MP में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा ने दिया यह जवाब!

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पन्ना के प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करतीं भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष माया नारोलिया।

*    बोलीं- “प्रदेश में महिला अपराध पंजीबद्ध किए जाते है इसलिए ऐसा लगता है कि अपराध बढ़े है”

*    बिलकिस के दोषियों की रिहाई के फैसले को गलत बताकर तुरंत बदला जवाब

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के आंकड़े शर्मसार करने वाले हैं। महिला अपराधों में चिंताजनक वृद्धि को लेकर सूबे की शिवराज सरकार को अक्सर ही तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष माया नारोलिया एमपी में महिलाओं-बालिकाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि होने के आंकड़ों और दावों से सहमत नहीं है। वे इसे ख़ारिज करते हुए कहती हैं, चूंकि प्रदेश में प्रत्येक महिला अपराध को पंजीबद्ध किया जाता है इसलिए लोगों को ऐसा लगता है कि अपराध बढ़े हैं। जबकि हक़ीक़त यह है कि पिछली सरकार के समय तो महिलाओं के साथ होने वाले दुर्वयवहार/उत्पीड़न आदि घटनाओं (अपराधों) को पंजीबद्ध ही नहीं किया जाता था। हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर संवेदनशील है इसलिए प्रदेश भर में महिला थानों की स्थापना की गई है। इन थानों में पहुंचकर महिलायें अब निडरता-निर्भीकता से अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाती हैं। जिस पर पुलिस के द्वारा तत्परता एक्शन लिया जाता है, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए प्रदेश में लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष माया नारोलिया बुधवार 14 सितम्बर की देर शाम पन्ना के प्रवास पर पहुंचीं। यहां उन्होंने भाजपा कार्यालय में जिले की महिला मोर्चा पदाधिकारियों की बैठक ली और फिर पत्रकारों से कई मुद्दों अनौपचारिक चर्चा की। बैठक में पन्ना नगर पालिका अध्यक्ष मीना पाण्डेय, अजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष सरोज सीता गुप्ता, पार्षद संगीता राय, स्नेहलता पाराशर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चन्द्रप्रभा तिवारी, मधु पाण्डेय, मनीषा गोस्वामी, शक्ति शर्मा, करुणा खरे सहित अन्य महिलायें उपस्थित रहीं।

सेवा पखवाड़ा के दौरान होंगीं अनेक गतिविधियां

इस अवसर पर महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती नारोलिया ने पत्रकारों को बताया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक सम्पूर्ण प्रदेश में भाजपा सेवा पखवाड़ा आयोजित करेगी। सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार, रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण महिला मोर्चा की पदाधिकारियों के द्वारा घर-घर जाकर किया जाएगा। इसके अलावा टीबी रोगियों को समुचित उपचार मुहैया कराने में महिलायें सहायता करेंगी। जिले में 75 आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का कार्य किया जाएगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर खादी को प्रोत्साहित करने के लिए खादी ग्रामोद्योग से खादी के वस्त्र खरीदेंगे और अन्य लोगों को खादी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

बिलकिस बानो के मामले की जानकारी नहीं

गुजरात की बिलकिस बानो व उनके परिवार के साथ भयानक दरिंदगी करने वाले 11 गुनहगारों को हाल ही में गुजरात की भजपा सरकार के द्वारा जेल से रिहा करने के फैसले की देश और दुनिया में कड़ी आलोचना हो रही है। उम्रकैद की सज़ा काट रहे इन दोषियों को छोड़ने के गुजरात सरकार के फैसले की कानूनी, सामाजिक और राजनैतिक दृष्टिकोण से व्यापक रूप से चौतरफा निंदा हो रही है। पूरे मामले में बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर विपक्षी दल गंभीर सवाल उठा रहे हैं। महीने भर से सुर्ख़ियों बने इस प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष माया नारोलिया से जब यह सवाल पूंछा गया कि, बिलकिस के दोषियों की रिहाई के फैसले को एक महिला होने के नाते आप किस तरह देखतीं है, तो उन्होंने अपनी सहज-स्वाभाविक प्रतिक्रिया (जवाब) में कहा कि, उन्हें नहीं छोड़ना था ! हालांकि अगले ही क्षण महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष द्वारा बिलकिस बानो के मामले की जानकारी न होने की बात कहते हुए अपने जवाब का बचाव किया गया।
श्रीमती नरोलिया ने कहा, चूंकि यह प्रकरण मध्यप्रदेश से बाहर का है इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है, आवश्यक जानकारी लेने के बाद ही कुछ बोल पाऊंगी। विदित होकि, साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के दौरान दिनांक 27 फरवरी 2002 उन्मादी भीड़ ने बिलकिस और उनके परिवार पर हमला किया था। भीड़ में शामिल लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए गर्भवती बिलकिस के साथ गैंगरेप किया और उसकी तीन साल की बेटी समेत परिवार के 14 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। काफी चर्चा में रहे इस केस के दोषियों की रिहाई गुजरात सरकार के द्वारा पिछले माह स्वतंत्रता दिवस पर की गई। अनेक जानकार दोषियों को जेल से छोड़ने के समय और फैसले को इस साल दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़ कर भी देख रहे हैं।