एमपी पुलिस का टेरर टैक्स | रेत के ट्रकों से सभी थानों में होती है इंट्री वसूली

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इंट्री वसूली के खिलाफ अजयगढ़ एसडीएम जेएस बघेल को ज्ञापन सौंपते ट्रक आनर्स।

रुपये ना देने पर मनमाने तरीके से कार्रवाई कर बनाते हैं दबाब

अवैध वसूली से परेशान ट्रक मालिकों ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा

कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन सौंपकर इंट्री वसूली बंद कराने की गई मांग

पन्ना। रडार न्यूज     मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी उपलब्धियों गिनाते हुए अक्सर ही यह कहते हैं कि उन्होंने मध्यप्रदेश की धरती से दस्यु गिरोहों का सफाया कराकर उनके आतंक अंत कर दिया है। यह बात काफी हद तक सही है, लेकिन एक कटु सत्य यह भी मौजूदा सरकार की छत्रछाया में कतिपय वर्दीधारी डकैत पैदा हो गए हैं। ये आम नागरिकों के लिए जंगल में रहने वाले डकैत गिरोहों से कहीं अधिक खतरनाक है। शासन-प्रशासन की सरपरस्ती में इनका आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि जंगल में रहने वाले दस्यु गिरोह मौका देखकर कभी-कभार रात के अंधेरे में छिपते-छिपाते अपहरण या लूटपाट की वारदात को अंजाम देकर धन उगाही करते थे, लेकिन कतिपय वर्दीधारी डकैतों ने खुलेमाम लूट मचा रखी है । आरोप है कि इनके द्वारा अपने पद व नियम-कानूनों का मनमाने तरीके से दुरूपयोग करते हुए रेत का परिवहन करने वाले वाहनों से गुण्डा टैक्स की तर्ज पर दबाव देकर वसूली की जा रही है। पन्ना जिले में ऐसा कोई भी थाना या चौकी नहीं है जहां रेत के वाहनों से इंट्री शुल्क के रूप में वसूली न की जा रही हो। यह हम नहीं बल्कि पन्ना जिले के समस्त ट्रक ऑनर्स कह रहे हैं। इनमें कुछ ट्रक मालिक सत्तधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कद्दावर नेता भी हैं। पुलिस की इंट्री वसूली को लेकर इनमें गहरा रोष व्याप्त है। इस टेरर टैक्स के खिलाफ लामबंद ट्रक मालिकों ने गुरुवार को पन्ना आकर कलेक्टर मनोज खत्री को इस संबंध पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बड़ी स्पष्टता के साथ यह उल्लेख किया गया है कि पुलिस द्वारा मासिक इंट्री शुल्क उगाही के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपनाकर उन्हें परेशान और मजबूर किया जा रहा है। इसके पूर्व उक्त ज्ञापन अजयगढ़ एसडीएम जेएस बघेल और पन्ना पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया था। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से धर्मेंद्र सिंह, अवध तिवारी, सुखदेव मिश्रा, प्रेम सिंह यादव, बब्लू सिंह, धीरेन्द्र सिंह, आमोद रावत, रवि रावत, राहुल कुशवाहा, रवि तिवारी, रामचंद्र गुप्ता, मुल्लू गुप्ता, सचिन पटेल, नंदू मुखिया सहित अन्य लोग शामिल रहे।

इंट्री शुल्क ना देने पर बना देते फर्जी प्रकरण

सांकेतिक फोटो।

पन्ना जिले में टेरर टैक्स बन चुकी पुलिस की इंट्री वसूली का हाल यह है कि वैधानिक तरीके से रॉयल्टी जमा करने के पश्चात् निर्धारित क्षमता से कम (अंडर लोड) रेत का परिवहन करने के बाद भी ट्रकों को किसी ना किसी बहाने जबरन अवैध तरीके से पकड़कर प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं। ट्रक मालिकों का कहना है कि इंट्री वसूली के लिए दबाब बनाने के मकसद से उन्हें परेशान किया जा रहा है। जिले के सभी पुलिस थानों और चौकियों में इंट्री शुल्क उगाही की जाती है। जोकि 5,000 हजार से लेकर 10,000 तक होती है। इंट्री शुल्क ना देने पर ट्रकों के खिलाफ पहले कार्रवाई करने की धमकी देते हैं और फिर झूठा केस बना देते हैं। मालूम होकि सीजन में पन्ना जिले की वैध-अवैध रेत खदानों से प्रतिदिन 400-500 ट्रक रेत का परिवहन होता है। बारिश के मौसम में ट्रकों की संख्या घटकर 100-150 तक हो जाती है। रेत से लोड वाहन जिस भी थाना या चौकी क्षेत्र से गुजरता है वहां चल रहे रेट के अनुसार प्रति वाहन के हिसाब से मासिक 5,000 हजार से लेकर 10,000 तक इंट्री शुल्क जमा करनी पड़ती है। इस तरह पन्ना जिले के सभी पुलिस थानों को हर महीने सिर्फ रेत के वाहनों से ही अवैध वसूली के रूप में लाखों रुपये की काली कमाई हो रही है। ट्रक ऑनर्स की मानें तो अजयगढ़ थाना में सबसे ज्यादा इंट्री शुल्क वसूली की जा रही है। वर्तमान में यहां प्रति वाहन से 20,000 रूपए लिए जा रहे हैं जबकि पूर्व में इंट्री शुल्क 15,000 हजार रुपये थी। विदित हो कि पन्ना जिले की अधिकांश रेत खदानें अजयगढ़ थाना क्षेत्र में ही स्थित हैं।

रुपये लेकर छोड़ते हैं वाहन

सांकेतिक फोटो।

अवैध वसूली से परेशान ट्रक मालिकों ने ज्ञापन के माध्यम से यह आरोप लगाया है कि उनके वाहनों को पुलिस द्वारा खनिज या राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति के बगैर मनमाने तरीके से पकड़कर थाना में खड़ा कराकर मोटी रकम की मांग की जाती है। रुपये ना देने पर वाहनों को कार्रवाई के नाम पर 2-3 माह तक खड़ा रखा जाता है। जिससे ट्रकों के टायर, कमानी आदि कलपुर्जों को क्षति पहुंचती है और वाहन मालिक को लाखों रुपये का नुकसान होता है। उधर इसका सीधा असर ट्रकों पर आश्रित ड्राइवर, क्लीनर और हेल्पर की रोजी-रोटी पर पड़ता। लगभग 2-3 माह तक बेरोजगार रहने से इनके सामने भूखों मरने की नौबत आ जाती है। अजयपाल ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन अजयगढ़ के अनुसार पिछले दो माह से पुलिस प्रशासन द्वारा स्थानीय वाहनों को चलने नहीं दिया जा रहा है। जबकि उत्तरप्रदेश के लिए रेत परिवहन करने वाले वाहनों से मोटी रकम लेकर उनकी प्रतिदिन निकासी की जा रही है। रेत के वाहनों से वसूली का आलम यह है कि डायल-100 में तैनात पुलिसकर्मी रास्ते में वाहनों को रोककर वसूली करते हैं। हालांकि ऐसा नहीं कि पन्ना जिले के थानों में और डायल-100 में तैनात सभी पुलिसकर्मी इंट्री वसूली में लिप्त हैं। कई पुलिसकर्मी ईमानदार हैं और वे इस अवैध वसूली के सख्त खिलाफ भी हैं।

डीजीपी की ताकीद भी बेअसर

डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला के पन्ना प्रवास के दौरान प्रेसवार्ता का फाइल फोटो।

मध्यप्रदेश पुलिस के प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला की ताकीद के बाद भी पन्ना जिले की पुलिस रेत की ठेकेदारी का मोह छोड़ नहीं पा रही है। कुछ माह पूर्व जिले के अल्प प्रवास पर आये डीजीपी श्री शुक्ला ने एक सवाल का जबाब देते हुए बड़े ही स्पष्ट तौर पर यह कहा था कि रेत के अवैध उत्खन्न-भंडारण एवं परिवहन के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए खनिज विभाग और राजस्व अधिकारी हैं। रेत या शराब पकड़ना पुलिस का काम नहीं है। यदि किसी कार्रवाई में खनिज या राजस्व विभाग के अधिकारी सहयोग मांगते हैं तो पुलिस उन्हें सहयोग दे सकती है। बकौल डीजीपी शासन व्यवस्था में हर विभाग अपनी की जिम्मेदारी तय है, इसलिए बेहतर यही होगा कि पुलिस अपना मूल कार्य करे। डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने प्रेसवार्ता जब यह बात कही थी तब आईजी सागर वहां उपस्थित थे। इसके बाद भी रेत का परिवहन करने वाले वाहनों से पुलिस की इंट्री वसूली बेखौफ चल रही है। स्थिति यह है कि रेत के वैध-अवैध कारोबार में खनिज विभाग की भूमिका जहां कागजी कार्रवाई तक सीमित होकर रह गई वहीं पन्ना पुलिस वर्दी का रौब दिखाकर इसके केंद्र में आ गई है।

साहब, अब आप ही बताएं हम क्या करें

रेत के ट्रकों से पुलिस की अवैध वसूली के खिलाफ एकजुट अजयगढ़ के ट्रक आनर्स।

पुलिस के इंट्री वसूली रूपी टेरर टैक्स से परेशान हो चुके ट्रक मालिकों ने गुरुवार 23 अगस्त 2018 को पन्ना आकर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए इससे निजात दिलाने की गुहार लगाई है। ट्रक मालिकों ने दोनों अधिकारियों के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए उनसे पूंछा था कि वे किस नियम-कानून से अपने वाहनों का संचालन करें ताकि उनसे इंट्री वसूली न हो और पुलिस द्वारा उनके वाहनों को अनावश्यक रोका ना जाये। इस संबंध ट्रक मालिकों ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। साथ ही वाहनों के पकड़े जाने पर नियमनुसार अर्थदण्ड (जुर्माना) की कार्रवाई कर उन्हें तत्परता से छोड़ने की मांग की गई है। इस मामले को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लेते रेत के वैध परिवहन को पूर्ण संरक्षण प्रदान करने और वाहनों से अवैध वसूली पर प्रभावी रोक लगाते हुए इसमें लिप्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की बात कही है। एसपी के आश्वासन के बाद फ़िलहाल इंट्री वसूली पर अंकुश लगने की उम्मीद की जा रही है। हलांकि यह तो कुछ समय बाद ही पता चल पायेगा कि इंट्री वसूली पर पूर्णतः रोक लग पाती है या फिर पूर्व की तरह यह जारी रहती है।

इनका कहना है-     अजयगढ़ थाना में सबसे ज्यादा इंट्री शुल्क 20,000 रूपए महीना लिया जा रहा है। अन्य थानों में 5,000-10,000 रूपए लगते हैं। अवैध वसूली इतनी बढ़ गई है कि सभी ट्रक मालिक बहुत परेशान हैं। ईटीपी लेकर चलने, वाहन अंडर लोड होने के बाद भी उन्हें पकड़ा जाता है और रुपये लेकर छोड़ने के बाद मासिक इंट्री ना देने पर पुनः पकड़ने की धमकी दी जाती है।

सुखदेव मिश्रा, ट्रक ऑनर्स

अजयगढ़ से लेकर सतना तक सभी थानों में रेत के वाहनों से पुलिस अवैध तरीके से इंट्री वसूली करती है यह सबको पता है। वैधानिक तरीके से परिवहन करने वालों को अनावश्यक परेशान ना किया जाये इस संबंध में सभी ने एकजुट होकर ज्ञापन सौंपा है।

धर्मेंद्र सिंह, व्यवसाई

रेत के अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगा है इसलिए कुछ लोग अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। वे कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं।

वीरेन्द्र बहादुर सिंह, टीआई थाना अजयगढ़

पुलिस की इंट्री वसूली की मुझे जानकारी नहीं है, यदि अवैध वसूली हो रही है तो यह अनुचित और आपत्तिजनक है। इस पर रोक लगवाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।

सतानंद गौतम, भाजपा जिलाध्यक्ष पन्ना

रेत का वैधानिक तरीके से परिवहन करने पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। इंट्री वसूली के आरोपों की जांच कराकर इसमें लिप्त पाये जाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जायेगी। रेत पुलिस के फोकस में नहीं है हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता अपना मूल कार्य है।

विवेक सिंह, पुलिस अधीक्षक पन्ना