रिश्वत लेने के मामले में रेंजर को 4 वर्ष का सश्रम कारावास

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जिला एवं सत्र न्यायालय पन्ना। (फाइल फोटो)

*  विशेष न्‍यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पन्ना ने सुनाया फैसला

*  जप्त ट्रेक्टर को छोड़ने एवं वन अपराध दर्ज न करने के एवज में ली थी रिश्वत

पन्ना। (www.radarnews.in) एक किसान के जप्त ट्रेक्टर को छोड़ने और वन अपराध दर्ज न करने के एवज में उससे रिश्वत लेने के मामले में अभियुक्त रेंजर संतोष मर्सकोले को विशेष न्‍यायाधीश पन्ना अनुराग द्विवेदी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
प्रकरण के संबंध में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना ऋषिकांत द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 5 जुलाई 2016 को जीतेन्‍द्र गिरि गोस्‍वामी 28 साल निवासी ग्राम भडार,जिला-पन्‍ना ने रिश्‍वत मांग संबधी एक शिकायती-पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्‍त सागर को दिया था। जिसमें बताया था कि वह ग्राम-मेहगुवा (खुर्द) निवासी मुन्‍नी आदिवासी का खेत ठेके पर लिये था जो कि कचनारी हार में स्थि‍त है। दिनांक 01 जुलाई 2016 को ट्रेक्टर से खेत की जुताई करने के बाद बारिश होने पर ड्राइवर ट्रेक्टर को लेकर वापिस घर आ गया। तभी पीछे से तत्कालीन अमानगंज रेंजर संतोष मर्सकोले स्टॉफ के साथ आए और वन भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए बोले अपना ट्रेक्‍टर लेकर रेंज आफिस चलो।
अपनी शिकायत में जीतेन्द्र गिरी ने बताया कि उक्‍त ट्रेक्‍टर को छोड़ने एवं केश न बनाने के एवज में रेंजर 20 हजार रूपये के अनुचित मांग कर रहे है।मैं उन्हें रिश्‍वत के 20 हजार रूपये नहीं देना चाहता बल्कि उन्‍हें रिश्‍वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता हूँ। रिश्वत की मांग संबंधी बातचीत रिकार्ड कर शिकायत का सत्यापन करने के बाद लोकायुक्त पुलिस के द्वारा ट्रेप कार्रवाई की योजना तैयार की गई। दिनांक 7 जुलाई 2016 फरियादी जीतेन्‍द्र गिरि गोस्‍वामी ने रेंजर संतोष मर्सकोले के शासकीय आवास पहुंचकर रिश्‍वत के रूप में जैसे ही 2500 रूपये दिए और पूर्व निर्धारित इशारा किया तभी लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर ट्रेप कार्रवाई की गई। कैमिकल युक्त रुपए जप्‍त कर आरोपी संतोष मसकोले के विरूद्ध धारा 7,13(1) डी,13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण की विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।
प्रकरण का विचारण न्‍यायालय अनुराग द्विवेदी,विशेष न्‍यायाधीश (भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम) जिला पन्ना के न्यायालय में हुआ। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी करते हुये सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा साक्षियों की साक्ष्‍य को सावधानीपूर्वक बिंदुवार तरीके से लेखबद्ध कराकर न्‍यायालय में आरोपी के विरूद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया गया। आरोपी रेंजर के कृत्‍य को गंभीरतम अपराध मानते हुये न्‍यायालय से अधिकतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया।
न्‍यायालय ने अभिलेख पर आए साक्ष्‍यों, अभियोजन के तर्कों तथा न्‍यायिक-दृष्‍टांतो से सहमत होते हुए अभियुक्‍त रेंजर, संतोष मर्सकोले पिता सेवकराम मर्सकोले 32 वर्ष को रिश्वत लेने का दोषी माना है। न्यायालय ने अभियुक्त को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत की धारा 7 एवं धारा 13(1) डी, सहपठित 13(2) में. क्रमश: दोषी पाते हुये 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड एवं 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 हजार रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया है। अर्थदण्‍ड की राशि जमा न करने पर अभियुक्त को 01-01 वर्ष के अतिरिक्‍त सश्रम कारावास के दण्‍ड से दण्डित किया गया ।