प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में विकास हो रहा है, भले ही लोग इसे नहीं देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा, डिजिटल इंडिया के तहत तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएसई) पर काम हो रहे है। किसी को दिखे या न दिखे, देश बदल रहा है। नमो एप के जरिए डिजिटल इंडिया का लाभ उठाने वालों से बात करते हुए उन्होंने लोगों के अनुभव सुने और इस योजना की खूबियां गिनाईं।
उन्होंने कहा कि इस योजना से न सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार मिला है बल्कि गांव में रहने वाले लोगों की जिंदगी भी बदली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया से सबसे ज्यादा फायदा गांवों की महिलाओं को हुआ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत शुरू किए गए वाई फाई चैपाल योजना से गांवों की बेटियां नौकरी पा रही हैं।
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प्रधानमंत्री से बात करते हुए लाभान्वित सचियत्री ने बताया कि उनका चयन उत्तर प्रदेश पुलिस में हुआ, जिसकी तैयारी उन्होंने सीएससी सेंटर की मदद से की थी। कई सीएससी सेंटर के संचालकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि वो इस योजना से हजारों ग्रामीणों को डिजिटल साक्षर कर चुके हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने भारतीयों की पैसे की लेन-देन की आदत बदल दी है। अब गांव-गांव में डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान किया जा रहा है।
कॉल सेंटर में मिला काम-
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विभिन्न सेंटरों से कई लोगों ने ये बताया कि इस योजना से उन्हें पेंशन पाने में आसानी होती है। पहले उन्हें बैंक के लिए कई किलोमीटर दूर जाना होता था। राजस्थान के अलवर जिला की पूनम सपेरा ने बताया कि वो बीए में पढ़ रही हैं और डिजिटल इंडिया से उन्हें लाभ मिल रहा है। पूनम घुमंतू जाति से हैं।
नरेंद्र मोदी ने नागालैंड के कोहिमा में चल रहे बीपीओ के कर्मियों से भी बात की। कर्मियों ने बताया कि उन्हें अब अपने शहर के कॉल सेंटर में काम मिल रहा है और वो ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमरीका की कंपनियों के लिए काम करते हैं। पटना की खुशबू ने बताया कि इस योजना के तहत शुरू किए गए कॉल सेंटर में उन्हें नौकरी मिली है, जहां वो क्षेत्रीय भाषा में ग्राहकों से बात करती हैं।
एससी-एसटी समुदाय को फायदा-
डिजिटल इंडिया के तहत देशभर के एक लाख 83 हजार ग्राम पंचायतों में तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर खोले गए हैं। इन सेंटरों को खोलने का सरकार का मकसद था कि गांव में लोग सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं का लाभ ऑनलाइन प्राप्त कर सके।
नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि इन सेंटरों से 10 लाख लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि डिजिटल साक्षर योजना के तहत करीब 1.25 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इन 1.25 करोड़ लोगों में 70 फीसदी लाभान्वित एससी-एसटी समुदाय से है।
(साभार: बीबीसी हिन्दी)
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