Homeबुंदेलखण्डमिढासन डायवर्सन में डूबे 33 करोड़

मिढासन डायवर्सन में डूबे 33 करोड़

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पन्ना को पंजाब बनाने का सपना

25 से बढ़ाकर 64 करोड़ की लागत, 33 करोड़ खर्च करने के बाद निरस्त की योजना

पन्ना। राडर न्यूज सूखा की त्रासदी झेलने वाले बुंदेलखण्ड अंचल में सिंचाई योजनाओं पर पानी की तरह पैसा बहाया गया, लेकिन इससे कोई खास लाभ होता नहीं दिख रहा है। कारण  सिंचाई योजनाओं के निर्माण में व्यापक पैमाने पर धांधली होना है। अंचल के पन्ना जिले में सिंचाई का रकवा बढ़ाने के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। पिछले कुछ सालों में यहां तकरीबन 1 अरब की लागत के सिंचाई जलाशयों के फूटकर बहने से पन्ना का जल संसाधन विभाग भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश व देश में काफी बदनाम हो चुका है। जीरो टाॅलरैंस का दम भरने वाली शिवराज सरकार की नाक के नीचे सरकारी धन को लूटकर तकनीकी अधिकारियों व ठेकेदारों भ्रष्ट गठबंधन ने अपनी तिजोरी भरने का काम किया है। मिढ़ासन डायवर्सन लघु सिंचाई योजना इसका एक उदाहरण मात्र है। 25 करोड़ की इस सिंचाई योजना की लागत अप्रत्याशित तरीके से बढ़ाकर 64 करोड़ की गई और फिर 33 करोड़ खर्च करने के बाद जिस तरह अचानक योजना को स्थगित कर दिया गया उससे कई सवाल उठ रहे हैं। इस सिंचाई योजना का काम करीब साल भर से बंद पडा है। 33 करोड खर्च करने के बाद योजना को अघोषित तौर पर निरस्त करने से शीर्ष तकनीकी अधिकारियों के फैसले से उनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। योजना की पूर्व स्वीकृत लागत बढ़ाकर 64 करोड़ करने की स्वीकृति मिलना और योजना के कार्य को बीच में ही निरस्त किये जाने से इस महात्वकांक्षी प्रोजेक्ट में शुरूआती स्तर से ही व्यापक पैमाने पर घालमेल होने के साफ संकेत मिलते हैं।

गलती छिपाने बढ़ाया बजट

पन्ना जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत करीब दर्जनभर गांवों की 1793 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने के लिए बनाई गई मिढ़ासन डायवर्सन लघु सिंचाई योजना को मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा 30 अप्रैल 2011 को 24 करोड़ 97 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।  स्थल की वास्तविकता से अनभिज्ञ तकनीकी अधिकारियों ने ए.सी. चैंबर में बैठकर रातों-रात सिंचाई योजना का डीपीआर तैयार करने से लेकर संपूर्ण स्वीकृत राशि निर्माण तथा भू-अर्जन पर व्यय कर दी। तब जाकर उन्हें अहसास हुआ कि निर्मित संरचना से सिंचाई होना संभव नहीं है। करीब 25 करोड़ की राशि के खर्च का औचित्य साबित करने और अपने पापों को छिपाने के लिए तकनीकी अधिकारियों ने एक बार फिर आंकड़ों का घालमेल करके योजना का पुनरीक्षित प्रस्ताव 62 करोड़ का तैयार कर भोपाल भेज दिया। पन्ना से वाया सागर होते हुये भोपाल तक सेटिंग के चलते औपचारिक परीक्षण के बगैर मिढ़ासन डायवर्सन सिंचाई योजना के पुनरीक्षित प्रस्तावनुसार कार्य की लागत एक ही झटके में 25 से बढ़ाकर 62 करोड़ किये जाने संबंधी प्रशासकीय स्वीकृति 25 मार्च 2017 को जारी कर दी गई। यहां गौर करने वाली बात यह है कि लागत बढ़कर ढाई गुना से अधिक होने पर भी मिढ़ासन सिंचाई योजना की पूर्व रूपांकित सिंचाई क्षमता 1793 हेक्टेयर में मामूली से वृद्धि के साथ 1886 हेक्टेयर हो गई अर्थात् सिंचाई योजना की पुनरीक्षित लागत के अनुपात में रूपांकित सिंचाई लागत की वृद्धि नाम मात्र की ही रही। इसको इस तरह भी समझा जा सकता हैं कि मिढ़ासन डायवर्सन सिंचाई योजना की पूर्व लागत 2497 लाख से 1793 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होनी थी। लगभग 6 साल बाद वर्ष 2017 में इसकी लागत बढ़कर ढ़ाई गुना से अधिक 62 करोड़ 41 लाख रूपये हो गई। जबकि रूपांकित सिंचाई क्षमता मात्र 93 हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 1886 हेक्टेयर के आंकड़े तक ही पहुंच पाई। बावजूद इसके अप्रत्याशित रूप से सिंचाई योजना की लागत बढ़ाकर 62 करोड़ करने की मंजूरी दे दी गई। सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करके कृषि के मामले में पन्ना को पंजाब बनाने का सब्जबाग दिखाकर सिंचाई योजनाओं के निर्माण में किस कदर अनिमित्ताएं की गई, मिढ़ासन सिंचाई योजना इसका एक नमूना मात्र है।

भ्रष्टाचार का स्मारक बनी योजना

इस योजना पर करीब 33 करोड़ 45 लाख की राशि भू-अर्जन तथा निर्माण कार्य पर खर्च करने के बाद मुख्य अभियंता धसान केन कछार जल संसाधन विभाग सागर ने इसे फिलहाल स्थगित कर दिया है। फलस्वरूप मिढ़ासन डायवर्सन योजना का कार्य साल भर से ठप्प पड़ा है। जल संसाधन विभाग के अंदरखाने इस फैसले को लेकर ऐसी चर्चा है कि 25 करोड़ खर्च होने के बाद निर्मित संरचना से सिंचाई हो पाना व्यवहारिक तौर पर संभव ही नहीं था। अगर 62 करोड़ भी खर्च कर दिये जाते तो भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता। सालभर से आधी-अधूरी पड़ी मिढ़ासन डायवर्सन सिंचाई योजना जल संसाधन विभाग में विभिन्न स्तर पर हुये भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का स्मारक बन चुकी है। इसकी गहन पड़ताल करने पर पता चलता है कि शासन-प्रशासन में जवाबदेही के आभाव में अंधेरगर्दी किस कदर हावी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments