बेहद दर्दनाक : फंदे से आज़ाद होने के लिए तड़पते तेंदुए की ‘मौत’ से पहले का वायरल वीडियो देख हैरान रह गए लोग

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दक्षिण वन मंडल पन्ना की पिपरियादौन बीट अंतर्गत जिस खेत की बारी में शिकार के लिए फंदा लगाया गया था उसका भ्रमण करता डॉग स्क्वायड।

*     समय रहते मौके पर नहीं पहुंच सकी पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम

*     पन्ना जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत पवई वन परिक्षेत्र के पिपरियादौन की घटना

*     वाइल्ड मीट के शौक़ीन किसान अपने खेत की बागड़ में वन्य प्राणियों के शिकार के लिए लगाते हैं फंदे

*     मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हैं सबसे अधिक तेंदुए लेकिन संरक्षण को लेकर संजीदा नहीं वन विभाग

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) टाइगर और तेंदुआ स्टेट मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बेजुबान वन्य जीवों के शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं है। वन्य प्राणी सुरक्षा पर जिले में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का बजट खर्च करने के बाद भी शिकार की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगा पाने में वन विभाग का अमला अब तक बुरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। शिकार की ताजा घटना पन्ना जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत पवई वन परिक्षेत्र के पिपरियादौन बीट की है। जहां एक खेत की बागड़ में शिकार के लिए लगाए गए फंदे में फंसे तेंदुए की बेहद दर्दनाक मौत से पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने जबर्दस्त हड़कंप मच गया। विचलित करने वाले इस वीडियो में मौत के फंदे से आजाद होने के लिए छटपटाते बेबस और लाचार तेंदुए की असहनीय पीड़ा को देख लोग हैरान रह गए। फंदे में सिर के बल लटके तेंदुए को जिंदगी और मौत से संघर्ष करते देख आक्रोशित लोग वन विभाग की तीखी आलोचना करने लगे। संकटग्रस्त तेंदुए को बचाने के लिए दक्षिण वन मंडल के डीएफओ पुनीत सोनकर पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को अपने वाहन से लेकर स्वयं मौके पर पहुंचे, लेकिन उसके चंद मिनिट पहले ही तड़प-तड़पकर तेंदुए की मौत हो चुकी थी।
जिले के दक्षिण वन मंडल के वन परिक्षेत्र पवई अंतर्गत आने वाली बीट पिपरियादौन में बुधवार 27 मार्च की सुबह करीब 8:30 बजे जंगल से सटे एक खेत की बारी में लगे क्लिच वायर के फंदे में तेंदुए के फंसे होने की खबर आते ही हड़कंप मच गया। संबंधित बीट गार्ड ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सूचना की तस्दीक करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। तब तक सिर के बल लटके और मौत के फंदे से आजाद होने के लिए छटपटाते तेंदुए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। एहतियात के तौर पर वन विभाग की टीम ने स्थल की चौतरफा घेराबंदी कर भीड़ को दूर खदेड़ दिया। संकटग्रस्त तेंदुए को बचाने के लिए दक्षिण वन मंडल पन्ना के डीएफओ पुनीत सोनकर ने पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक को घटना की जानकारी दी। साथ ही पार्क की रेस्क्यू टीम को तत्परता से भेजने की मांग की गई। क्षेत्र संचालक ने घटना की गंभीरता को देखते हुए रेस्क्यू टीम को पन्ना से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित पिपरियादौन जल्द से जल्द पहुंचने के लिए निर्देशित किया।

रेस्क्यू टीम के पहुंचने से चंद मिनिट पहले दम तोड़ा

दक्षिण वन मंडल पन्ना की पिपरियादौन बीट अंतर्गत एक खेत की बारी में लगे फंदे में फंसने के कारण उल्टा लटका नर तेंदुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए आवश्यक तैयारी एवं उपकरण के साथ टीम को पन्ना से रवाना होने में विलंब होता देख दक्षिण वन मंडल डीएफओ श्री सोनकर अपना वाहन लेकर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. एसके गुप्ता के सरकारी आवास पहुंच गए। रिस्पॉन्स टाइम के महत्व के मद्देनजर बिना किसी देरी डॉ. गुप्ता और उनकी टीम के सदस्य डीएफओ श्री सोनकर के साथ पिपरियादौन के लिए रवाना हो गए। उधर, कई घंटे से फंदे में उल्टा लटका नर तेंदुआ असहनीय पीड़ा व चढ़ती धूप की तपिश के बीच जिंदगी और मौत से काफी देर तक संघर्ष करता रहा। दोपहर में लगभग 11:30 बजे रेस्क्यू टीम जब मौके पर पहुंची उसके चंद मिनिट पहले ही तेंदुए की तड़प-तड़पकर मौत हो चुकी थी। दरअसल, घटनास्थल पन्ना से दूर स्थित होने के कारण रेस्क्यू टीम समय रहते मौके पर नहीं पहुंच सकी। तेंदुए को न बचा पाने से डीएफओ समेत पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के सदस्य निराश और दुखी नजर आए।

तेंदुआ अगर बच भी जाता तो सर्वाइव नहीं कर पाता

तेंदुए के शिकारियों का सुराग लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉग को घटनास्थल का निरीक्षण कराया गया। साथ ही दक्षिण वन मंडल के अधिकारियों ने भी आसपास की सघन सर्चिंग की। इस दौरान बगल वाले खेत की बागड़ (बारी) में क्लिच वायर का एक फंदा लगा मिलने पर उसे तुरंत जब्त किया गया। इस मामले में खेत के मालिक, खेत के चौकीदार तथा डॉग स्क्वायड से मिले संकेत के आधार पर तीन व्यक्तियों को हिरासत में लेकर सघन पूंछतांछ की जा रही है। वहीं तेंदुए के शव को फंदे से निकालकर पन्ना स्थित स्मृति वन लाया गया। जहां सीएफ छतरपुर संजीव झा, पिपरियादौन सरपंच, राजस्व अधिकारी, एनटीसीए प्रतिनिधि की मौजूदगी में डॉ. संजीव गुप्ता ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के पश्चात तेंदुए के शव का सम्मानपूर्वक दाह संस्कार कर दिया। दक्षिण वन मंडल के डीएफओ पुनीत सोनकर ने वन्यप्राणी चिकित्सक से हुई अपनी चर्चा के हवाले से बताया कि, मृत नर तेंदुए की उम्र लगभग 5-6 वर्ष थी। तेंदुए के पिछले हिस्से में फंदा काफी टाइट कस गया था। जिससे रक्त प्रवाह बाधित होने के साथ नाजुक अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस स्थिति में तेंदुआ अगर बच भी जाता तो उसका पिछला हिस्सा लकवाग्रस्त होने की पूरी आशंका थी। तेंदुए की जैसी हालत हो चुकी थी उससे वह ज्यादा दिनों तक सर्वाइव नहीं कर पाता।

वन अपराधों को लेकर मैदानी अमला लापरवाह

फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले के उत्तर-दक्षिण सामान्य वन मंडल सहित पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत पिछले कुछ माह से वन्य प्राणियों के शिकार की हैरतअंगेज घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में उत्तर वन मंडल पन्ना के अजयगढ़ एवं धरमपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत वन्य जीवों का शिकार मांस की बिक्री हेतु किये जाने का चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। जिले में वन क्षेत्रों से सटे खेतों के अधिकांश किसान वाइल्ड मीट के अपने शौक को पूरा करने के लिए हर साल रबी फसल सीजन में फंदे लगाकर वन्यजीवों का शिकार करते है। वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जो कि फसल हानि को रोकने के लिए अपने खेत में करंट प्रवाहित कर वन्यजीवों को मारने के बेहद जोखिम भरे गैरकानूनी उपाए करते हैं। करंट की चपेट में आकर जंगली जानवर के मरने पर मौका पाकर किसान अपने अपराध को छिपाने के लिए शव को दूर ले जाकर फेंक देते हैं या फिर गड्ढा खोदकर दफन कर देते हैं। दरअसल, वन क्षेत्र से सटे खेतों की बारी-बागड़ की मैदानी वन अमले के द्वारा नियमित रूप से सर्चिंग न करने से कारण फंदे लगाकर या फिर करंट प्रवाहित कर शिकार करने की घटनाओं में अंकुश नहीं लग पा रहा है। दोनों सामान्य वन मंडलों के अधिकांश बीटगार्ड अपने बीट मुख्यालय में भी निवास नहीं करते है। इसका लाभ उठाकर शिकारी, सागौन तस्कर, खनन माफिया और अतिक्रमणकारी वन संपदा का विनाश करने में जुटे हैं।