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सहायक संचालक उद्यान का दावा, सहजन को बताया संजीवनी वृक्ष
इस चमत्कारिक पेड़ का हर हिस्सा औषधीय गुणों से है परिपूर्ण
पत्तियों के रस का नियंमित प्रयोग करने से उतर जाता है आँखों का चश्मा
पन्ना। रडार न्यूज हमारे आसपास ऐसी कई गुणकारी औषधियां मौजूद हैं, जिनका उपयोग विभिन्न रोगों-बीमारियों के उपचार में रामबाण साबित हो सकता है, आवश्यकता सिर्फ इनकी उपयोगिता की जानकारी होने की है। घर, खेत, आँगन यहां तक कि बड़े गमलों में भी सहजता से उगाये जा सकने वाले सर्व सुलभ सहजन (मुनगा) ऐसा ही पेड़ है जोकि औषधीय गुणों की खान है। यह एक ऐसा पेड़ है जिसका हर हिस्सा उपयोगी तथा औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। सहजन की ताजी पत्ती का रस निकालकर यदि एक-दो बूँद आँख में डाली जाये तो तमाम तरह के नेत्र रोगों से जहां निजात मिल जाती है, वहीं कुछ ही दिनों के प्रयोग से आँखों का चश्मा तक उतर जाता है। उद्यान विभाग पन्ना के सहायक संचालक महेन्द्र मोहन भट्ट का कहना है कि सहजन (मुनगा) की पत्तियों के रस का उपयोग करने से न सिर्फ नेत्र ज्योति बढ़ती है अपितु मोतियाबिन्द के जाले तक छँट जाते हैं तथा आँख पूर्व की तरह निर्मल और तरो ताजा हो जाती है। उल्लेखनीय है कि कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिये सहजन के पौधे को जिसे स्थानीय भाषा में मुनगा भी कहा जाता है, उसे जिले के प्रत्येक आँगनबाड़ी केन्द्र व घरों में रोपित किये जाने का अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसमें उद्यान विभाग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।सहायक संचालक उद्यान श्री भट्ट ने बताया कि उद्यान विभाग की नर्सरियों में सहजन के पौधे तैयार कर रोपण के लिये उपलब्ध कराये जाते हैं। आपने बताया कि यह बहुत ही तेज गति से बढऩे वाला पौधा है और किसी भी तरह की मिट्टी व वातावरण में लग जाता है। श्री भट्ट ने सहजन को इस सदी का संजीवनी पेड़ बताया और कहा कि इसकी पत्तियों में प्रचुर मात्रा में खनिज लवण और विटामिन पाया जाता है इसीलिये इसे एनर्जी ब्लास्टर भी कहा जाता है। सहजन के पौधे में जड़ से लेकर फूल,पत्तियों व फलियों में सेहत के गुण भरे हुये हैं।
इलाज कराने नर्सरी पहुँचते हैं नेत्र रोगी
जिला मुख्यालय पन्ना से महज 4 किमी दूर पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर स्थित उद्यान विभाग की नर्सरी में आस-पास के अनेकों नेत्र रोगी पहुँचते हैं,जिनकी आँख में सहजन की पत्ती का रस सहायक संचालन उद्यान स्वयं डालकर उन्हें नेत्र रोग से मुक्त करने का कार्य करते हैं। श्री भट्ट के मुताबिक अब तक अनेकों लोगों की आँखों से चश्मा हट गया है, वे स्वयं बिना चश्मे के लिखने-पढऩे का पूरा काम करते हैं। आपने बताया कि सहजन की पत्तियों का ताजा रस सीधे आँख में डालने के बजाय उसे बराबर मात्रा में शहद व पानी मिलाकर डायलूट किया जा सकता है। क्योंकि अकेली पत्तियों का रस उपयोग करने से कुछ देर तक जलन महसूस होती है, लेकिन 10-15 मिनट बाद ही आँखें तरोताजा हो जाती हैं तथा शीतलता का अहसास होता है।
हाई ब्लड प्रेशर होता है नियंत्रित
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सहजन की पत्तियों के रस का काढ़ा बनाकर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को देने से लाभ मिलता है। इसका काढ़ा पीने से घबराहट, चक्कर आना तथा उल्टी जैसी तकलीफों से भी राहत मिलती है। सहजन की पत्तियां नेत्र रोग के अलावा मोच व गठिया जैसी बीमारियों के लिये भी फायदेमंद है। सहायक संचालक श्री भट्ट ने बताया कि सहजन की फली में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाताहै, जो बच्चों के लिये बहुत फायदेमंद होता है, इससे हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत बनते हैं। मोटापा और शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को दूर करने के लिये भी सहजन को एक लाभदायक औषधि माना गया है।