भोपाल। रडार न्यूज राज्य शासन ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की पारिश्रमिक दर में 500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि की है। अब संग्राहकों को 2000 रुपये के स्थान पर 2500 रुपये प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक का भुगतान किया जायेगा। संग्राहकों को पारिश्रमिक और बोनस का नगद भुगतान किया जायेगा। वन मंत्री उमंग सिंघार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने अपने वचन-पत्र में वनोपज संग्राहकों से किया गया वादा पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पारिश्रमिक में 500 रुपये की वृद्धि किये जाने से संग्राहकों को आगामी सीजन में 110 करोड़ रुपये से भी अधिक पारिश्रमिक का भुगतान किया जायेगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से 33 लाख 12 हजार संग्राहक लाभान्वित होंगे और लगभग 22 लाख तेन्दूपत्ता मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण संभव होगा।
गाँव में ही मिलेगा नगद भुगतान
वन मंत्री श्री सिंघार ने बताया कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों के तेंदूपत्ता संग्राहक ई-पेंमेंट सिस्टम से बहुत परेशान थे। संग्राहकों को कई बार 15 से 20 किलोमीटर तक का सफर तय कर बैंक तक पहुँचना पड़ता था। ग्रामीण इलाकों में अपेक्षाकृत छोटे बैंक हैं, जिनमें राशि भी कम ही रहती है। संग्राहक अक्सर अपना कामकाज छोड़ कर जब शाम तक बैंक पहुँचते थे, तो राशि खत्म हो जाने के कारण इन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता था। वन मंत्री ने बताया कि अब वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पहले से ही गाँव में जाकर संग्राहकों को भुगतान के लिए निर्धारित दिन और समय की सूचना देंगे। निर्धारित समय पर नोडल ऑफीसर वहाँ जाकर उन्हें नगद भुगतान करेंगे। इससे संग्राहक को कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। वन विभाग खुद संग्राहक के पास पहुँचेगा।
उल्लेखनीय है कि तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 में 19 लाख 14 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया। संग्राहकों को 2000 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से 382 करोड़ 80 लाख संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया गया। इससे एक माह में पौने दो करोड़ मानव दिवस का सृजन हुआ।