दस्तारबंदी प्रोग्राम में 4 बच्चों को मिला हाफिज का खिताब
इल्म की रोशनी से बदलती है तकदीर- मौलाना हबीब
पन्ना। रडार न्यूज शहर के जामियां अर्बिया दारूल कुरान अंजुमन इस्लामियां मदरसा में पहली बार दस्तारबंदी प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को लेकर मदरसा प्रबंधन कमेटी से लेकर हर आम और खास में खासा उत्साह था, क्योंकि पहली बार 80 दिनों में एक बच्चों ने हाफिज कुरान होने का गौरव प्राप्त किया था। बताया जाता है कि महज 80 दिनों में हाफिज बनने वाले इस बच्चों की दस्तार बंदी के लिये देश के नामी मौलाना और हाफिजों ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। सीरतुन्नबी सल्लाहो अलैहे वसल्लम दस्तार बंदी कार्यक्रम का आगाज कारी नजीब अहमद ने कुरान-ए-तिलावत के साथ की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हजरत मौलाना हबीब अहमद बांदवी का गर्मजोशी से इस्तकबाल किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली से आये मौलाना मुफ्ती इब्राहीम अहमद, कमल सिंह कुशवाहा जिला शिक्षा अधिकारी, नईम खान पूर्व सदर, मथुरा प्रसाद गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता, छगन सोनी भाजपा नेता, उदय सिंह, श्रीमति अंजली श्रीवास्तव जिला क्रीड़ा अधिकारी पन्ना, हाजी इब्राहीम सिद्दीकी, सलमान मारूफ उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी अब्दुल गनी ने की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शहर काजी मौलाना मोईज्जोद्दीन ने मदरसे के बारे में लोगों को बताया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मौलाना मुफ्ती हबीब अहमद ने कहा कि इल्म दुनियां में सबसे जरूरी है। बच्चों को किसी भी तरह से इल्म की तरफ ले जाना, हम सभी का काम है। इल्म की रोशनी से तकदीर बदल सकती है। उन्होंने लोगों से शिक्षा की जरूरत और इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। मुफ्ती इब्राहीम अहमद ने अपने उद्बोधन में इश्के रसूल के बारे में बताया और नबी के बताये रास्ते पर अमल करने को कहा। कार्यक्रम को उदय सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द और देश में बिगड़ते हालातों पर अपनी बात रखी, जिसकी सभी ने सराहना की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे हाफिज मोईज्जोददीन ने कहा कि हमारा काम दुनियां में इस्लाम की सही तस्वीर को दिखाना है। उन्होंने कहा कि कुरान की तालीम ही है मुल्क से मोहब्बत करना, हम सब को अमन और भाईचारे के साथ अपने देश की तरक्की के लिये काम करना होगा। कार्यक्रम में आरिफ सिद्दीकी, युनूस खान खजुराहो, फरीद अली पथरिया, हाजी अब्दुल रशीद हटा, हाजी निसार सिमरिया, हाजी जमील छतरपुर, मौलाना शमीउल्ला बरौली, उजैफ अहमद, निजाम खान, अब्दुल हमीद, परवेज सिद्दीकी, इस्माईल वकील, माजिद असलम, उवैद सिद्दीकी भी मुख्य रूप से शामिल रहे।
होनहार बच्चों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के दौरान मकसूद अली ने नाते नबी सुनाई, जिससे माहौल खुशनुमा हो गया। इसके बाद शुरू हुए दस्तार बंदी कार्यक्रम में अंजुमन मदरसे से पहली बार निकले हाफिजों की दस्तार बंदी की गई। सबसे पहले शहर के रानीगंज मोहल्ले में रहने वाले मोहम्मद रेहान की दस्तार बंदी की गई, जिसने महज 80 दिनों में यह मुकाम हासिल किया। इसके बाद मोहम्मद शादिक पथरिया दमोह, सैफउल्ला बरौली पन्ना, एवं सद्दाम हुसैन धाम मोहल्ला पन्ना की दस्तारबंदी की गई। सभी अतिथियों ने बच्चों की हौसला अफजाई की और उनके उज्जवल भविष्य के लिये दुआ की।
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