एफआईआर से निर्दोष व्यक्तियों के नाम हटाने पुलिस अधीक्षक को ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

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खोरा-धरमपुर क्षेत्र के ग्रामीणों से अपने आवास पर बात करते हुए पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना।

*    पन्ना जिले के धरमपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भोदूं की चक्की ग्राम का मामला

*    अतिक्रमण के विवाद में जिनकी संलिप्तता नहीं उन्हें भी बनाया आरोपी

पन्ना।(www.radarnews.in) जिले के धरमपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायणपुर के मजरा भोदूं की चक्की के पास स्थित निजी विद्यालय महारानी अंवती बाई ज्ञानोदय स्कूल की भूमि पर आशा सुपरवाईजर रूकमणी प्रजापति द्वारा अतिक्रमण कर मनमाने तरीके कराए गए अवैध निर्माण को लेकर हुआ विवाद सुर्ख़ियों में बना है। मामले को लेकर दोनों पक्षों की आपनी-अपनी दलीलें हैं। फिर भी जिम्मेदारों के द्वारा उदासीनता बरतते हुए तत्परता से अवैध निर्माण को ना रोकना इस विवाद का कारण बना। न्यायालय तहसीलदार अजयगढ़ में प्रकरण लंबित होने के बाबजूद कराए जा रहे निर्माण से प्रभावित पक्ष के कुछ लोगों ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए अवैध निर्माण को गिरा दिया। इससे मौके पर विवाद हुआ जिसकी रिपोर्ट रूकमणी प्रजापति की ओर से चन्द्रशेखर लोधी तथा उनके पक्ष के लोगों के विरुद्ध धरमपुर थाना में दर्ज कराई गई। आपराधिक प्रकरण में शिक्षक चन्द्रशेखर लोधी उनके सरपंच भाई सहित कुछ ऐसे लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनके संबंध में यह दावा किया जा रहा है कि विवाद के समय वे घटनास्थल पर ही नहीं थे अथवा विवाद में शामिल नहीं थे। निरपराध लोगों को आरोपी बनाए जाने से धरमपुर-खोरा क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई को लेकर लोगों में आक्रोश और असंतोष व्याप्त है।

खेलकूद के लिए आरक्षित है भूमि

मामले में धरमपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार बैगी की भूमिका को लेकर नाराज ग्रामीणों ने गत दिवस पन्ना पहुंचकर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम के नेतृत्व में खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक पन्ना धर्मराज मीना से भेंटकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। भाजपा नेता श्री गौतम व ग्रामीणों ने पुलिस कप्तान को बताया, मजरा भोदूं की चक्की के पास निजी विद्यालय महारानी अंवती बाई ज्ञानोदय स्कूल के नाम से संचालित था। विधायल की भूमि छात्रों के खेलकूद के लिए आरक्षित है। इस भूमि के बगल में शासकीय भवन बना था, जिस पर आशा सुपरवाईजर रुकमणि प्रजापति ने अवैध रूप से कब्जा कर अपना आवास बना लिया। साथ ही अगल-बगल की शासकीय जमीन पर भी अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य कर लिया है।

स्थगन आदेश के बावजूद जारी रहा निर्माण 

लगातार अतिक्रमण करने पर आमादा बेवा रुकमणि पर आरोप लगाया कि, अब उसके द्वारा विद्यालय की भूमि पर मनमाने ढंग से निर्माण कार्य किया जा रहा था। स्कूल संचालक चन्द्रशेखर लोधी के द्वारा अवैध निर्माण के सबंध में तहसीलदार न्यायालय अजयग़ढ़ में लिखित शिकायत की गई। तहसीलदार न्यायालय ने प्रकरण क्रमांक 46/प्रवा/2022 प्रकरण दर्ज करते हुए स्थगन आदेश भी जारी किया था। आदेश की कॉपी प्रक्रियानुसार थाना प्रभारी धरमपुर को प्रेषित कर अवैध निर्माण रोकने के संबंध में लेख किया गया। फिर भी अवैध निर्माण कार्य जारी रहा। इस बीच तहसीलदार के स्थगन आदेश के विरुद्ध तथा प्रकरण विचाराधीन होने के बाबजूद न्यायालय नायब तहसीलदार धरमपुर मण्डल ने रुकमणि प्रजापति को दिनांक 21 जुलाई 2022 को सहानुभूतिपूर्वक शौंचालय तथा बाउण्ड्री का निर्माण करने की अनुमति प्रदान कर दी।

अवैध निर्माण कार्य नहीं रुकवाया

कथित तौर पर नायब तहसीलदार से मिली अनुमति की आड़ में महिला ने विद्यालय की निजी भूमि निर्माण शुरू कर दिया। चन्द्रशेखर लोधी ने बताया, उनके द्वारा थाना प्रभारी धरमपुर से मिलकर अवैध निर्माण को रुकवाने तथा स्थगन आदेश का पालन सुनिश्चित करवाने हेतु कई बार निवेदन किया गया। लेकिन पुलिस की ओर से कोई हस्तक्षेप न करने पर विगत दिवस कुछ लोगों ने मिलकर अवैध निर्माण को गिरा दिया। इससे उपजे विवाद पर आशा सुपरवाईजर के द्वारा चन्द्रशेखर लोधी, नव निर्वाचित खोरा सरपंच शुभकांत सिंह लोधी समेत कई लोगों पर नामजद एवं अन्य के विरुद्ध थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

विवाद के वीडियो सोशल मीडिया पर हैं वायरल

गौरतलब है कि, अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए विवाद से जुड़े अनेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। वहीं एक वीडियो में विवाद के तुरंत बाद थाना प्रभारी धरमपुर मौके पर पहुंचकर खोरा सरपंच और वहां मौजूद ग्रामीणों को हड़काते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस अधीक्षक पन्ना को ग्रामीणों ने बताया कि इस विवाद में व्यक्तियों की संलिप्तता के संबंध थाना प्रभारी को पूर्ण जानकारी होने के बाद भी उनके द्वारा रुकमणि की रिपोर्ट पर शिक्षक चन्द्रशेखर लोधी, खोरा सरपंच समेत कई ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध कायम किया गया जोकि विवाद में शामिल ही नहीं थे। घटना के समय आवेदक चन्द्रशेखर सिंह अपने घर खोरा मे मौजूद थे जबकि उनके भाई सरपंच शुभकांत सिंह विवाद को शांत कराने के लिए लोगों को समझाने गए थे।

घटना में जो शामिल नहीं उन्हें मिलेगा न्याय

ग्रामीणों ने पुलिस कप्तान श्री मीना को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, थाना प्रभारी धरमपुर आपके कर्मचारी हैं इसलिए आपका उन्हें संरक्षण है लेकिन उनके द्वारा निरपराध लोगों के विरुद्ध जो कार्रवाई की गई है उससे हमारा संरक्षण कौन करेगा ? ग्रामीणों के द्वारा मांग की गई कि विवाद में जिन लोगों की संलिप्तता नहीं है उनके नाम एफआईआर से हटाकर उन्हें न्याय दिया जाए। पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना ने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए कहा, भविष्य में किसी भी सूरत में कानून को अपने हाथ में ना लें, अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसकी प्रक्रियानुसार सक्षम अधिकारी से शिकायत करें। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया, विवाद में जो लोग शामिल नहीं थे उनके नाम जांच उपरांत हटा दिए जाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि, मेरे रहते हुए किसी के साथ गलत नहीं होगा।