प्रकरण का विचारण न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) पन्ना के न्यायालय मे हुआ। जहां दिनेश खरे,सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना द्वारा शासन का पक्ष रखते हुये साक्षियों की साक्ष्य को बिंदुवार तरीके से न्या्यालय के समक्ष लेखबद्ध कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया गया। साथ ही आरोपी के कृत्य को गंभीरतम अपराध मानते हुये न्यायालय से अधिकतम दण्ड से दंडित किये जाने का निवेदन किया। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने, अभिलेख पर आए साक्ष्यों, अभियोजन के तर्को तथा न्यायिक-दृष्टांतो से सहमत होते हुए अभियुक्त रोहित कुमार साहू को धारा 363, 366 भादवि एवं धारा 5एल/6 लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के आरोप में क्रमश: 3 वर्ष, 5 वर्ष एवं आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) तक की सज़ा सुनाई है। न्यायालय ने अपने फैसले में अभियुक्त को उपरोक्त धाराओं में कुल चार हजार रूपये के अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि अदा ना करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त कठोर कारावास से दंडित करने का आदेश दिया है।