* पन्ना जिले में गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों को बुलडोजर से ध्वस्त करवाने की कार्रवाई लगातार जारी
* अब भमका ग्राम से धरमपुर चैन सिंह मार्ग की घटिया पुलिया पर चलवाया बुलडोजर
* PWD के तकनीकी अधिकारियों की सख्ती के चलते घटिया कार्य कराने वाले ठेकेदारों को हो रहा आर्थिक नुकसान
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का लोक निर्माण विभाग इन दिनों अपनी बदली हुई कार्यप्राणाली को लेकर चर्चाओं में बना है। लोनिवि (PWD) अंतर्गत चल रहे समस्त निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के मानकों की कसौटी पर कसने के साथ ही समयसीमा में पूर्ण कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना के तकनीकी अधिकारियों की सख्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, विभागीय निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पाए जाने पर बिना किसी देरी के उस हिस्से को अपने सामने ही बुलडोजर चलवाकर पूर्णतः ध्वस्त करवा दिया जाता है। फिर संबंधित ठेकेदार से ही नए सिरे से गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कराया जाता है। सिर्फ पखवाड़े भर के अंदर तीन निर्माणाधीन सड़कों की आधा दर्जन पुलियों (पाईप कल्वर्ट एवं बॉक्स कल्वर्ट) को बुलडोजर चलवाकर तुड़वा दिया।
मगर, यह साहसिक कदम उठाना ज़रा भी सहज नहीं था। मौके पर ठेकेदारों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया और तकनीकी अधिकारियों के साथ उनकी नोंकझोंक भी हुई लेकिन उनकी एक भी नहीं चल सकी। गुणवत्ता आश्वासन को लेकर लोनिवि के तकनीकी अधिकारियों की सख़्ती के चलते विभाग के ठेकेदारों में जबर्दस्त हड़कंप मचा है। निर्माण कार्यों की सघन मॉनिटरिंग के फलस्वरूप निर्देशों को दरकिनार कर मनमाने तरीके से घटिया कार्य कराने वाले ठेकेदारों को बुलडोजर एक्शन के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विगत दिनों लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना के तकनीकी अधिकरियों द्वारा जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण कर पंचमपुर और सिद्धपुर से टिकुरिहा मार्ग में नवनिर्मित पुलियों की गुणवत्ता जांच की गई थी। जांच में घटिया पाई गईं आधा दर्जन पुलियों को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों अपने सामने बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करवा दिया था। इस कार्रवाई का संबंधित ठेकेदार और उनके प्रतिनिधि मौके पर विरोध करते रहे लेकिन उनकी एक नहीं सुनीं गई। इतना ही नहीं कार्य की गुणवत्ता से समझौता करने वाले ठेकेदारों को उनके ठेके निरस्त करने संबंधी नोटिस भी थमाए गए थे।
अब इसी कड़ी में गुरुवार 14 मार्च को लोनिवि के तकनीकी अधिकारियों के द्वारा बृजपुर-पहाड़ीखेरा क्षेत्र में निर्माणाधीन भमका ग्राम से धरमपुर चैन सिंह मांर्ग लंबाई 4 किलोमीटर अनुबंधित लागत लगभग 1 करोड़ 10 लाख का निरीक्षण किया गया । इस दौरान सड़क की विभिन्न परतों अर्थवर्क, डब्ल्यूएमएम और सीआरएम की बारीकी से जांच की गई। जांच में मटेरियल की ग्रेडिंग निर्धारित अनुपात में पाई गई लेकिन नवनिर्मित पुलिया में थोड़ी गड़बड़ी सामने आने पर तकनीकी अधिकारियों ने बिना किसी देरी के ठेकेदार के ही बुलडोजर से पुलिया को अपने सामने जमींदोज करवा दिया।
बुलडोजर एक्शन को लेकर प्रभावशाली ठेकेदार के द्वारा कड़ी आपत्ती और असंतोष जताया गया। मगर, मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने के लिए दृढ़ संकल्पित लोक निर्माण विभाग के तकनीकी अधिकारियों ने तमाम अपत्तियों को पूर्णतः ख़ारिज कर दिया। लगातार बुलडोजर एक्शन के चलते निर्माण कार्यों में लीपापोती करने वाले ठेकेदारों को हो रहे आर्थिक नुकसान के कारण उनमें PWD के तकनीकी अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। इंसानी फितरत के मद्देनजर काफी हद तक ऐसा होना स्वाभाविक है।
आमजन की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता : कार्यपालन यंत्री
MP : पन्ना जिले के PWD में जारी बुलडोजर एक्शन को लेकर ठेकेदारों में जबर्दस्त हड़कंप मचा है। विभाग के तकनीकी अधिकारियों ने पखवाड़े भर के अंदर तीन सड़कों की आधा दर्जन घटिया पुलियों को बुलडोजर चलवाकर तुड़वा दिया। अफसरों का कहना है, गुणवत्ता से समझौता कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। pic.twitter.com/t6FNgp61Ju
— Radar News (@RadarNews4) March 19, 2024
जब इस संबंध लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री एसके पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि “कुछ समय बाद मेरा रिटायर्मेंट होना है इसलिए मैं नहीं चाहता कि मुझे बुढ़ापे में अनावश्यक परेशान होना पड़े। मैनें पहले ही दिन सबको बता दिया था कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करूंगा। फिर भी ठेकेदार अगर मनमाने तरीके कार्य करते हुए गड़बड़ी करते हैं तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। घटिया कार्य को डिस्मेंटल कराने से होने वाला आर्थिक नुकसान भी उन्हीं को उठाना पड़ेगा। मैं तब तक किसी भी ठेकेदार के एक रुपये का भुगतान नहीं करूंगा जब तक कि कराए गए कार्य की गुणवत्ता को लेकर हमारे प्रभारी उपयंत्री, संबंधित एसडीओ ओके रिपोर्ट नहीं दे देते और मैं स्वयं भी मौके पर जाकर निरीक्षण नहीं कर लेता। पूर्ण संतुष्टि के बाद ही बिल भुगतान किया जाएगा। हमारे लिए ठेकेदार के हितों से कोई सरोकार नहीं है, हमारी तो सर्वोच्च प्राथमिकता कराए गए निर्माण कार्य का उपयोग करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित कराना है। यह तभी संभव होगा जब निर्माण कार्य पूर्णतः गुणवत्तापूर्ण हो।”
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कार्यपालन यंत्री ने घटिया पुलियों को तुड़वाया, ठेकेदार को दी चेतावनी- ‘गुणवत्ता से समझौता नहीं चलेगा’