बिना लाइसेंस के चल रहा था BMC सेंटर, निरीक्षण पर पहुंचे FSO को संचालक ने धमकाया
* पुलिस की मौजूदगी में दूध का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा भोपाल
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) शहर के अस्पताल चौराहा के समीप छतरपुर दूध डेयरी के नाम से बिना पंजीयन संचालित हो रहे बीएमसी (Bulk Milk Chilling) सेंटर का खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने निरीक्षण कर दूध का सैंपल लिया है। शुक्रवार को की गई इस कार्यवाही के दौरान दुग्ध प्रशीतलीकरण केंद्र (BMC Center) पर उपस्थित व्यक्ति अनुज यादव द्वारा कार्यवाही में अपेक्षित सहयोग नहीं किया गया और विभिन्न तरीकों से खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) राजेश राय व टीम को डरा धमकाकर कार्रवाई न करने का दबाव बनाया गया। दूध डेयरी में खाद्य कारोबार करने संबंधी एफएसएसएआई पंजीयन अथवा लाइसेंस मांगने पर अनुज के द्वारा डेयरी मालिक छोटेलाल यादव से एफएसओ राय की मोबाइल फोन पर बात करवाई। डेयरी मालिक ने लाइसेंस व्हाट्सएप पर भेजने का भरोसा दिलाया लेकिन काफी देर तक कुछ भी नहीं भेजा।
निरीक्षण के दौरान निर्मित तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर टीम ने वस्तुस्थिति के बारे में पन्ना एसडीएम और तहसीलदार को सूचित कर पुलिस बल की मौजूदगी में जरूरी कार्यवाही संपादित की। प्रतिष्ठान से मौके पर ही 2 हजार लीटर संग्रह दूध का नमूना लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया। दूध डेयरी के नाम पर संचालित बीएमसी सेंटर में खाद्य कारोबार करने संबंधी एफएसएसएआई (FSSAI) पंजीयन अथवा लाइसेंस भी नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि पन्ना में बिना लाइसेंस के उक्त बीएमसी सेंटर खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय के ही नजदीक धड़ल्ले से संचालित हो रहा था। यहां दूध और दूध से निर्मित अन्य उत्पाद बेंचे जा रहे थे। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने लाइसेंस प्राप्त करने तक प्रतिष्ठान को पूर्णतः बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
EVM से नहीं मतपत्र से हो चुनाव, जन जागरूकता के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगी कांग्रेस
* कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाई मतपत्र वापसी की मांग
* बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा- उस वक्त आपको मालूम होगा आपकी हालत क्या है?
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग प्रमुखता से उठाई है। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर (मतपत्र) से चुनाव कराने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को ईवीएम अपने पास रखने दीजिए। हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें मतपत्र पर मतदान चाहिए। तब पता चलेगा कि भाजपा की स्थिति क्या है और वे कहां खड़े हैं। मतपत्र की वापसी के लिए उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर देशव्यापी जन जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं जो कहना चाह रहा हूं उसे हमारे विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मानते हैं। जितनी भी शक्ति लगाकर एससी-एसटी, ओबीसी, गरीब तबके के लोग, छोटे समुदाय के लोग जो अपना वोट दे रहे हैं वो वोट फिजूल (बर्बाद) जा रहा है। हमको ईवीएम नहीं चाहिए। बैलेट पेपर से वोटिंग होनी चाहिए। सभी को एकजुटता के साथ मतपत्र से मतदान की मांग करनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि भाजपा को ईवीएम अपने पास रखे या पीएम मोदी के घर में रहने दो या अमित शाह के घर में रहने दो। अहमदाबाद में बहुत सारे गोदाम बने हैं, वहां ले जाकर रख लेने दो। हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें मतपत्र पर मतदान चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर तंज कस्ते हुए कहा कि उस वक्त आपको मालूम होगा कि तुम्हारी (भाजपा) की हालत क्या है और कहां खड़े हैं? खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को मतपत्र वापसी के मुद्दे पर सभी को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू करना चाहिए। हमें मतपत्र की वापसी की मांग करनी चाहिए। इसके लिए हम अन्य राजनीतिक दलों से भी बात करेंगे। और राहुल गांधी के नेतृत्व में जैसे भारत जोड़ो यात्रा निकली थी, वैसे ही बैलेट पेपर से चुनाव के लिए एक देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाएंगे।
भाजपा नफरत फैलाकर लोगों को बांटती है
संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जाति जनगणना करवाने से डरते हैं क्योंकि तब हर कोई अपना हिस्सा मांगेगा और उस स्थिति में मोदी को अहमदाबाद भागना पड़ेगा। उन्होंने सवाल उठाते कहा, अगर प्रधानमंत्री देश में एकता चाहते हैं तो वे और उनकी पार्टी देश में नफरत फैलाना बंद कर दे। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि बटेंगे तो कटेंगे, लेकिन देश को कौन बांट रहा है? यह वे लोग हैं जो नफरत फैलाकर, लोगों को गुमराह करके और धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2024 : विजयपुर में मंत्री रावत को कांग्रेस ने दी करारी शिकस्त, बुधनी सीट पर खिला कमल
* विजयपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा 7364 मतों से जीते
* शिवराज के गढ़ बुधनी में भाजपा उम्मीदवार भार्गव को 13901 वोट से मिली जीत
भोपाल।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों विजयपुर और बुधनी में हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ गए। सूबे की दो सीटों में से एक पर भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने श्योपुर जिले की हाई प्रोफाइल विजयपुर सीट पर वन मंत्री रामनिवास रावत पर भरोसा जताते हुए चुनावी समर में उतारा था। हालांकि, उनको इस प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने जीत दर्ज कराई है। रावत को कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने 7 हजार से अधिक मतों के अंतर से मात दी है। वहीं सीहोर जिले की बुधनी सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है। यहां हुए उपचुनाव में बीजेपी अपने गढ़ को अभेद रखने में एकबार फिर कामयाब रही। बुधनी से भाजपा के रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल पर 13 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराई है। विजयपुर सीट पर मिली जीत ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी में जोश भरने का काम किया है।
बता दें मध्य प्रदेश की दोनों सीटों विजयपुर और बुधनी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बुधनी विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने और विजयपुर में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसलिए इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव कराने पड़े। कांग्रेस के टिकट पर विजयुपर विधानसभा सीट से 6 बार चुनाव लड़कर विधायक चुने गए रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव 2024 में मुरैना लोकसभा के लिए टिकट नही मिलने पर पार्टी से किनारा कर लिया था। कांग्रेस छोड़कर वह बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन रामनिवास रावत का यह दांव उनके काम नहीं आया और जिस विजयपुर ने उन्हें 6 बार अपना विधायक चुना, लेकिन पाला बदलने पर जनता ने उन्हें पटखनी देने में जरा भी देर नहीं लगाई। मंत्री बनाने के बाद भी रावत के चुनाव हारने से बीजेपी, मोहन सरकार और खुद उनकी छवि धूमिल हुई है।
बुधनी में भाजपा की जीत
बुधनी विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट रही है। उनके लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने पर बुधनी सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को चुनावी मैदान में उतारा था। यहां उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा के रमाकांत भार्गव और कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल के बीच था। चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को घोषित नतीजों के अनुसार बीजेपी प्रत्याशी भार्गव ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार को 13901 वोटों से शिकस्त दी है। उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को 107478 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को 93577 वोट प्राप्त हुए। बुधनी विधानसभा उपचुनाव में 21 उमीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
विजयपुर सीट पर किसे कितने मत मिले
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मंत्री रामनिवास रावत को 7364 मतों के अंतर से पराजित किया। उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मल्होत्रा को 100469 वोट मिले। जबकि भाजपा प्रत्याशी रावत 93105 मतों पर सिमट गए। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में 12 प्रत्याशी मैदान में थे।
स्मृति शेष : कैप्टन जयपाल सिंह (पूर्व मंत्री) | सत्ता के केन्द्र में रहे लेकिन कभी विनम्रता, सादगी और ईमानदारी नहीं छोड़ी
(शादिक खान)
अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन जयपाल सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। काफी समय से अस्वस्थ चल रहे 82 वर्षीय जयपाल सिंह ने आज सुबह पन्ना स्थित अपने निज निवास पर अंतिम सांस ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जयपाल सिंह के दुखद निधन के साथ ही जनसेवा और सिद्धातों पर अटल रहने वाली राजनीति के एक युग का अंत हो गया। कैप्टन साहब का निधन कांग्रेस पार्टी के साथ बुंदेलखंड अंचल और पन्ना के लिए निःसंदेह अपूर्णीय क्षति है जिसकी भरपाई हो पाना संभव नहीं है। अपने चार दशक के लंबे राजनीतिक और सार्वजानिक जीवन में वे योग्य, कुशल और अनुभवी कैप्टन की तरह अपनी दूरदृष्टि, अदम्य साहस, संयम से हर जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करने के लिए जाने जाते रहे है।

मौजूदा युवा पीढ़ी को उनके संबंध में भले ही कुछ ख़ास जानकारी न हो पर जिनकी आयु 50 वर्ष या फिर इससे अधिक है वे भलीभांति जानते है! 80 के दशक में जब देश में विषम परिस्थितियों के बीचकी राजनीति में राजीव गांधी का पदार्पण हुआ तो वे अपने साथ अपने कई दोस्तों को भी ले आए थे। राजीव गांधी का दौर कांग्रेस में युवा नेतृत्व का दौर था। उस दौर में कई उच्च शिक्षित युवा, पायलट, बिजनेसमैन और फिल्म स्टार राजीव जी की प्रेरणा से राजनीति में आये थे। कैप्टन जयपाल सिंह भी उन्हीं में से एक थे। अपने पायलट के पेशे को छोड़ वह कांग्रेस से जुड़कर मध्यप्रदेश की सक्रिय राजनीति में कूद पड़े। चुंबकीय व्यक्तित्व और बहुमुखी प्रतिभा के धनी जयपाल सिंह ने महज कुछ साल में ही सूबे के राजनीतिक फलक पर ऐसी उड़ान भरी कि सब देखते ही रह गए।
वर्ष 1980 में जयपाल सिंह ने पन्ना जिले की पवई सीट से कांग्रेस के टिकिट पर अपना पहला चुनाव लड़ा और बड़े अंतर जीत दर्ज करके विधानसभा पहुंचे। चुनावी राजनीति में सफल इंट्री से चमके जयपाल यहां से लगातार नई ऊंचाइयों को छूते गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह ने कैप्टन की प्रतिभा को सम्मान देते हुए उन्हें सर्वप्रथम संसदीय सचिव बनाया फिर अपने मंत्रिमण्डल के दूसरे विस्तार में उप मंत्री बाद में गृह राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा। वर्ष 1985 में पवई सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने पर जयपाल सिंह को तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा ने अपने मंत्री मण्डल में गृह मत्रीं बनाया साथ ही आधा दर्जन अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी सौंप रखे थे। तब तक सम्पूर्ण मध्य प्रदेश सहित कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पन्ना के नायाब हीरे कैप्टन की कार्यकुशलता और बहुमुखी प्रतिभा की चमक का कायल हो चुका था। यह वह दौर था जब अविभाजित मध्य प्रदेश में निर्विवाद रूप से कैप्टन जयपाल सिंह का ओहदा नंबर दो का था। मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा की सरकार में उनका गजब का दबदबा रहा। जिसकी आज के समय कल्पना करना भी मुश्किल है। राजीव गांधी के साथ कैप्टन की कैमिस्ट्री को देखते हुए कांग्रेस के अंदर और विपक्ष समेत प्रशासनिक हलकों में तब तक यह चर्चा होने लगी थी कि एमपी का अगला सीएम जयपाल सिंह होंगे। गृह मंत्री होते हुए भी हर कोई उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर ही देखता था।

कांग्रेस के नेतागण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ कैप्टन जयपाल सिंह की निकटता के किस्से सुनाते हुए बताते हैं कि, अपनी हत्या के कुछ वर्ष पूर्व राजीव जी भोपाल में विशाल रैली को संबोधित करने आए थे। तब वे एयरपोर्ट से सभा स्थल तक जिस कार से पहुंचे थे उसे कैप्टन ड्राइव कर रहे थे। इस दौरान राजीव जी पीछे की सीट पर नहीं बल्कि कैप्टन के बगल में बैठे और रास्ते में उनसे प्रदेश के संबंध में बात करते रहे। उन्हें वापस एयरपोर्ट छोड़ने के दौरान भी कैप्टन साहब ही कार चला थे। कैप्टन जयपाल सिंह की सबसे अनूठी बात यह थी कि उनके धुर विरोधी भी उनका सम्मान करते थे। सूबे की सत्ता के केंद्र में रहने के बाद भी सत्ता का अहंकार कभी उन पर हावी नहीं हो हुआ। जीवन पर्यन्त वह विनम्र, शालीन, मृदुभाषी रहे। उनका राजनैतिक जीवन सादगी, ईमानदारी और सहजता की खुली किताब है।

राजीव गांधी के असामयिक दुखद निधन के बाद कांग्रेस में मची उथल-पुथल से उभरी गुटीय राजनीति के चलते कैप्टन की उड़ान पर अचानक पावर ब्रेक लग गया। लेकिन अर्श से सीधे हांसिये पर जाने के बाद भी वह जरा भी विचलित नहीं हुए। बदली हुई परिस्थितियों-चुनौतियों का सहजता के साथ सामना करते हुए रिटायरमेंट की उम्र में भी वे पूरी ऊर्जा के साथ कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के साथ मिलकर काम करते रहे। आज की पीढ़ी के नेतागण-जनप्रतिनिधि कैप्टन साहब के जीवन संघर्ष से बहुत कुछ यह प्रेरणा ले सकते है मसलन, सत्ता के केंद्र में रहते हुए भी इसके दंभ से दूर रहकर जनसेवा के पथ पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ किस तरह से आगे बढ़ा जाए। और जब सत्ता की चकाचौंध से दूर हों जाएं तो निराश या नाउम्मीद हुए बगैर स्वीकार्य भाव से जीवनपथ पर कर्मयोगी की तरह निरंतर आगे बढ़ते रहें।
(लेखक रडार न्यूज़ के संपादक है। सम्पर्क – 8770221005)
Smart Electricity Meter : लाइन लॉस रोकने घर-घर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर, विद्युत कंपनी के साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा
* रोजाना हर 15 मिनिट में मोबाइल पर मिलेगी बिजली खपत और भार की जानकारी
* वास्तविक रीडिंग तय सयम-दिन पर बिलिंग में दर्ज होने से मिलेंगे त्रुटिरहित बिल
* अब समय पर बिल नहीं भरने पर एक क्लिक पर बिजली सप्लाई हाेगी बंद
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) केन्द्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अब विद्युत उपभोक्ताओं के घरों एवं व्यवसायिक परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है। पन्ना संभाग अंतर्गत स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने की शुरुआत पन्ना शहर वितरण केन्द्र (जिला मुख्यालय) से की गई है। लाइन लॉस (बिजली चोरी) रोकने के लिए लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर से विद्युत कंपनी के साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा होने का दावा किया जा रहा है। पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने से समय पर मानव हस्तक्षेप (मीटर वाचक) के बिना वास्तविक रीडिंग तय समय व तय दिन पर बिलिंग में दर्ज होने से उपभोक्ता को त्रुटिरहित विद्युत बिल प्राप्त होंगे। बिजली का मीटर आपके मोबाइल से कनेक्ट हो जाएगा। इससे बिजली खपत और उपयोग में लाए जा रहे विद्युत-भार (लोड) की हर 15 मिनट में अद्यतन (रियल टाइम) जानकारी उपभोक्ता के मोबाइल फोन पर उपलब्ध होगी। इससे पता चल जाएगा कि आपके घर या दुकान में इस बार कितनी बिजली की खपत हुई है और कितना बिल इस माह आएगा। मोबाइल पर जानकारी प्राप्त होने से उपभोक्ता विद्युत खपत का बेहतर प्रबंधन करके शासन से बिलिंग में मिलने वाली छूट का लाभ उठा सकेंगे। यही नहीं, मोबाइल फोन रिचार्ज की तरह ही स्मार्ट मीटर को भी रिचार्ज करा सकेंगे।
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड संभाग पन्ना के कार्यपालन अभियंता अमितेश मिश्रा ने रडार न्यूज़ से अनौपचारिक चर्चा में जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का कार्य पन्ना जिला मुख्यालय (शहर वितरण केंद्र) में महीने भर पूर्व शुरू हो चुका है। पन्ना में अब तक 2,000 से अधिक स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाए जा चुके है। जल्द ही पन्ना एवं पवई संभाग के अन्य शहरी क्षेत्रों देवेन्द्रनगर, अजयगढ़, ककरहटी, गुनौर, पवई, अमानगंज में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। फीडरवार स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य चल रहा है, शहरी क्षेत्र के फीडरों के बाद ग्रामीण क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जायेंगे। कार्यपालन अभियंता श्री मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट मीटर से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं (घरेलू, व्यावसायिक एवं कृषि) के मीटर बदले जाएंगे।
बता दें कि, पन्ना संभाग अंतर्गत समस्त श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं की कुल संख्या वर्तमान में 1,04,959 है, जिनमें 84,901 घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं। जिले के पवई संभाग में कुल 85,905 उपभोक्ता दर्ज हैं। जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं की तादाद 71,753 बताई जा रही है। इस तरह जिले के दोनों संभागों में 1,90,864 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिले में विजनटेक कंपनी के स्मार्ट मीटर लगाने कार्य गुजरात की कंपनी मोंटेकार्लो के द्वारा पूर्णतः निःशुल्क किया जा रहा है। विजन टेक कंपनी के एक स्मार्ट मीटर का मूल्य करीब 4 से 5 हजार रुपए होने की चर्चा है। कार्यपालन अभियंता पन्ना अमितेश मिश्रा ने उपभोक्ताओं से नगर के वार्डों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर के कार्य में सहयोग करने की अपील की है। आपने बताया कि सहायक अभियंता राहुल बिरला के नेतृत्व में कर्मचारियों द्वारा पन्ना शहर के वार्डों में स्मार्ट मीटर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।

श्री मिश्रा का कहना है कि, स्मार्ट मीटर को लेकर किसी भी तरह के भ्रम या अफवाहों में न आएं, इनको लगवाने से ईमानदार उपभोक्ताओं का लाभ ही होगा। बिजली चोरी करने वाले अवश्य ही परेशान हो सकते है क्योंकि अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। विद्युत कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं के बीच फैले भ्रम दूर करने और उनकी संतुष्टि के लिए 5 प्रतिशत घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पुराने मीटर के समानांतर स्मार्ट मीटर लगाने का विशेष प्रावधान किया गया है। ताकि उपभोक्ता दोनों मीटर में दर्ज होने वाली अपनी विद्युत खपत एक सामान होने आंकलन कर सकें। चेक मीटर लगाने की कवायद से उपभोक्ताओं में पुराने मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर के तेज चलने की अफवाहों पर विराम लग सकेगा।
क्यों लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर?
विद्युत उपभोक्ताओं के घरों एवं व्यावसायिक परिसर में पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का काम देश के विभिन्न राज्यों में जोर-शोर से चल रहा है। विद्युत कंपनियां अपने लाइन लॉस (बिजली चोरी) को रोकने के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च करके स्मार्ट मीटर परियोजना को अपना रही हैं। बताया जाता है कि स्मार्ट मीटर बहुत ही सूक्ष्मता के साथ विद्युत खपत की गणना करते हुए किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव का सटीक विश्लेषण करता है। जबकि वर्तमान में लगे मीटर विद्युत खपत की सूक्ष्मता से गणना करने में सक्षम नहीं है। स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं की मासिक रीडिंग के लिए विद्युत कंपनियों को मीटर रीडरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यानी डोर-टू-डोर रीडिंग पूर्णतः बंद हो जाएगी। अब समय पर बिल नहीं भरने पर एक क्लिक पर उपभोक्ता की बिजली सप्लाई हाेगी बंद कर दी जाएगी। और बिल जमा होने पर बिना किसी देरी के विद्युत आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
स्मार्ट मीटर में प्री-पेड फीचर्स होने से उपभोक्ता मोबाइल फोन रिचार्ज की तरह मीटर भी रिचार्ज करा सकेंगे। भविष्य में मीटर रिचार्ज (प्री-पेड) व्यवस्था अनिवार्य रूप से प्रारम्भ होने पर बिजली कंपनी को बिल वसूली के दवाब से भी पूर्णतः मुक्ति मिल जाएगी। इस तरह मासिक मीटर रीडिंग और बिल वसूली में लगने वाला मानव श्रम और खर्च बंद होने से जाहिर है विद्युत कंपनियों को राजस्व की बड़ी बचत होगी। लेकिन इस स्थिति में उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति बहाल रखने के लिए अपने मीटर में आवश्यक बैलेंस रखना होगा।
उपभोक्ताआ बिजली खपत की कर सकेंगे निगरानी

स्मार्ट मीटर उपभोक्ता के मोबाइल फोन से कनेक्ट होंगे। इससे पता चल जाएगा कि उनके घर या दुकान में इस बार कितनी बिजली की खपत हुई है और कितना बिल इस माह आएगा। बिजली खपत और उपयोग में लाए जा रहे विद्युत-भार (लोड) की हर 15 मिनट में वास्तविक अद्यतन (रियल टाइम) जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध होगी जिससे बिजली के किफायती उपयोग से बिजली बिल में कटौती की जा सकेगी। इन मीटरों की स्वचलित प्रणाली के माध्यम से मीटर रीडिंग तय समय तय दिन पर बिलिंग में दर्ज होगी। इससे रीडिंग के दौरान भूलवश होने वाली किसी भी प्रकार की त्रुटि से छुटकारा मिलेगा और उपभोक्ताओं को त्रुटिरहित बिल प्राप्त होंगे। प्रतिमाह मीटर रीडिंग में होने वाली मानवीय त्रुटि और बिजली बिलों में सुधार के लिए बिजली कंपनी कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। विद्युत लाइनों, ट्रांसफार्मर या किसी उपभोक्ता की बिजली आपूर्ति बाधित होने पर विद्युत् व्यवधान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर बिजली आपूर्ति की तुरंत बहाल की जाएगी।
दिवाली स्पेशल ऑफर्स का लालच देकर ग्रामीण महिलाओं से लाखों की ठगी
* सोने-चांदी के 10 लाख रुपए के गहने लेकर फरार हुई शातिर ठग महिलाएं
* गहने डबल करने के साथ स्पेशल गारंटीड गिफ्ट देने का किया था वादा
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) बड़ी पुरानी कहावत है- ‘लालच बुरी बला है’, इसके चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए वरना इंसान को पछताना पड़ सकता है। कुछ ऐसा ही आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण महिलाओं के साथ हुआ है। धन दोगुना करने लालच में आकर महिलाएं धनतेरस से पहले अपना धन ही गवां बैठी। ठगी का यह मामला मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का है। शातिर ठग महिलाएं हरदी गांव की कुछ गृहणियों को दिवाली स्पेशल ऑफर्स के तहत गहने डबल करने साथ ही गारंटीड गिफ्ट देने का झांसा देकर उनके सोने-चांदी गहने लेकर फरार हो गईं। ग्रामीण महिलाओं से लगभग 8 से 10 लाख रुपए मूल्य के आभूषणों की ठगी होने की जानकारी सामने आई है। धरमपुर थाना पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। ठगी करने वाली महिलाओं के सीसीटीव्ही फुटेज के आधार पुलिस उन तक पहुँचने का प्रयास कर रही है। इसमें पड़ोसी जिला छतरपुर की पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है।

जिले की अजयगढ़ तहसील के धरमपुर थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम हरदी में आधा दर्जन महिलाओं से लाखों रुपए के आभूषणों की ठगी होने के खबर आने के बाद इलाके में हड़कंप मचा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हरदी गांव में कुछ शातिर ठग महिलाएं पिछले कई दिनों से काफी सक्रिय थीं। इन महिलाओं ने शुरुआत में गृहणियों का भरोसा जीतकर उन्हें अपने जाल में फंसाने के लिए पुराने बर्तन और चंद रुपए लेकर नए बर्तन दिए। बाद में चांदी के आभूषणों के बदले में बर्तन दिए गए। पीड़िता अंजना सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय दीपावली पर्व के पूर्व उक्त महिलाओं के द्वारा स्पेशल ऑफर्स के तहत सोने-चांदी के गहने दोगुने करने साथ में फ्रिज, वाशिंग मशीन, एलईडी टीव्ही आदि गारंटीड गिफ्ट का झांसा दिया गया।
धनतेरस और दिवाली पर धनवर्षा जैसे इस लुभावने ऑफर का ग्रामीण महिलाओं पर बड़ा असर हुआ। फिर क्या था, लालच में आकर सरोज सिंह, अंजना सिंह, प्रेमवती, ललिता सिंह, मोनिका सिंह, पुष्पा सिंह एवं लक्ष्मी आदि गृहणियों ने ख़ुशी-ख़ुशी अपने सोने-चांदी के गहने उन महिलाओं को सौंप दिए। शातिर महिलायें रविवार 27 अक्टूबर की शाम वापस हरदी आकर ऑफर के अनुसार डबल गहने और बड़ा उपहार देने का वादा करके फरार हो गईं। उक्त महिलाएं गहने लेकर जब अगले दिन दोपहर तक वापस नहीं आईं तो चिंतित और परेशान गृहणियों के द्वारा ठगी की घटना की जानकारी घर के अन्य सदस्यों को दी गई। ग्रामीण अनुराग तिवारी ने बताया, ठग महिलाओं की धरपकड़ के लिए उनके द्वारा धरमपुर थाना पुलिस से सम्पर्क किया गया। लेकिन ठग महिलाओं को कुछ अतापता नहीं चल सका। मामले की एफआईआर भी अभी तक दर्ज नहीं की गई। पीड़िता प्रेमवती सिंह के अनुसार, आधा दर्जन से अधिक महिलाओं से लगभग 8-10 लाख रूपये के आभूषणों की ठगी हुई है। जिससे पीड़ित महिलाओं के साथ उनके परिवार की धनतेरस-दीवाली की खुशियां अब गम और अफ़सोस में तब्दील हो चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि, हरदी गांव में कहीं सीसीटीव्ही कैमरे न होने के कारण ठगी करने वाली महिलाओं के गिरोह का प्रारंभिक तौर पर कुछ ज्यादा पता नहीं चल सका, सिर्फ एक महिला की फोटो मौके से किसी ने मोबाइल में खींच ली थी। धरमपुर थाना प्रभारी बलवीर सिंह ने रडार न्यूज़ को बताया कि, ठगी की घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम को मौके पर भेजा था। फरार हुई महिलाओं को ट्रैक करने के दौरान पड़ोसी जिला छतरपुर के चंदला व राजनगर में उनके सीसीटीव्ही फुटेज मिले है। छतरपुर जिले की पुलिस को उनके फोटोग्राफ्स उपलब्ध करवाकर फरार महिलाओं की धरपकड़ में सहयोग मांगा है। आरोपी महिलाओं का खोजबीन लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि, इस मामले में जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
MP : एसआई की गुंडई के खिलाफ पत्रकारों ने दी सामूहिक गिरफ्तारी, सड़क पर उतरकर किया संघर्ष का शंखनाद
* पत्रकार के साथ सरेआम मारपीट करने वाले एसआई के खिलाफ FIR न होने से आक्रोश
* पुलिस एवं प्रशासन की हठधर्मिता से सूबे की मोहन सरकार की जमकर हो रही फ़जीहत
* जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी ने गलत जानकारी देकर शासन-प्रशासन को किया गुमराह
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) खाकी वर्दी का रौब दिखाकर ग्रामीण पत्रकार के साथ सरेआम गुंडई करने वाले पुलिस उप निरीक्षक भानु प्रताप सिंह के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग को लेकर आंदोलनरत पन्ना के पत्रकारों द्वारा शुक्रवार को सामूहिक गिरफ़्तारी दी गई। पैदल मार्च करते हुए गिरफ़्तारी देने कोतवाली थाना पहुंचें पत्रकारों ने इंसाफ मिलने तक लोकतांत्रिक तरीके से अपने संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया। पुलिसवाला गुंडा की तरह बर्ताव करने वाले एसआई का पुलिस एवं प्रशासन के द्वारा पूरी निर्लज्जता के साथ बचाव करने और इस ज्वलंत मुद्दे पर जिले के जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये को लेकर पत्रकार बिरादरी के साथ-साथ आमजन में भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। लोकहित के सजग प्रहरी की तरह आमजन की आवाज़ बुलंद करने वाले पत्रकारों को शुक्रवार को जब लोगों ने अपने लिए न्याय की गुहार लगाते हुए देखा तो वह निरंकुश हो चुकी अफसरशाही को कोसने से खुद को रोक नहीं सके। एसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करके इंसाफ का गला घोंटने पर आमादा कतिपय अफसरों के हठधर्मी रवैये को देखते हुए पत्रकारों ने न्यायलय की शरण लेने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। साथ ही भोपाल जाकर इस मामले को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष प्रमुखता से उठाने पर भी सहमति बनीं है।
पत्रकारों के साथ आदतन अभद्रता करने वाले पन्ना पुलिस के उप निरीक्षक भानु प्रताप ने विगत दिनों टिकरिया ग्राम में एक दुकानदार को क़ानूनी प्रक्रिया का मखौल उड़ाते हुए गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। स्थानीय पत्रकार सतीश विश्वकर्मा ने वहां पहुंचकर अपना परिचय देते हुए दुकानदार को गिरफ्तार करने का जब सबब पूंछा तो अपनी हनक में रहने वाला एसआई उखड़ गया। दुकान से बाहर निकलकर पत्रकार पुलिस की कार्यवाही का वीडियो बनाने लगा तो एसआई और एक अन्य पुलिसकर्मी अपना आपा खो बैठे। दोनों सरेआम वर्दीवाले गुंडे जैसा बर्ताव करते हुए बेबस और निरीह पत्रकार पर टूट पड़े। अपने मोबाइल फोन पर ‘जन-सेवा की है निष्ठा और निर्बल की ताकत हैं हम’ की रिंगटोन बजाने वालों का असली चरित्र सबके सामने आ चुका था। दोनों पुलिसवालों ने पत्रकार के साथ गाली-गलौंज, मारपीट करते हुए उसके हाथ की उंगली तोड़ डाली। और अपने आपराधिक कृत्य का साक्ष्य मिटाने के लिए पत्रकार सतीश विश्वकर्मा का मोबाइल फोन छुड़ा ले गए थे।
हद तो तब हो गई जब सरेआम गुंडई करके पुलिस महकमे की छवि धूमिल करने वाले एसआई ने शाहनगर थाना में पीड़ित पत्रकार के ही खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का फर्जी प्रकरण पंजीबद्ध करवा दिया। पत्रकार की पिटाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद भी आनन-फानन में उल्टा उसी के खिलाफ आपराधिक मामला पंजीबद्ध किये जाने से हर कोई हैरान है। उधर, इस मामले में कतिपय पुलिस अफसर अपने दोनों अधीनस्थों का बेशर्मी के साथ बचाव करते हुए पीड़ित पत्रकार की रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार नहीं है।
कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत

पुलिस अफसरों के अन्यायपूर्ण एवं पक्षपाती रवैये से आहत और आक्रोशित पन्ना जिले के पत्रकार अपने साथी को न्याय दिलाने के एक सप्ताह भर से चरणबद्ध तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। पत्रकार के साथ अभद्रता करने वाले एसआई व पुलिस आरक्षक के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की मांग को लेकर गत दिनों पत्रकारों के द्वारा सामूहिक रूप से पुलिस अफसरों को ज्ञापन सौंपा गया था। पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र मिश्रा को घटनाक्रम की जानकारी देकर ज्ञापन सौंपे गए। फिर भी एसआई के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध नहीं हो सका। लोकतंत्र के अघोषित चौथे स्तंभ के अपमान पर कार्यवाही की जायज मांग को भी पूरा न करवा पाने को माननीयों का नाकारापन समझा जाए या फिर यह माना जाए कि पुलिस स्टेट को उनकी मूक सहमति प्राप्त है? अथवा इसे भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं के कमजोर होने के कारण तेजी से बढ़ती निरकुंशता को लेकर वैश्विक चिंता से जुड़े संकेत के तौर देखा जाए। कारण चाहे जो भी हो पर एक बात स्पष्ट है कलमकार (पत्रकार) को अपना काम करने की स्वतंत्रता न होना, नागरिक अधिकारों पर व्यवस्था की मनमर्जी हावी होना कानून के राज और लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है।
पुलिस की छवि धूमिल करने वाले का बचाव

विदित हो कि, पत्रकार के साथ कथित मारपीट और लूटपाट के आरोपी एसआई भानु प्रताप की रिपोर्ट पर पीड़ित के खिलाफ जिस तत्परता से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया उसने पन्ना पुलिस के अफसरों की निष्पक्षता और कार्यशैली की पोल खोलकर रख दी है। विडंबना यह है कि आरोपी की रिपोर्ट दर्ज करने वाले पुलिस अफसर पीड़ित का मामला दर्ज करने के लिए किसी भी सूरत में तैयार नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम की सच्चाई की जानकारी होने के साथ तथ्यों से भलीभांति अवगत होने के बाद भी एसआई और उसके सहयोगी पुलिसकर्मी को बचाने के लिए जिम्मेदार अफसर पत्रकारों को गुमराह करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व पुलिस अधिकारियों के द्वारा इस मामले को शांत कराने के लिए अजयगढ़ एसडीओपी को जांच सौंपकर जांच उपरान्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था। साथ ही यह भी बताया गया कि एसआई एवं थाना प्रभारी बृजपुर भानु प्रताप को बृजपुर से हटाकर तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच किया जायेगा। लेकिन इस संबंध में आदेश जारी न किए जाने से पुलिस अफसरों का आश्वासन झूठा निकला। इससे आहत पत्रकारों ने अपने साथी को इंसाफ मिलने तक आंदोलन करने का ऐलान किया है। पन्ना के पुलिस महकमे के अंदरखाने चर्चा है कि, एसआई खिलाफ कार्यवाही की मांग से कतिपय विभागीय अफसरों के अहंकार को चोट लग रही है। क्योंकि वे इसे अपने खिलाफ और महकमे के अपमान के तौर पर देख रहे है। वास्तविक पीड़ित के साथ खड़े न होकर पुलिस अफसर अपनी हठधर्मिता से जाने-अनजाने सूबे की सरकार की फजीहत कराने के साथ पुलिस के दोहरे रवैये को उजागर कर रहे हैं।
झूठी जानकारी देकर जनसम्पर्क प्रभारी ने किया गुमराह
आंचलिक पत्रकार सतीश विश्कर्मा के संबंध में शाहनगर थाना प्रभारी के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर जिला जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी देवेन्द्र सिंह पर अपनी आपराधिक लापरवाही को छिपाने के लिए असत्य जानकारी देकर शासन-प्रशासन को गुमराह करने का गंभीर आरोप लग रहा है। बता दें कि, सतीश ने उन्हें संवाददाता नियुक्त किए जाने संबंधी मीडिया संस्थान का नियुक्ति पत्र जिला जनसम्पर्क कार्यालय में देकर बकायदा पावती प्राप्त की थी। इसके बाद भी जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी ने उनका नाम आंचलिक पत्रकार की सूची में दर्ज नहीं किया। और फिर दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम के बाद पुलिस के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर सतीश का नाम जनसम्पर्क कार्यालय में दर्ज न होने का पत्र जारी कर दिया। गत दिवस पत्रकारों ने जिला जनसम्पर्क कार्यालय पहुंचकर प्रभारी देवेन्द्र सिंह को सतीश का नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के बाद भी उसके संबंध में असत्य और भ्रामक जानकारी देने का कारण पूंछा तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। बहानेबाजी करते हुए देवेन्द्र सिंह ने बताया कि, सतीश पन्ना आकर मुझसे मिलता नहीं है इसलिए उसका नाम दर्ज नहीं किया। इस जवाब से भड़के पत्रकारों ने सवालों की बौछार करते हुए शिकायत करने की बात कही तो जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी ने बिना किसी लागलपेट के अपनी गलती स्वीकर कर ली। देवेन्द्र सिंह ने पुनः नियुक्ति पत्र मांगते हुए नाम दर्ज करने की बात कही लेकिन पत्रकार इसके लिए राजी नहीं हुए। पत्रकारों ने इस मामले में जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी के खिलाफ भी मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है।
MP : एसआई के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर पत्रकार आज देंगे गिरफ्तारी
* पन्ना में पत्रकार के साथ अभद्रता मामले पर चरणबद्ध आंदोलन जारी
* जिला जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी की भूमिका को लेकर भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) सरेआम वर्दी का रौब दिखाकर आंचलिक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस उप निरीक्षक भानु प्रताप सिंह के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न होने से पन्ना जिले के पत्रकारों के साथ आमजन में भी रोष व्याप्त है। बदमिजाज़ उप निरीक्षक के खिलाफ नियमानुसार क़ानूनी कार्यवाही की जायज़ मांग को लेकर जिले के पत्रकार सप्ताह भर से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। इसी क्रम में शुक्रवार 25 अक्टूबर को समस्त पत्रकार अपनी गिरफ़्तारी देकर पुलिस और प्रसाशन के हठधर्मी रवैये के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज करवाएंगे। जिले के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार होगा जब व्यवस्था के अन्यायपूर्ण रवैये से क्षुब्ध कलमकार (पत्रकार) सांकेतिक जेल भरो आंदोलन के तहत अपनी गिरफ्तरी देंगे।
पत्रकार शिवकिशोर पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि, शुक्रवार 25 अक्टूबर को जिले भर के पत्रकार साथी दोपहर 1 बजे श्री जुगुल किशोर जी मंदिर के बाहर एकत्र होंगें। इसके पश्चात दोपहर 2 बजे पैदल मार्च करते हुए कोतवाली थाना पहुंचकर सभी पत्रकार साथी अपनी गिरफ़्तारी देंगे। विदित हो कि, कुछ दिन पूर्व एसआई एवं बृजपुर थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने टिकरिया ग्राम में स्थानीय पत्रकार सतीश विश्वकर्मा के साथ सरेआम मारपीट, गाली-गलौंज और अभद्रता करते हुए मोबाइल फोन जबरन छुड़ा लिया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम उस समय हुआ जब टिकरिया ग्राम के एक दुकानदार को कथित तौर पर एसआई और एक पुलिसकर्मी के द्वारा नियम-प्रक्रिया का पालन न करते हुए गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने रहे थे। मौके पर भीड़ जुटने पर दुकानदार को ले जा रही पुलिस के नकली होने की अफवाह फ़ैल गई।
स्थानीय पत्रकार सतीश विश्वकर्मा ने वहां पहुंचकर पुलिसकर्मियों से उनका परिचय और दुकानदार को गिरफ्तार करने का सबब पूंछा। लेकिन एसआई भानु प्रताप ने स्पष्टता के साथ संतोषजनक उत्तर न देकर पत्रकार से बाहर जाने के लिए कहा गया। बिना किसी देरी के सतीश बाहर निकलकर पुलिस की कार्यवाही का वीडियो बनाने लगे तो यह देखकर एसआई भानु प्रताप अचानक भड़क उठे। उन्होंने सरेआम वर्दी का रौब दिखाते हुए ‘पुलिसवाला गुंडा’ की तरह पत्रकार के साथ मारपीट, गाली-गलौज कर मोबाइल फोन छुड़ा लिया। पत्रकार के साथ अभद्रता करने में एक पुलिसकर्मी भी शामिल था।
लोकतंत्र के अघोषित चौथे स्तंभ के साथ अपराधियों जैसा सुलूक करने के बेहद अफ़सोसनाक घटनाक्रम का सर्वाधिक विचलित और चिंतित करने वाला पहलू यह है कि, निरपराध पत्रकार को सरेआम बेइज्जत करने के बाद एसआई ने उल्टा उसी पर शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगाकर शाहनगर थाना में आनन-फानन में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवा दिया। लेकिन पुलिस ने वास्तविक पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर अब तक एसआई व पुलिसकर्मी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया। घटना का वीडियो वायरल होने से लेकर सच्चाई सामने आने के बाद भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से एसआई के खिलाफ प्रथम दृष्टया सख्त एक्शन भी नहीं लिया गया। जिससे यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है।
अपने साथी को न्याय दिलाने के लिए पन्ना जिले के पत्रकार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है। बता दें कि, एसआई भानु प्रताप सिंह पत्रकारों के साथ पूर्व में पन्ना जिला चिकित्सालय में एक मामले का कवरेज करने के दौरान अभद्रता कर चुके हैं। पत्रकार सतीश विश्वकर्मा प्रकरण में जिले के पत्रकारों में जनसम्पर्क कार्यालय पन्ना प्रभारी देवेन्द्र सिंह की भूमिका को लेकर भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी पन्ना में अपनी पदस्थापना के बाद से ही अंग्रेजों की नीति पर चलते हुए पत्रकारों के बीच फूट डालने और प्रशासन को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
संत वैराग्यसदन साहेब को चंदन तिलक और पुष्पहार पहनाकर घोषित किया कबीर आश्रम महंत
* पन्ना जिले की पवई तहसील के ग्राम सिमरा खुर्द स्थित कबीर मंदिर में महंती कार्यक्रम संपन्न
* शरदपूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई जिलों के कबीर भक्त हुए शामिल
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) सदगुरु कबीर ध्यान-योग मंदिर ट्रस्ट शाला सिमरा खुर्द के तत्वाधान में बुधवार 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर महंती कार्यक्रम सैंकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में परंपरनुसार संपन्न हुआ। इस गरिमामयी कार्यक्रम में कबीर मंदिर गद्दी रीवा के वरिष्ठ महंत सनाथ साहब द्वारा संत श्री वैराग्यसदन साहेब का चंदन तिलक करके और पुष्पहार पहनाकर कबीर आश्रम गद्दी सिमरा खुर्द का महंत घोषित किया गया। संत वैराग्यसदन सिमराखुर्द कबीर आश्रम गद्दी के 12वें महंत है। उन्हें सर्वसम्मति से महंत घोषित किए जाने पर कबीर भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा और सदगुरु कबीर साहेब, सनाथ साहेब, मंगलदास साहब एवं महाराज पूरनदास का जयघोष करके अपार प्रसन्नता जाहिर की गई।

कार्यक्रम के मुख्य प्रवक्ता वरिष्ठ महंत सनाथ साहब जी ने नव नियुक्त महंत वैराग्यसदन साहेब का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। इस अवसर पर सनाथ साहब ने महान आध्यात्मिक सद्गुरु कबीर साहेब के जीवन दर्शन, पारख ज्ञान पर प्रकाश डालते हुए उनकी शिक्षाओं को जीवन में उतारकर आत्मिक उन्नति करने के लिए श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। कबीर पंथ की सेवा का अवसर प्राप्त होने पर अनुग्रह के भाव से भरे नवनियुक्त महंत वैराग्यसदन ने विम्रतापूर्वक उपस्थित श्रद्धालुओं के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए इसे अपना सौभाग्य माना है। तदुपरांत श्रद्धालुओं ने साधु-संतों को पुष्प अर्पित कर और उनकी आरती उतारकर बंदगी की। साथ ही नए महंत वैराग्य सदन साहेब को शुभकामनाएं देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कबीर भक्तों ने उम्मीद जताई है कि नए महंत के प्रयासों एवं सबके सहयोग से सदगुरु कबीर ध्यान योग मंदिर ट्रस्ट शाला सिमरा खुर्द मानव कल्याण और आध्यात्मिक विकास के उच्चतम शिखर पर पहुंचेगी। मंचीय कार्यक्रम के अंत में भंडारे का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
