सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा में बोले पूर्व मुख्यमंत्री
मोदी और शिवराज को बताया सबसे बड़ा झूठा
बोले, जाति -धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने का काम करती है भाजपा
पन्ना, रडार न्यूज मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों, बेतहाशा बढ़ती महँगाई, बेरोजगारी-बेकारी और भ्रष्टाचार से आम आदमी काफी त्रस्त हो चुका है। समाज के हर वर्ग में शिवराज सरकार को लेकर जबरदस्त असंतोष व्याप्त है। कांग्रेस पार्टी ही प्रदेश में बेहतर सरकार दे सकती है यह बात जनमानस भलीभांति जान चुका है, व्यापक जनसमर्थन और अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में सरकार बनाकर सत्ता में शानदार वापिसी दर्ज करायेगी। यह दावा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस समन्वय समिति के प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने किया है। प्रदेशभर के कांग्रेसजनों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए एकता यात्रा पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह शनिवार को पन्ना के सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा के पूर्व साँसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, रामेश्वर नीखरा, सुनील सूद, पवई विधायक मुकेश नायक, राजनगर विधायक विक्रम सिंह नातीराजा, पूर्व मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह उपस्थित रहे।
पलायन को मजबूर गरीब मजदूर-
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने देश के अतिपिछड़े बुन्देलखण्ड अंचल के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड वर्तमान में भीषण सूखा की त्रासदी का सामना कर रहा है। गांव-गांव में पीने का पानी का संकट है। काम का आभाव होने से क्षेत्र के गरीब-मजदूर प्रतिदिन हजारों की संख्या में महानगरों के लिए पलायन करने को मजबूर है। झांसी रेलवे स्टेशन पर पलायनकर्ता मजदूरों की भीड़ देखी जा सकती है। मनरेगा की पूरी राशि नर्मदा नदी के किनारे सवा छः करोड़ पौधे लगाने के नाम पर खर्च की गई। जिसकी हकीकत यह है कि वहां एक लाख पौधे भी देखने को नहीं मिले और गड्डे तक नहीं खोदे गये। अपनी नर्मदा यात्रा के दौरान पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार के साक्ष्य के रूप में मैने इलाके की वीडियोग्राफी भी कराई है।
दर्ज हो हत्या का मामला-
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजाना नई-नई घोषणायें करते है। किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है जिससे उनमें भारी असंतोष है। इसलिए 1 से 10 जून तक किसान संगठनों ने ग्राम बंदी आंदोलन का आव्हान किया है। पिछले साल 6 जून 2017 को मंदसौर जिले में पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत हुई थी। इस घटना के एक साल बाद भी मुख्यमंत्री और प्रशासन यह बताने को तैयार नहीं है कि गोली चलाने का आदेश किसने दिया था। यदि किसी के आदेश से गोली नहीं चलाई गई तो यह हत्या का मामला है। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि किसानों की मौत पर हत्या का मामला पंजीबद्ध किया जाये। आगामी 6 जून को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे है, वे इस दौरान पीड़ित किसान परिवारों से भेंट कर उन्हें न्याय दिलाने के लिए आवाज बुलंद करेंगे।
दुष्प्रचार करने में अव्वल है भाजपाई-
प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी पर शाब्दिक प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि मोदी जी कहते है कि 2014 में अभूतपूर्व समर्थन मिला यह बात सही है पर सिर्फ 31 प्रतिशत लोगों ने ही भाजपा को चुना है, शेष 69 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया है। जब 69 प्रतिशत लोग एक हो जाते है तो भाजपा हार जाती है। लेकिन ये लोग इस कदर झूठा प्रचार करते है जिसका उदाहरण कैराना लोकसभा के उपचुनाव में विजयी हुई आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन की जीत है, इस संबंध में सोशल मीडिया पर यह दुष्प्रचार किया गया कि अल्लाह जीत गये और राम जी हार गये। इस्लाम जीत गया, हिन्दुत्व हार गया। यह बिल्कुल झूठा होेने के साथ-साथ घोर आपत्तिजनक भी है।
झूठ बोलने की मिलती है ट्रेनिंग-
अपने चिरपरिचित अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सत्तापक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि झूठा प्रचार कैसा करना है यह भाजपा और संघ के लोगों को बखूबी सिखाया जाता है। नरेन्द्र मोदी संघ के प्रचारक रहे है, उनसे बड़ा झूठ बोलने वाला हिन्दुस्तान में कोई दूसरा नहीं है। शिवराज सिंह का भी यही हाल है, वे जहां जाते है वहां सिर्फ कोरी घोषणायें करते है उन पर अमल नहीं होता है। भाजपा के 15 साल का कुशासन सबने देखा है झूठे वादे करके इन्होंने किसी तरह अपनी सरकार चलाई है। भाजपा में जनसंघ के जमाने के जो नेता है वे आज दुखी है। क्योंकि भाजपा को अब ठेकेदारों और दलालों की जरूरत है। अवैधानिक रेत खनन करने वाले माफियाओं की जरूरत है। भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी और भाजपा नेताओं के हाथ में इस सरकार की कमान है।
प्रेसवार्ता के महत्वपूर्ण अंश-
- जब तक कांग्रेस एकजुट नहीं होगी तब तक हारेगी, जिस दिन एकजुट हो गई फिर कभी हार नहीं सकती।
- कांग्रेस में वास्तविक एकता दिखाई देगी और अनुभव भी होगी,
- जनता के दुःख-दर्द को दूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी योजनाबद्ध तरीके से चुनाव लडे़गी। हम सब मिलकर भाजपा की नाकामियों को जनता तक पहुंचाकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनायेगें।
- मध्यप्रदेश में बसपा या अन्य दलों से चुनाव पूर्व गठबंधन पर फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राहुल गांधी लेगें। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के बीच आपसी समझौता-गठबंधन होने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश में भी इस पर विचार हो सकता है।
- मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ पृथक होने के कारण मेरे कार्यकाल में बिजली की कमी आई थी क्योंकि अधिकांश पावर प्लांट छत्तीसगढ़ में चले गये थे। मध्यप्रदेश ने पावर प्लांट की स्थापना के लिए मैने ही पहल की थी। हमेशा ही यह होता है पेड़ कोई लगाता है और फल दूसरे खाते है।
- मध्यप्रदेश में बेरोजगारों के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है। युवाओं को रोजगार देने के नाम पर शिवराज सरकार ने व्यापमं के माध्यम से व्यवसाय करते हुए अरबों रूपये की परीक्षा फीस वसूल की है। मेरे कार्यकाल में मैरिट के आधार पर युवाओं को पारदर्शी तरीके से नौकरी मिलती थी।
- व्यापमं में गड़बड़ी करते हुए रूपये लेकर अपात्र और अयोग्य उम्मीदवारों का चयन कर हजारों-लाखों युवाओं का हक उनसे छीना है।
- मध्यप्रदेश में अवैध खनन चरम पर है। रेत के लिए नदी-नालों को मशीनों से खोदा जा रहा है। हमने पंचायतों को रेत खनन का अधिकार दिया था जबकि शिवराज ने इसे केन्द्रीकृत करते हुए बड़े ठेकेदारों को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा परिवार अवैध रेत उत्खनन में लिप्त है। मुख्यमंत्री के गृह ग्राम जैत के आसपास व्यापक पैमाने पर रेत का दोहन हो रहा है।
- एकता यात्रा विधानसभा उम्मीदवारों का जायजा लेने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेसजनों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए निकाली जा रही है। शीघ्र ही ब्लाॅक कांग्रेस और जिला कांग्रेस कमेटी के अनुशंसा पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा।
- सीएम का फैसला विधानसभा चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया जायेगा। फिलहाल हमारा पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर है।
- चुनाव के ठीक पहले जो असंगिठत मजदूरों का पंजीयन कराया गया है उसमें 20 प्रतिशत भाजपा के कार्यकर्ता शामिल है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने मजदूरों की भलाई के लिए सेस लगाया था, जिससे कि हजारों-करोड़ों रूपये एकत्र हुए उसी राशि से मजदूरों को आवश्यक सुविधायें मुहैया कराई जायेगीं।
- भावांतर योजना केवल किसानों की मूर्ख बनाने की योजना है। इससे किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा है। किसानों के बजाय व्यापारी भावांतर योजना का लाभ उठा रहे है।