MP के पन्ना और अनूपपुर में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के घूसखोर अधिकारियों पर लोकायुक्त पुलिस की ट्रैप कार्रवाई

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पन्ना में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए जिला आपूर्ति अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव व लिपिक महेश गंगेले लाल घेरे में एवं ट्रैप कार्रवाई को अंजाम देने वाली लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम।

पन्ना में डीएसओ और लिपिक को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

अनूपपुर में गैस चूल्हा वितरण कार्यक्रम के नाम पर डीएसओ 18 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

लोकाययुक्त पुलिस के छापे से पन्ना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में मचा जबर्दस्त हड़कंप

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना और अनूपपुर जिले में लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दोनों ही जिलों के आपूर्ति अधिकारियों (डीएसओ) को अलग-अलग मामले में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। पन्ना में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लिपिक को भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने पन्ना के नवीन संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में दोपहर करीब 12 बजे कलेक्टर के चेम्बर से महज 50 कदम की दूरी पर स्थित खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में छापा मारकर जिला आपूर्ति अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव को 1 लाख 25 हजार रुपए व लिपिक महेश गंगेले को 15,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोंच लिया।
लोकायुक्त पुलिस की ट्रैप कार्रवाई के चलते पन्ना के प्रशासनिक हल्कों में जबर्दस्त हड़कंप मच गया। भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की धड़कनें तेज हो गईं। लोकायुक्त पुलिस की टीम जब तक संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में रही तब तक घूसखोर खासे भयभीत नजर आए। उन्हें पूरे समय इसी तरह एक दिन खुद के पकड़े जाने की आशंका परेशान करती रही। पन्ना के नवीन संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में लोकायुक्त पुलिस की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें रिश्वत की इतनी बड़ी राशि जप्त की गई है।
छापामार कार्यवाही का नेतृत्व करने वाले लोकायुक्त पुलिस सागर के डीएसपी राजेश खेड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता ध्रुव सिंह लोधी से पेट्रोल पंप की एनओसी के लिए रिश्वत की मांग की गई थी। श्री लोधी ने रिश्वत की पहली किस्त 1 लाख 80 हजार रुपये दो माह पूर्व दी थी तथा दूसरी किस्त 1 लाख 40 हजार रुपये आज जब दी, उसी समय जिला आपूर्ति अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव व लिपिक महेश गंगेले को रंगे हाथ पकड़ा गया। आपूर्ति अधिकारी के पास से एक लाख 25 हजार तथा लिपिक के पास 15000 रुपये बरामद हुए हैं। डीएसपी श्री खेडे ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।

पहले दी थी एक लाख अस्सी हजार रुपए की रिश्वत

शिकायतकर्ता ध्रुव सिंह लोधी पिता उत्तम लोधी 48 वर्ष निवासी हरदुआ खमरिया ने बताया कि पेट्रोल पंप लगाने के लिए एनओसी प्रदान करने के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी ने 5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। पूर्व में उनके द्वारा पहली किस्त 1 लाख 80 हजार रुपये दी जा चुकी है, जिसमें आपूर्ति अधिकारी को डेढ़ लाख रुपए व लिपिक को 30 हजार रुपये दिए थे। इतनी राशि देने पर भी उन्होंने काम नहीं किया पूरे 5 लाख रुपये मांग रहे थे। इसकी शिकायत मेरे द्वारा गत 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस से की गई। फल स्वरुप तहकीकात के बाद मामला सही पाए जाने पर लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने आज जिला आपूर्ति अधिकारी व लिपिक दोनों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाँथ गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि अति पिछड़े पन्ना जिले में प्रशासन में भ्रष्टाचार और घूसखोरी चरम पर है। यहां के सरकारी कार्यालयों में रिश्वत दिए बगैर आम आदमी का कोई काम नहीं होता। रिश्वत न देने पर लोगों को कार्यालय के चक्कर कटवाकर परेशान किया जाता है।

उज्जवला योजना में कार्यक्रम के नाम पर ली गई रिश्वत

लोकायुक्त पुलिस टीम रीवा के द्वारा अनूपपुर के डीएसओ अंबोज श्रीवास्तव को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
अनूपपुर जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में हितग्राहियों को गैस चूल्हा वितरित करने के लिए सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में हुए खर्च के एवज में जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अंबोज श्रीवास्तव ने गैस एजेंसी संचालकों से राशि की मांग की थी। उनके द्वारा दो दिन पहले जैतहरी के गैस एजेंसी के संचालक अनिल प्रजापति से 20 हजार रुपए की मांग की गई थी। बाद में 18 हजार रुपए देने की बात तय हुई।
इण्डेन गैस एजेंसी संचालक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा को कर दी। इसके बाद प्लानिंग के तहत गैस एजेंसी संचालक ने यह राशि सर्विस इंजीनियर अनिरुद्ध केवट को दी। अनिरुद्ध ने जैसे ही राशि अंबोज श्रीवास्तव को दी तभी लोकायुक्त पुलिस टीम ने उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। साथ ही सर्विस इंजीनियर अनिरुद्ध केवट को भी पकड़ा है। गैस एजेंसी संचालक का आरोप है कि, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में कार्यक्रम के एवज में जिले की दूसरी गैस एजेंसियों के संचालकों से भी अवैध वसूली की गई है।