* कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बड़े नेता प्रजापति के समर्थन कर सकते हैं संयुक्त आमसभा
* सांसद की विफलताओं के साथ क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों को उठाने पर संकट में फंस सकती है भाजपा
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनैतिक दलों का चुनाव प्रचार अभियान जोरो-शोरों से जारी है। इस बीच इंडिया गठबंधन ने एक बड़ा दांव खेला है। मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट पर इंडिया गंठबंधन ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के उम्मीदवार एवं पूर्व IAS ऑफिसर आरबी प्रजापति उर्फ राजा भैया प्रजापति को समर्थन देने का एलान किया है। सोमवार को भोपाल में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी नेताओं ने प्रेसवार्ता कर इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। दरअसल, कांग्रेस ने गठबंधन के तहत एमपी की एकमात्र खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी थी। लेकिन, विगत दिनों सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन रद्द हो जाने के कारण गठबंधन का कोई उम्मीदवार यहां से नहीं बचा था। जिससे भाजपा को चुनाव से पहले वॉकओवर मिलने की स्थिति बनती दिख रही थी। हालांकि, इंडिया गठबंधन की ओर से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार को समर्थन का एलान करने के बाद से इतना तो स्पष्ट है कि, अब खजुराहो सीट पर चुनावी मुकाबला एकतरफा नहीं होगा। भाजपा ने यहां से अपने प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा (वीडी शर्मा) को पुनः चुनावी समर में उतारा है। बदले हुए चुनावी समीकरणों के मद्देनजर जानकारों का मानना है, इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार आरबी प्रजापति भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
विचार मंथन के बाद लिया फैसला
खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन रिजेक्ट होने पर इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा था। गठबंधन की ओर से किसी का डमी नामांकन दाखिल न होने पर चुनावी साझा रणनीति के सतहीपन को लेकर सवाल उठने लगे थे। भाजपा को वॉकओवर मिलने की स्थिति बनते देख कांग्रेस व सपा के रणनीतिकार चुनाव मैदान में शेष बचे 13 अभ्यर्थियों में भाजपा प्रत्याशी एवं विष्णु दत्त शर्मा (वीडी शर्मा) को कड़ी टक्कर देने का माद्दा रखने वाले मजबूत प्रत्याशी की टोह लेने में जुट गए। इधर, वीडी शर्मा को निर्विरोध निर्वाचित कराने के लिए उनके करीबी भाजपा नेता तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए अभ्यर्थियों पर नामांकन वापस लेने का दबाव डालने और इसके एवज में सरकार में महत्पूर्ण पद दिलाने का लालच देने लगे। कुछ ऐसा ही ऑफर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के उम्मीदवार आरबी प्रजापति उर्फ राजा भैया प्रजापति को दिया गया। नामांकन वापस लेने का दबाव बनाए जाने से परेशान होकर प्रजापति ने मुख्य चुनाव आयुक्त को भाजपा नेताओं की नामजद लिखित शिकायत भेज दी। मामला मीडिया की सुर्ख़ियों में आने पर मचे हड़कंप के बीच बीते दिनों आरबी प्रजापति ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और सपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव से मुलाकत की थी। प्रजापति को समर्थन देने के मुद्दे पर कई दिनों तक विचार मंथन करने के बाद सोमवार को इंडिया गठबंधन ने आखिरकार इसका एलान कर दिया।
राहुल और अखिलेश की आमसभा करवाने का प्लान
सोमवार 15 अप्रैल को कांग्रेस और सपा ने संयुक्त रूप से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के उम्मीदवार को समर्थन का एलान किया। पीपीसी में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता मुकेश नायक, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रदेश अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह गिल और सपा के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश नायक ने बताया कि आने वाले समय में यह सीट और ज्यादा हॉट होने वाली है। यहां कांग्रेस और सपा के बड़े नेता प्रचार करते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि खजुराहो में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की संयुक्त सभा का प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ ही कई और बड़े नेता इस सीट में प्रचार करने के लिए जाएंगे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि हम सभी इंडिया गठबंधन के सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की हत्या कैसे करती है, इसका ताजा उदाहरण खजुराहो से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने की प्रक्रिया है।
इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी होंगे प्रजापति
कांग्रेस पार्टी की ओर खजुराहो सीट पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के उम्मीदवार आरबी प्रजापति को समर्थन देने की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस में जारी बयान में लिखा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने खजुराहो लोकसभा सीट इंडिया ग्रुप के अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दिया था। दुर्भाग्य से सत्ता के खुले खेल और लोकतंत्र के सभी मानदंडों के खिलाफ जाकर भाजपा सपा उम्मीदवार का नामांकन खारिज करवाने में सफल हो गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अब इंडिया ग्रुप के एक अन्य सदस्य, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। वह मध्य प्रदेश के खजुराहो लोकसभा से इंडिया ग्रुप के संयुक्त प्रत्याशी होंगे। बता दें कि, AIFB प्रत्याशी आरबी प्रजापति का चुनाव चिन्ह शेर है।
सांसद की नाकामियों को लेकर क्षेत्रवासियों में नाराज़गी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा (वीडी शर्मा) खजुराहो लोकसभा सीट से पुनः चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। बता दें, वर्ष 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते शर्मा ने 8,11,135 मत प्राप्त किए थे। जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी रहीं कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह 3,18,753 मतों पर सिमट गईं थी। इस तरह वीडी ने पिछले चुनाव 4,92,382 मतों के विशाल अंतर से जीत दर्ज कराई थी। मोदी मैजिक में मिली रिकार्ड जीत को सांसद जी शायद अपनी लोकप्रियता का करिश्मा समझ बैठे है। शायद इसीलिए वह 2024 का चुनाव देश में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीतकर इतिहास बनाने के संकल्प को लेकर मैदान में उतरे हैं। इतिहास रचने का सपना देखने की होड़ में सांसद के चेले मुंगेरीलाल से भी चार कदम आगे हैं। महीने भर पहले 9 लाख के अंतर से जीत दर्ज कराने के लक्ष्य को चेलों ने बढ़ाकर 10 लाख तक पहुंचा दिया है।
यहां सवाल उठता है कि, पिछले पांच साल में खजुराहो संसदीय क्षेत्र में वीडी ने ऐसा कौन सा करिश्मा कर दिया जिसके बलबूते वह अपनी ऐतिहासिक जीत का दावा कर रहे हैं? स्पष्ट शब्दों में कहें तो सांसद महोदय ने अति पिछड़े इस इलाके में एक भी ऐसा काम नहीं कराया जिसे वह अपनी उपलब्धि के तौर पर बता सकें। क्षेत्र के लोग भीषण बेरोजगारी, शोषण, पलायन, जल संकट, महंगाई, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं, चौपट उच्च शिक्षा-तकनीकी शिक्षा, खनिज संसाधनों की खुली लूट, बेइंतहां भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और अफसरशाही का दंश झेलने को मजबूर है। डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र की बदहाली दूर न होना जनप्रतिनिधि के तौर उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
विपक्षी दल कांग्रेस के नेता इन्हीं सब कारणों से वीडी शर्मा पर सार्वजानिक तौर पर हमला बोलते हुए “नाकारा सांसद” कहकर संबोधित करते हैं। वहीं सुख-दुःख में कोई खैर-खबर न लेने के कारण क्षेत्र के बहुसंख्यक मतदाता भी अपने सांसद से खासे नाराज बताए जाते है। जानकारों का मानना है इंडिया गठबंधन के सभी दलों ने अगर एकजुटता के साथ रणनीति के तहत सांसद की नाकामियों, डबल इंजन सरकार की जनविरोधी नीतियों, सांप्रदायिक-धार्मिक एजेंडे और क्षेत्र के मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाया तो भाजपा के लिए यह चुनावी मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण साबित सकता है।