एमपी के पन्ना टाईगर रिज़र्व से आई बड़ी खुशखबरी !

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सांकेतिक फोटो।

बाघिन पी-222 ने तीन शावकों को दिया जन्म

करीब 6-7 माह से गायब थी बाघिन, जब मिली तो आई खुशियों की बहार

रेंजर और निगरानी दल ने  बाघिन को नन्हे शावकों के साथ जंगल में देखा 

पन्ना। रडार न्यूज      मध्यप्रदेश के पन्ना टाईगर रिज़र्व से सोमवार 20 अगस्त को बड़ी खुशखबरी आई है। यहां बाघिन पी-222 ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इन नन्हें मेहमानों के आने से पन्ना टाईगर रिज़र्व अर्से भर बाद एक बार फिर से गुलजार हो गया है। बाघ शावकों के जन्म से पीटीआर में ख़ुशी का माहौल है। बाघिन पी-222 को निगरानी दल एवं रेंजर चंद्रनगर द्वारा तीन प्यारे से मासूम शावकों के साथ जंगल में देखा गया। इस गुड न्यूज का पता चलने के बाद से पार्क के अधिकारियों और मैदानी कर्मचारियों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। इन शावकों की आयु लगभग 3 माह बताई जा रही है। पन्ना टाईगर रिज़र्व में जन्मी और पली-बढ़ी युवा बाघिन पी-222 का रेडियो कॉलर विगत 6-7 माह पूर्व खराब होने के कारण उसके सिग्नल नहीं मिल रहे थे। कभी-कभार उसके पगमार्क (पंजों के निशान) मिलते रहे। जिससे इस बाघिन की पार्क क्षेत्र में उपस्थिति के प्रमाण मिलते रहे।

सांकेतिक फोटो।

कई महीने बाद विगत दिनों 15 अगस्त 2018 को बाघ निगरानी दल और रेंजर चंद्रनगर ने बाघिन पी-222 को तीन नन्हें शावकों के साथ चंद्रनगर वन परिक्षेत्र अन्तर्गत देखने का दावा किया है। यानि कई महीनों तक प्रत्यक्ष तौर पर नजर ना आने वाली बाघिन पिछले दिनों जब अचानक सामने आई तो उसके साथ तीन शावक भी मौजूद थे, जोकि अठखेलियां कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस बाघिन ने तीसरी बार शावकों को जन्म देकर पन्ना टाईगर रिज़र्व में बाघों की वंश वृद्धि में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया है। बाघिन पी-222 कान्हा टाईगर रिज़र्व से पन्ना लाई गई बाघिन टी-2 के दूसरे लिटर की दूसरी संतान है। पन्ना टाईगर रिज़र्व में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम के तहत वर्ष 2009-10 में यहां बाघों को पुनः बसाने के लिए मध्यप्रदेश के अलग-अलग टाईगर रिज़र्व से आधा दर्जन बाघ-बाघिनों को पन्ना लाया गया था। इस अनूठे प्रयोग की ऐतिहासिक सफलता के फलस्वरूप यहाँ बाघों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। संकटग्रस्त बाघों के संरक्षण-संवर्धन के दृष्टिकोण से यह निश्चित ही अच्छी खबर है।