मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार संतुलित उर्वरक उपयोग की दी गई जानकारी

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* विशेषज्ञों ने किसानों को बताया मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना द्वारा ग्राम नचने विकासखण्ड गुनौर में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। केन्द्र के प्रभारी डाॅ. आशीष कुमार त्रिपाठी द्वारा मृदा परीक्षण के महत्व उसकी विधि तथा मृदा स्वास्थ्य पत्रक के आधार पर संतुलित उर्वरक उपयोग की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि जिले की मिट्टी में नत्रजन कम से मध्यम, फास्फोरस मध्यम है ऐसी स्थिति में गोबर की खाद के पर्याप्त उपयोग के साथ साथ जैव उर्वरकों का उपयोग अत्यंत आवश्यक है साथ ही किसान भाई पोटाश खाद का उपयोग भी करें ताकि संतुलित उर्वरक उपयोग से मृदा के भौतिक एवं रासायनिक गुणों में फसल उत्पादन लेने से गिरावट न आये।

जैविक खाद बनाने की बताई विधि

कृषि विभाग के श्रीराम रिछारिया ने विभागीय योजनाओं तथा मिट्टी परीक्षण हेतु नमूने लेने की विधि के बारे में बताया। ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कृषि समन्वयक सुशील शर्मा जी ने जैविक कृषि पद्धति, केंचुआ खाद उपयोग एवं जैविक कीटनाशी बनाने की विधि व उपयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम में 60-70 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।