* प्रेमिका से बलात्कार और आत्महत्या के लिये उसे दुष्प्रेरित करने के आरोप में जेल में था बंद
* सुसाइड नोट में नाबालिग प्रेमिका के परिजनों पर झूठा प्रकरण दर्ज कराने का लगाया आरोप
* न्यायिक अभिरक्षा में 15 दिन पूर्व जिला जेल पन्ना में दाखिल हुआ था नवयुवक मुकेश
* जेल के अंदर दुष्कर्म के बाद आत्महत्या की घटना सामने आने से सुरक्षा व्यवस्था पर लगा प्रश्न चिन्ह
* विचाराधीन बंदी की आत्महत्या मामले की न्यायिकजांच के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दिये आदेश
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना की जिला जेल में बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था में एक बार फिर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। अपने कुप्रबंधन के लिये बुरी तरह बदनाम पन्ना जेल में आज एक बंदी ने फाँसी ली। करीब पखवाड़े भर पूर्व इस जेल के अंदर एक बंदी के साथ दूसरे बंदी द्वारा कथित तौर पर अप्राकृतिक दुष्कर्म करने की हैरान करने वाली घटना को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि आज दोपहर लगभग 12 बजे जिला जेल पन्ना में बंद एक विचाराधीन बंदी मुकेश प्रजापति पिता भालू प्रजापति 19 वर्ष निवासी ग्राम पड़ेरी थाना गुनौर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बंदी के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने अपनी मौत की वजह उस युवती के परिजनों को बताया है, जिसके साथ बलात्कार करने और उसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में वह जेल में बंद था। महज 15 दिन पूर्व ही जेल में दाखिल हुये बंदी मुकेश प्रजापति के द्वारा दिनदहाड़े फांसी लगाकर आत्महत्या करने की खबर आते ही पन्ना में सनसनी फैल गई। न्यायिक अभिरक्षा में बंदी की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुये जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिये है। उधर, कोतवाली थाना पन्ना पुलिस ने इस घटना पर मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है।
पिलर के सरिया में तौलिया बांधकर लगाई फांसी
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकेश प्रजापति पुत्र भालू प्रजापति 19 वर्ष निवासी ग्राम पड़ेरी पर अपने गांव की ही एक नाबालिग युवती के साथ बलात्कार करने एवं उसे आत्महत्या करने के लिये दुष्प्रेरित करने का आरोप था। इस मामले में उसके खिलाफ गुनौर थाना पुलिस ने अपराध क्रमांक 179/219 धारा 376(2)(द), 306, 354(ध) आईपीसी एवं धारा 5/8 पास्को एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार किया था। पुलिस द्वारा मुकेश प्रजापति को न्यायालय में पेश किये जाने पर दिनांक 06 अगस्त 2019 को उसे न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल पन्ना में भेजा गया था। मंगलवार 20 अगस्त को विचाराधीन बंदी मुकेश ने दोपहर करीब 12 बजे जेल के शौंचालय के ऊपर निकले पिलर के सरिया में गमछा बांधकर फांसी लगा ली।
जेल प्रहरियों को मौत होने के बाद पता चला
जेल के अंदर दिनदहाड़े विचाराधीन बंदी फांसी के फंदे पर लटककर मर गया और जेल प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी। कुछ देर बाद जब मुकेश की खोजबीन शुरू हुई तो उसे फांसी के फंदे पर लटका हुआ देख ड्यिूटी पर तैनात जेल प्रहरियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। कुछ दिन पूर्व जेल के अंदर एक बंदी के साथ कथित तौर पर हुए अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले को दबाने का गंभीर आरोप झेल रहे जेल प्रबंधन द्वारा आज इस घटना की आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। कोतवाली थाना पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया। घटना की सूचना मिलने पर कुछ देर में न्यायिक मजिस्ट्रेट भी जिला जेल पहुंच गए। शव की तलाशी लेने पर मृतक के कपड़ों से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसे जांच अधिकारी को सौंपा गया है।
परिजन बोले बेटे को झूठे प्रकरण में फंसाया
जेल में बंद रहे नवयुवक मुकेश प्रजापति के द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिलते ही उसके परिजन रोते-बिलखते हुये शाम के समय पन्ना पहुंचे। यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि जिस नाबालिग युवती के बलात्कार और उसे आत्महत्या के लिये दुष्प्रेरित करने के मामले में मुकेश को आरोपी बनाया गया है, उसके साथ काफी समय से मुकेश का प्रेम प्रसंग चल रहा था। कथित तौर युवती के परिजनों को इस पर कड़ा एतराज था। माता-पिता के साथ मजदूरी करने महानगर गई नाबालिग युवती इसी महीने के पहले सप्ताह में काफी समय बाद अपने गांव पड़ेरी लौटी थी। महज दो या तीन दिन बाद ही उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुकेश के जीजा संतोष कुमार प्रजापति ने बताया कि इस मामले में युवती के परिजनों ने उनके साले को झूठा फंसा दिया था। इससे वह काफी व्यथित था और प्रेमिका की मौत का भी उसे आघात पहुंचा था। उनका कहना है कि जेल के अंदर मिले मुकेश के सुसाइड नोट से इस बात की पुष्टि होती है। मृतक के चचेरे भाई रवि कुमार प्रजापति ने पत्रकारों को बताया कि शव की तलाशी लेकर उसने ही सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा था। रवि की मानें तो सुसाइड नोट में मुकेश ने अपनी मौत के लिये प्रेमिका के पिता, चाचा एवं दादा को जिम्मेदार ठहराया है।
घटना पर जेल प्रबंधन ने साधी चुप्पी
जिला जेल पन्ना में एक माह के अंदर के अंदर सामने आई दो बड़ी अप्रत्याशित घटनाओं ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। बंदियों की सुरक्षा में बरती जा रही अक्षम्य लापरवाही और बेहद लचर प्रबंधन को लेकर चौतरफा उठ रहे गंभीर सवालों पर पन्ना जेल के अधीक्षक ने चुप्पी साध ली है। यहाँ बड़ा सवाल यह है कि, पन्ना जेल की चार दीवारी के अंदर बंदी महफूज नहीं है। एक माह के अंदर सामने आई इन दोनों घटनाओं से तो इसी बात के स्पष्ट संकेत मिलते हैं। जेल के अंदर के हालात मौजूदा समय में बद से बदतर हो चुके हैं। आज की घटना के बाद जेल प्रबंधन ने अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिये मीडिया के सवालों पर चुप्पी साध ली है। ऑफ रिकार्ड सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की सूचना दी जा चुकी है उनसे जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी।
इनका कहना है-
’’मंगलवार को दोपहर में करीब डेढ़ बजे कोेतवाली थाना पुलिस को जेल के अंदर विचाराधीन बंदी मुकेश प्रजापति के द्वारा आत्महत्या करने की सूचना मिली थी। इस घटना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया है, मृतक का सुसाइड नोट मिला है जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी।’’