* अपने मालिक के अपराध की सजा भुगत बेजुबान निरीह बैल
* वन भूमि पर खेती करने वाले परिवारों से वनकर्मियों ने किया था जब्त
शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पिछले डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय से दो बैल वन विभाग की कैद में हैं। वे अपने मालिक द्वारा किये गए वन अपराध की अघोषित सजा काट रहे हैं। छोटे से आँगन वाले तंग कमरे रहने को मजबूर इन मूक पशुओं की हालत अत्यंत ही दयनीय है। इनकी बेबसी और बदहाली किसी संवेदनशील व्यक्ति को बेचैन कर सकती है। चार दिवारी के अंदर लम्बे समय से कैद होने के कारण बाहरी सम्पर्क से पूरी तरह कट चुके दोनों बैल आजाद होने के लिए हर पल छटपटा रहे हैं। लेकिन, उन लोगों ने इनकी अब तक कोई सुध नहीं ली जिनके कारण इन्हें कैद होना पड़ा। पशु मालिक के मुँह मोड़ने से बद्तर स्थिति में रहने और रुखा-सूखा खाने को मजबूर इन बैलों के पास जब भी कोई पहुँचता है तो वे उसे अपना मुक्तिदाता मानकर आशा भरी निगाहों से उसके पास आकर अनुशासित खड़े हो जाते हैं। लेकिन, इन्हें हर बार निराशा होना पड़ता है। बहरहाल, लम्बे इंतजार के बाद दोनों बैलों के वन विभाग की कैद से आजाद होने का एक अवसर आया है, बशर्ते सोमवार 28 जनवरी 2019 को होने वाली नीलामी में कोई इन्हें खरीद ले।
वन भूमि की जुताई करते पकड़े थे बैल
