शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले में गेहूं उपार्जन वर्ष 2020 के लिए खरीदे गए गेहूं का भंडारण हेतु परिवहन करने के लिए तीन ट्रांसपोर्ट कंपनियों को अनुबंधित किया गया था। ट्रांसपोर्ट कंपनियों के द्वारा गेहूं परिवहन कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा ब्लैक लिस्टेड किये जाने संबंध में नोटिस दिए गए हैं। इनमें पन्ना सेक्टर के लिए श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी छतरपुर, पवई सेक्टर के लिए हर्ष रोड लाइन सागर तथा पवई सेक्टर के अमानगंज क्षेत्र के लिए ममता ट्रांसपोर्ट को नोटिस दिए गए हैं। इन कंपनियों पर आरोप है कि समय पर गेहूं का परिवहन भंडारण केन्द्र के लिए न होने से गत दिनों हुई बारिश में गेहूं के भीगने से उसकी गुणवत्ता में कमी आई है। इसके अलावा गेहूं का परिवहन एवं भंडारण ना होने के कारण किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। तीनों ट्रांसपोर्ट कंपनियों को नोटिस भेजकर उनसे स्पष्टीकरण मांगे गए हैं।
अफसरों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया
पन्ना जिले में इस वर्ष गेहूं की खरीदी, परिवहन एवं भंडारण व्यवस्था में पूरे समय अंधेरगर्दी का आलम देखा गया। जब खरीदी कार्य चल रहा था तब उपार्जन केन्द्रों में पूरे समय औसतन 3-4 लाख क्विंटल अनाज भंडारण हेतु परिवहन के इंतजार डंप रहा है। इसका मुख्य कारण जिले में भंडारण हेतु स्थान का आभाव होना और ओपन कैप का निर्माण सही समय पर न हो पाना रहा है। खुले आसमान के नीचे पूर्णतः असुरक्षित एवं अव्यवस्थित तरीके से उपार्जन केन्द्रों में डंप गेहूं गेहूं की बोरियों का बड़े क्षेत्र में फैलाव होने की सचित्र ख़बरें विभिन्न समाचार माध्यमों में प्रमुखता से प्रकाशित की गईं। लेकिन गेहूं खरीदी एवं निगरानी व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों ने केन्द्रों में रखे गेहूं को मौसम की मार से सुरक्षित करने और स्टेक में व्यवस्थित रखवाने की सुध नहीं ली। निसर्ग तूफ़ान के असर से बारिश होने की चेतावनी के बाद भी यह उदासीनता बनी रही। परिणामस्वरूप चक्रवाती तूफ़ान के असर जिले में 24 घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश में दर्जन भर से अधिक केन्द्रों पर करोड़ों रुपये मूल्य का हजारों क्विंटल गेहूं भीगकर बर्बाद हो गया।
किसने रोका था पन्ना-अजयगढ़ का परिवहन
बड़ी मात्रा में बारिश से भीगे गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने की पड़ताल करने पर “रडार न्यूज़” को विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि पन्ना और अजयगढ़ तहसील अंतर्गत उपार्जन केन्द्रों में डंप गेहूं का 4 जून को हुई प्री-मानसून की बारिश के करीब 15 दिन पूर्व से परिवहन अधिकारियों ने ही रुकवा दिया था। इस निर्णय को लेकर मंशा यह रही कि अजयगढ़ में निर्माणधीन ओपन कैप का कार्य पूर्ण होने पर दोनों तहसीलों के गेहूं का वहां भंडारण कराया जायेगा। लेकिन अजयगढ़ कैप निर्माण में लगातार देरी होने के बीच हुई तेज बारिश में दोनों तहसीलों का गेहूं बड़ी मात्रा में पानी से तरबतर हो गया।
पन्ना के जिला आपूर्ति अधिकारी आर. के. श्रीवास्तव ने रडार न्यूज़ से बात करते हुए यह स्वीकार किया है कि पन्ना और अजयगढ़ तहसील के गेहूं के परिवहन को कुछ समय के लिए रोका गया था ताकि उसे अजयगढ़ के ओपन कैप में ही भण्डारित कराया जा सके। उन्होंने बड़ी ही साफगोई से बताया कि इसे लेकर हमारा उद्देश्य गलत नहीं था, ऐसा सिर्फ अनावश्यक परिवहन को रोकने और ओपन कैप अजयगढ़ में पूर्ण क्षमता तक अनाज भंडारित करने के लिए किया गया था। जिला आपूर्ति अधिकारी ने एक सवाल के जबाव में स्पष्ट किया कि अजयगढ़ और पन्ना तहसील में परिवहन रोकने का फैसला उनका नहीं था लेकिन उन्होंने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया जिसने ऐसे निर्देश दिए थे। बहरहाल, डीएसओ के इस मजबूरी भरे मौन से उस अधिकारी के संबंध में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है ?