* कैदियों को सुविधाएं देने के एवज में वसूली को लेकर जेल प्रहरी से हुआ था विवाद
* घटना के बाद से बगैर सूचना के गायब महिला जेलर निलंबित, आरोपी पति है फरार
* आपराधिक पृष्ठभूमि वाले आरोपी के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज हैं कई प्रकरण
* महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं ने कहा- घटना की विभागीय जांच कराएंगे
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना की बदनाम जिला जेल एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार कारण जिला जेल के मुख्य द्वार पर जेल प्रहरी और जेलर के पति के बीच हुआ विवाद है। जिसके चलते जेलर के पति ने जेल के बाहर कट्टे से फायर करते हुए हवा में गोलियां चला दीं। इस सनसनीख़ेज अप्रत्याशित घटनाक्रम के चलते जिला जेल पन्ना के परिसर में हड़कंप मच गया। दिनदहाड़े गोलियां चलने की आवाज़ सुनकर जेल के अंदर बंद कैदी/बंदी और जेल परिसर समेत आसपास रहने वाले लोग दहशत में आ गए। घटना की रिपोर्ट जेल प्रहरी बृहस्पति सिंह 50 वर्ष ने कोतवाली थाना पन्ना में दर्ज कराई है। कोतवाली पुलिस ने जेलर के आरोपी पति ज़लील साईं के विरुद्ध आईपीसी की धारा 353, 336, 506 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया है। जेल परिसर में घटित गोलीबारी की हैरान करने वाली यह घटना पन्ना नगर समेत मध्यप्रदेश के जेल महकमे में चर्चा का विषय बनीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला जेल पन्ना में पिछले कई सालों से पदस्थ सहायक उप अधीक्षक मंजू कुजूर का पति ज़लील साईं आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति है। कथित तौर पर एक मामले में न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा प्राप्त जलील फिलहाल जमानत पर है। मंगलवार 22 जून को दोपहर में लगभग डेढ़ बजे जलील साईं जिला जेल के मुख्य द्वार पर पहुंचा जहां अनाधिकृत तौर पर जेल के अंदर प्रवेश करने को लेकर उसका प्रहरी बृहस्पति सिंह से विवाद हो गया। प्रहरी के मना करने पर उसके द्वारा जान से मारने की धमकी देते हुए कट्टे से हवाई फायर कर गोलियां चलाई गईं। इससे कुछ देर के लिए जेल परिसर में अफरा-तफरी फ़ैल गई। फायरिंग की घटना के समय आरोपी की पत्नी सहायक उप अधीक्षक मंजू कुजूर स्वयं जेल के अंदर ड्यूटी पर थीं।
जेल परिसर में हुए गोली काण्ड की सूचना तुरंत जेल विभाग के वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों एवं कोतवाली थाना पन्ना पुलिस को दी गई। हालांकि कोतवाली पुलिस जब मौके पर पहुंची तब तक आरोपी फरार हो चुका था। पुलिस के द्वारा आरोपी की धरपकड़ के लिए सरगर्मी से उसकी तलाश करने एवं संभावित ठिकानों पर दबिश देने की बात कही जा रही है। उधर, इस घटना के बाद से ही सहायक उप अधीक्षक मंजू कुजूर बगैर सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित हैं। महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं भोपाल अरविंद कुमार (आईपीएस) ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए मंजू कुजूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पत्नी की आड़ में कैदियों के परिजनों से करता था वसूली
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपराधिक तत्व जलील साईं अपनी जेलर पत्नी की आड़ में काफी समय से न सिर्फ जिला जेल पन्ना के दैनिक कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप करता था बल्कि जेल में बंद कैदियों/बंदियों की उनके परिजनों से मुलाक़ात कराने, जेल के अंदर उनके पास भोजन आदि सामग्री पहुंचाने, तथा सुविधायें दिलाने के नाम पर वसूली करता था। “जब सैयां भये कोतवाल तो फिर डर काहे का” वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए जलील धड़ल्ले से मुलाकातियों से उगाही की अपनी दुकान सिर्फ इसलिए चला पा रहा था क्योंकि, उसे इस काम में अपनी पत्नी का प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से पूर्ण सहयोग मिल रहा था। फलस्वरूप जलील साईं की जिससे सेटिंग हो जाती उसका काम गारण्टी के साथ होता था। जेल के एक कर्मचारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि, मंगलवार को प्रहरी से हुआ विवाद भी अवैध वसूली में हिस्सेदारी से जुड़ा है। दरअसल, जेलर के पति की वसूली के कारण कतिपय जेल प्रहरियों के आर्थिक हित प्रभावित हो रहे थे। जिसे लेकर उनके बीच व्यापक असंतोष पनप रहा था।
