, फायरमैन, पीएचई, पार्क में तैनात कर्मचरियों को कलेक्टर रेट पर रखा जाए।
पन्ना नगर पालिका कार्यालय के बाहर रखीं हड़ताली सफाई कामगारों की झाड़ू और टोकरी।

सेवानिवृत होने पर नहीं देते विदाई

अपनी लम्बित मांगों के समर्थन में हड़ताल में शामिल महिला सफाई कामगार।
सेवानिवृत होने वाले सफाई कर्मचारियों को नगरपालिका परिषद की और से ससम्मान विदाई न देने पर पर हड़ताली सफाई कामगारों ने कड़ी आपत्ति जताई है। सफाई कामगार संघ पन्ना के नगर अध्यक्ष राकेश बाल्मीक ने इस उपेक्षापूर्ण बर्ताव पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि कई सालों तक शहर को साफ़-स्वच्छ रखने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले कर्मचारी के सेवानिवृत होने पर नगर पालिका की तरफ से उसे सम्मानपूर्वक विदाई तक नहीं दी जाती। इनका आरोप है कि यह मसला सफाई कामगारों के साथ होने वाले भेदभाव से जुड़ा है। सफाई कामगारों को नगर पालिका परिषद दोयम दर्जे का कर्मचारी मानकर घोर उपेक्षा करती है। जिससे हम सभी खासे आहत है। पिछले कुछ वर्षों से सेवानिवृत्त होने वाले सफाई कामगारों को उनके संघ की ओर से अपने खर्च पर विदाई दी जाती है। जबकि नगर पालिका के दूसरे कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर परिषद की ओर से उन्हें बकायदा सम्मान के साथ विदाई देने की स्वस्थ परम्परा का निर्वहन किया जाता है।
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के पहले ही दिन शहर में दिखने लगे कचरे के ढ़ेर।
गतिरोध को समाप्त कराने हो पहल
पन्ना के बस स्टैण्ड परिसर में बिखरा कचरा।
हड़ताल पर बैठे रवि बाल्मीक, हेमंत बाल्मीक ने बताया कि अपने हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए समस्त सफाई कामगार पूर्णतः एकजुट हैं। फलस्वरूप समस्त सफाई कामगार हड़ताल पर हैं। सफाई कामगारों की अपनी माँगों के निराकरण को लेकर दृढ़ता और नगर पालिका परिषद के नुमाइंदों की उदासीनता के चलते निर्मित गतिरोध के मद्देनजर हड़ताल अगले कुछ दिनों तक जारी रहने के आसार नजर आ रहे हैं। क्योंकि मंगलवार 18 जून को हुई चर्चा में सायंकाल तक कोई समाधान नहीं निकल सका। इसलिए बुधवार को भी हड़ताल जारी रहने के कारण शहर की सफाई व्यवस्था ठप्प रहना लगभग तय है। हड़ताल यदि इसके बाद भी जारी रही तो शहर की सड़कों-सार्वजानिक स्थानों की साफ़-सफाई के आभाव तथा घरों से कचरा संग्रहण न होने के कारण समूचा शहर ही कचरा घर में तब्दील हो सकता है। इस स्थिति में हालात बद से बद्तर हो सकते हैं। जाहिर है इसका दुष्प्रभाव निर्दोष नगरवासियों को भुगतना पड़ेगा। इसके मद्देनजर नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों को चाहिए कि आगे आकर हड़ताली कर्मचारियों से बात कर इस गतिरोध को समाप्त कराने के लिए सार्थक पहल करें ताकि नगरवासियों को बेबजह परेशान न होना पड़े। इस सम्बंध में जब नगर पालिका अध्यक्ष से सम्पर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो कई बार घण्टी बजने के बाद भी उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।