शराबियों की हरकतों से परेशान शांतिप्रिय लोगों का जीना हुआ दुश्वार

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पन्ना जिले के नरदहा ग्राम में कालिंजर-बांदा मुख्य मार्ग किनारे स्थित देशी शराब दुकान।

नरदहा में पुलिस चौकी के नजदीक मध्यरात्रि तक सजती है शराबियों की महफ़िल

धार्मिक स्थल के समीप और मुख्य मार्ग किनारे स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग

* शिकायत पर कार्रवाई न होने से निराश और नाराज हैं प्रभावित ग्रामीण

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील की पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से लगने वाली अंतर्राजीय सीमा के नजदीक स्थित ग्रामों की समस्याओं के समाधान को लेकर जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बरक़रार है। विचित्र भौगोलिक स्थिति के कारण अलग-थलग पड़े और अपने हाल पर छोड़ दिए गए सीमावर्ती ग्रामों के वाशिन्दों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। अब नरदहा को ही देख लें, पूरा गांव शराबियों के हुड़दंग के कारण काफी समय से परेशान है। ग्रामीणों के द्वारा शराब की दुकान को गाँव के बाहर शिफ्ट कराने के लिए दो माह पूर्व कलेक्टर से गुहार भी लगाई गई लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका। इससे प्रभावित नरदहा के ग्रामीण निराश और नाराज़ हैं।
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की सीमा से चौतरफा घिरे नरदहा ग्राम की देशी शराब दुकान इस गांव के शांतिप्रिय लोगों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। स्थानीय पुलिस चौकी से महज चंद क़दमों की दूरी पर स्थित शराब दुकान में शाम होते ही शराबियों की महफ़िल सजती है जोकि मध्यरात्रि तक आबाद रहती है। शराबियों का हुड़दंग इतना बढ़ चुका है कि शाम ढलने के बाद से ही शराब की दुकान के आसपास निकलना भी आमलोगों के लिए दूभर हो चुका है।
कालिंजर-बांदा मुख्य मार्ग किनारे स्थित सरकारी शराब दुकान के ही समीप पौडिबा बाबा का धार्मिक स्थल है। स्थानीय लोगों की आस्था के केन्द्र पौडिबा बाबा के स्थान पर शाम के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने के लिए जाते हैं लेकिन शराब की दुकान के सामने से होकर गुजरने के दौरान शराबियों के द्वारा उन्हें अपमानित और परेशान किया जाता है। शराबियों की घृणित हरकतों के कारण महिलायें सबसे ज्यादा परेशान हैं। महिलाओं और बेटियों को देखकर शराबी अश्लील हरकत करते हैं जिससे कई बार बेहद तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो जाती है। शराबियों के बढ़ते हुड़दंग के कारण नरदहा के लोगों की शांति और सुकून गायब हो चुका। सरेआम अश्लील गालियां बकते, देर रात्रि तक जोर-ज़ोर से चींखते-चिल्लाते, आते-जाते लोगों से बेवजह उलझते शराबियों ने पूरे गांव का माहौल खराब कर रखा है।
शराब दुकान को गांव के बाहर शिफ्ट कराने की मांग को लेकर के ग्रामीणों ने सरपंच के माध्यम से अपनी शिकायत पन्ना कलेक्टर को 5 जून 2021 को रजिटर्ड डाक से भेजी थी। ग्रामीण रमाशंकर अवस्थी के द्वारा इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी को भी आवेदन पत्र प्रेषित किया गया। इन शिकायतों पर प्रभारी आबकारी अधिकारी ने नरदहा पहुंचकर शराब दुकान का निरीक्षण किया लेकिन ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हुई। शराब दुकान आज भी गांव के अंदर धार्मिक स्थल के नजदीक संचालित है।
शिकायतकर्ता रमाशंकर अवस्थी ने बताया कि मुख्य मार्ग किनारे स्थित शराब दुकान के पास से निकलने पर हर समय अपमानित होने का डर बना रहता है, पता नहीं कब-कौन शराबी गाली-गलौंज या लड़ाई करने लगे। शराबियों की हरकतों के कारण आमलोग मानसिक तनाव में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों को यह भय भी बना रहता है, शराबी मौका पाकर चोरी की नियत से उनके घरों में घुस सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि शराब दुकान को गांव से बाहर शिफ्ट कराने के साथ ही शराब की बिक्री प्रतिदिन निर्धारित समय तक ही की जाए इसका भी कड़ाई से पालन कराना जरुरी है। शराब दुकान के बाहर अथवा आसपास शराबियों के जमघट पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सख्ती करने के साथ ही आवश्यक कदम उठाने होंगे। गांव में अशांति और विवाद की स्थिति पैदा करने वाले शराबियों को लगातार नजरअंदाज कर रही नरदहा चौकी पुलिस की भूमिका को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष व्याप्त है। इस दूरस्थ इलाके में तैनात पुलिस कर्मियों की गतिविधियों पर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ध्यान देने की जरुरत है।

इनका कहना है –

“नरदहा की देशी शराब दुकान शासन के नियमानुसार स्थापित एवं संचालित है, शराब दुकान के 50 मीटर की परिधि में कोई भी धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्था नहीं है। शराब दुकान मुख्य मार्ग किनारे स्थित है लेकिन वह नेशनल हाईवे नहीं है। दुकान के निरीक्षण एवं जांच के दौरान शिकायतकर्ता को इन तथ्यों से अवगत कराया गया था। शराब की बिक्री का समय प्रातः 9:30 से रात्रि 11:30 बजे तक निर्धारित है। नरदहा की शिकायत का जांच प्रतिवेदन मेरे द्वारा जिला आबकारी अधिकारी को प्रस्तुत किया जा चुका है।”

– के.के. पटेल, उप निरीक्षक, आबकारी अधिकारी कार्यालय, जिला पन्ना।